टेस्टी-टेस्टी सत्तू की कचौड़ी खाइए और अपना दिन हैप्पी बनाइए

सुबह का नाश्ता टेस्टी हो तो पूरा दिन अच्छा गुजरता है और बात सत्तू की कचौड़ी की हो तो कहने ही क्या। आंवले की चटनी के साथ सत्तू की कचौड़ी का मजा लें और अपनी सर्द सुबहों को खुशगवार बनाएं।

sattu ki kachori bihari deep fry recipe article

सर्दियों में सुबह-सुबह ही कुछ टेस्टी सा खाने के लिए जी ललचाने लगता है। ओट्स, दलिया, कॉर्न फ्लेक्स जैसे नाश्तों के बजाय कुछ चटपटा खाने का जी करे तो सत्तू की कचौड़ी घर पर बनाइए। इन टेस्टी पूड़ियों का जायका ऐसा होता है कि इन्हें खाते ही आपके मन को तृप्ति मिल जाएगी। घर-परिवार के सभी लोगों को यह नाश्ता पसंद आएगा।

सत्तू की कचौड़ी के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि इसे बनाना बहुत आसान है और इसे बनाने में समय भी कम ही लगता है। सत्तू आजकल हर छोटी-बड़ी दुकान पर आसानी से उपलब्ध है। साथ ही सत्तू की बनी कचौड़ियों को आप 4-5 दिन तक रखकर भी खा सकती हैं। डीप फ्राई होने की वजह से ये कचौड़ियां लंबे वक्त तक स्वादिष्ट बनी रहती हैं। तो आइए जानते हैं कि इस रेसिपी को कैसे तैयार किया जाए-

सत्तू की कचौड़ी बनाने की सामग्री

आटा गूंथने के लिए :

  • गेहूं का आटा - 2 कप
  • तेल - 4 टेबल स्पून
  • नमक - स्वादानुसार (एक छोटी चम्मच)
  • भरावन के लिए :
  • सत्तू - 150 ग्राम या 1 कप से थोड़ा कम )
  • घी या तेल - 3-4 टेबल स्पून (भरावन में मिलाने के लिए)
  • हींग - 2 चुटकी
  • जीरा - आधा छोटी चम्मच
  • धनिया पाउडर - 1 छोटी चम्मच
  • सौंफ पाउडर - 1 छोटी चम्मच
  • हरी मिर्च - 2 (बारीक कटी हुई)
  • अदरक - एक इंच लंबा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
  • लाल मिर्च - एक चौथाई छोटी चम्मच
  • गरम मसाला - एक चौथाई छोटी चम्मच
  • अमचूर पाउडर - आधा छोटी चम्मच
  • नमक - स्वादानुसार ( आधा छोटी चम्मच)
  • हरा धनिया - एक टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
  • तेल - कचौड़ियां तलने के लिए

सत्तू की कचौड़ी बनाने की विधि

किसी बर्तन में आटा छलनी से छान कर रख लें। आटे में तेल और नमक डाल कर मिलाइए। ठंडे पानी की सहायता से नरम आटा गूंथ लें। इसके बाद आटे को ढंककर 15 -20 मिनट के लिए रख दीजिये। इससे आटा कुछ देर में और मुलायम हो जाएगा।

भरावन के लिए सत्तू को छान कर किसी बर्तन में निकाल लें, कड़ाही में घी या तेल डाल कर गरम कर लें, गरम तेल में हींग और जीरा डालें, जीरा चटकने के बाद, हरी मिर्च और अदरक डाल दें। सत्तू, धनिया पाउडर और सौंफ पाउडर डाल कर चमचे से उसे चलाते रहें जब तक कि वह सुनहरा ना हो जाए। सत्तू भुनने में ज्यादा वक्त नहीं लगता क्योंकि यह पहले से भुना हुआ होता है। इस भुने हुए सत्तू में लाल मिर्च, गरम मसाला, अमचूर पाउडर, नमक और हरा धनिया डाल कर अच्छी तरह मिलाइए। कचौड़ी में भरावन भरने के लिये तैयार है।

इस तरह बनाएं कचौड़ियां

कड़ाही में तेल डाल कर गरम कर लीजिए। कचौड़ी के आटे से लोइयां बनाइए और उसे बड़ा करके उनमें भरावन भरकर चारों तरफ से बंद कर दीजिए। इसके बाद हथेली पर रख कर दूसरे हाथ से कचौड़ी को थोड़ा सा दबा कर बड़ा कर लें। इसके बाद चकले पर इसे रखकर बेलन की सहायता से आकार थोड़ा बड़ा कर लें। इस बात पर ध्यान दें कि भरावन कहीं से निकले नहीं। क्योंकि कचौड़ी से भरावन बाहर आने पर वह तलने के दौरान कड़ाही में बिखर सकता है। जब कचौड़ियां भरकर तैयार कर लें तो कड़ाही में तेल गर्म करें। इसके बाद गैस को मध्यम आंच पर कर लें और कचौरियों के ब्राउन होने तक उन्हें उलट-पलट कर तल लें। इस तरह सारी कचौड़ियां तेल में डीप फ्राई लें। तो लीजिए, गरमागरम सत्तू की कचौड़ियां तैयार हैं।

इन कचौड़ियों को आप बूंदी के रायते और आंवले की या फिर हरा धनिया-टमाटर की चटनी के साथ सर्व करें तो इन्हें खाने का मजा दोगुना हो जाएगा।

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