खट्टा-मीठा आचार पूरे खाने का स्वाद बढ़ा देता है। आप केवल दाल-चावल खा रही हैं और केवल उसके साथ आचार मिल जाए तो आपको बेस्वाद दाल-चावल में भी स्वाद आने लगेगा। आचार का तेल ही तो होता है लिट्टी-चोखे का स्वाद बढ़ाता है। क्योंकि लिट्टी के मसाले में आचार का तेल ही डाला जाता है और इस तेल के स्वाद का ही कमाल होता है जो इसे बिहार का फेमस लिट्टी-चोखा बनाता है। इस कारण ही हर घर में आचार हर साल बनाया जाता है।
प्रेग्नेंसी में महिलाएं खट्टे की क्रेविंग को आचार खाकर ही खत्म करती हैं। इसलिए तो इंडिया में जब भी कोई महिला आचार खाती है तो उसके प्रेग्नेंट होने का अंदाजा लगाया जाता है।
टीफिन में परांठे के साथ आचार दे दिया जाता है तो बच्चे खुश हो जाते हैं। वैसे भी बच्चों को ज्यादा सब्जियां खाना पसंद नहीं होता है।
इन सब फायदों के कारण ही आचार हर घर में डाला जाता है। अलग-अलग अचार के लिए अलग-अलग तरह के मसाले भी तैयार किए जाते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि अचार डालते समय कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। इन सब बातों का ख्याल रखकर ही आप लंबे समय तक आचार को खराब होने से बचा सकती हैं।
लेकिन ज्यादा धूप नहीं मिलने और नमी हो जाने के कारण कई बार आचार खराब हो जाता है। जैसे कि अभी ठंड का मौसम आ रहा है। इस मौसम में वातावरण में बहुत गर्मी हो जाती है। ऐसे में कई बार घर में रखा आचार खराब हो जाता है और पूरा आचार फेंकना पड़ता है। आपके भी घर में इस मौसम में आचार में फूफंद लग जाते होंगे।
अगर हां, तो यह आर्टिकल केवल आपके लिए हैं। आइए जानते हैं अचार को खराब होने से बचाने के टिप्स।
जब भी आचार बना लें तो उसे खोल कर धूप में सुखाने के लिए ना रखेँ। बल्कि आचार के जार को सूती कपड़े से पूरी तरह ढककर 4 से 5 दिन के लिए धूप में रखें। ताकि अचार की नमी पूरी तरह से चले जाए और उसमें फूफंद ना लगे। (Read More: नींबू के छिलके का ऐसे बनाएं आचार, खाने में आ जाएगा दोगुना स्वाद)
आचार बनाने के लिए आप जिन मसालों का इस्तेमाल करने वाली हैं उन्हें पहले भून लें। इससे मसालों की नमी खत्म हो जाएगी और वे आपस में मिक्स होकर एक-दूसरे को खराब नहीं करेंगे। वैसे भी मसालों को भूनकर इस्तेमाल करेंगी तो इससे मसालों का स्वाद ही बढ़ जाएगा।
नमक से पानी भी होता है और नमक आचार के लिए प्रिजर्वेटिव का भी काम करता है। इसलिए आचार में नमक की मात्रा को ना कम करें और ना ही ज्यादा। आचार में हमेशा नमक संतुलित मात्रा में डालें। इससे आचार खराब नहीं होगा।
तेल वाले अचार में अचार का तेल में डूबा रहना जरूरी होता है। इससे आचार खराब नहीं होता है। क्योंकि तेल में फुफंद नहीं लगते।
अगर रोजाना आचार इस्तेमाल करती हैं तो बड़े जार में से रोजाना आचार ना निकालें। रोजाना इस्तेमाल के लिए थोड़े से आचार को अलग से एक कांच की छोटी बोतल में अलग कर रख लें।
इन सब टिप्स को फॉलो करें और अपने आचार को ज्यादा लंबे समय तक यूज़ करें।
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