खाने में लोग हर चीज खाते हैं। कोई पौधों की कच्ची पत्तियां तक खाता है तो कहीं लोगों चींटी की चटनी तक भी खाते हैं। लेकिन कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां लोग केकड़े का खून भी पीते हैं। माना जाता है कि इस केकड़े का खून अमृत समान होता है और लोग स्वस्थ रहने के लिए इसे अपने खाने में जरूर शामिल करते हैं। इसकी कीमत जानकर आप हैरान रह जाओगे।
इस केकड़े का खून इंसानों के लिए फायदेमंद है और जैसा की आप जानते हैं कि इंसान अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकता है। इस फायदे के लिए इंसान कच्ची पत्तियों से लेकर कच्चा मीट तक खा सकता है। तो फिर तो यह केकड़े का खून है।
यह केकड़ा नॉर्थ अमेरिका में मिलता है। वहां के समुद्रों में विशेष तरह का केकड़ा मिलता है जिसका खून अमृत के समान होता है। सुनने में आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। नॉर्थ अमेरिका के समुद्र में पाए जाने वाले इस केकड़े का खून अमृत माना जाता है।
इस केकड़े को हॉर्सशू कहा जाता है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये खून लाल नहीं बल्कि नीला होता है। ये बिल्कुल घोड़े की नाल की तरह दिखाई देता है, इसलिए इसका नाम हॉर्सशू क्रैब रखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक, केकड़े की ये प्रजाति करीब 45 करोड़ (450 million years) सालों के पृथ्वी पर है।
इस केकड़े के खून की कीमत लाखों में है। इस केकड़े का खून 10 लाख रु प्रति लीटर बिकता है। इस केकड़े का खून मेडिकल साइंस और दवाईयों को बनाने के लिए यूज़ किया जाता है। मेडिकल साइंस में इस केकड़े का खून इसकी एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी की वजह से इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि केकड़े का नीला खून ही अब उसके अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है।
शरीर के अंदर इंजेक्ट कर खतरनाक बैक्टीरिया की पहचान करने वाली दवाओं में केकड़े के नीले खून का प्रयोग किया जाता है। ये खतरनाक बैक्टीरिया के बारे में सटीक जानकारी देता है। यही वजह है कि इसकी कीमत करीब 10 लाख रुपए प्रति लीटर है। रिपोर्ट के मुताबिक, खून के लिए ही हर साल 5 लाख से भी ज्यादा केकड़ों को मार दिया जाता है।
इंसान के खून में हीमोग्लोबिन होता है जिसकी वजह से इंसान का खून लाल होता है। लेकिन केकड़े के खून में हीमोस्याइनिन होता है जिसकी वजह से इसका खून नीला होता है। खून में कॉपर बेस्ड हीमोस्याइनिन (Hemocyanin) होता है, जो ऑक्सीजन को शरीर के सारे हिस्सों में ले जाता है। (Read More: हिमाचल स्टाइल में चना मद्रा बनाने की रेसिपी जानिए)
इन केकड़ों को अलग-अलग जगह से पकड़ा जाता है। उनकी अच्छे से धुलाई और सफाई की जाती है और फिर इन्हें लैब में ले जाया जाता है। केकड़ों को जिंदा ही स्टैंड पर फिट कर उनके मुंह के पास नस में सिरिंज लगाकर नीचे बॉटल रख दी जाती है। धीरे धीरे बॉटल में खून इकट्ठा होता जाता है।
तो यह थी केकड़े के नीले खून की पूरी कहानी जिसे जानकर आपको हैरानी हो सकती है लेकिन यह तो आपको मानना पड़ेगा की यह है कमाल की चीज।
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