उत्तराखंड देश का एक प्रमुख राज्य होने के साथ-साथ एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र भी है। इस राज्य को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। इस राज्य की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां भारत के अलावा विश्व के हर कोने से पर्यटक घूमने और मौज-मस्ती करने के लिए पहुंचते हैं।
नैनीताल, मसूरी, रानीखेत, ऋषिकेश, चैल या वैली ऑफ फ्लावर्स जैसी चर्चित जगहों पर हर महीने हजारों लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां घूमने के अलावा स्वादिष्ट फूड्स का भी लुत्फ उठाया जा सकता है। वैसे भी पहाड़ी एरिया के व्यंजन काफी फेमस हैं, जिनका स्वाद न सिर्फ पहाड़ी एरिया में उठाया जा सकता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ ऐसे फूड्स हैं, जिन्हें खरीदकर लाया भी जा सकता है। खास बात यह है कि इन फूड्स का इस्तेमाल कहीं भी उठाया जा सकता है, बस आपको स्टोर करने के सही हैक्स पता होने चाहिए।
सिंगोड़ी उत्तराखंड की एक पारंपरिक मिठाई है, जिसे बड़ी ही चाव से खाया जाता है। लोककथाओं से पता चलता है कि इसे बनाने की शुरुआत कुमाऊं या टिहरी क्षेत्रों में हुई थी। खोये से बनी इस मीठी मिठाई का स्वाद बहुत ही अलग है।
इसे बनाने के लिए खोया को भुना जाता है औरसूखा नारियल का इस्तेमालभी किया जाता है। साथ ही, इसमें पत्ते का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे आप अपने घर में 10-12 दिनों तक रख सकते हैं. इसके अलावा, आप राज्य की मिठाई की दुकानों से दूध आधारित बाल मिठाई भी खरीद सकते हैं।
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पहाड़ी एरिया के अनाज बहुत ही अच्छे होते हैं। इसलिए अगर आप चाहें तो यहां से अनाज खरीदकर ला सकते हैं, खासकर बार्नयार्ड बाजरा। बाजरा इसलिए क्योंकि बहुत ही ज्यादा खाया जाता है और यहां अलग-अलग किस्म के बाजरा आपको मिल जाएंगे।
मगर आप बार्नयार्ड किस्म का बाजरा ही खरीदें, क्योंकि इसका न सिर्फ स्वाद अच्छा होता है बल्कि हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है। वैसे भी यह ग्लूटेन-मुक्त है, इसलिए अगर आप ग्लूटेन एलर्जी से पीड़ित हैं तो यह भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
हम आपको पता ही चुके हैं कि पहाड़ी एरिया में अनाजबहुत ही अच्छे पाए जाते हैं। मगर क्या आपको पता है कि इसी लिस्ट में रागी भी आता है। हालांकि, यह बहुत कम लोग जानते होंगे कि रागी को फिंगर मिलेट के नाम से भी जाना जाता है।
यह आमतौर पर फलाहार बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह प्रोटीन और अमीनो एसिड से भरपूर बाजरा का ग्लूटेन-फ्री प्रकार है। अगर आपके बच्चे का दिमाग कमजोर है तो आप रागी के बनी डिशेज डिनर, लंच या फिर ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकते हैं।
ये मीठा पकवान है जो त्यौहार के वक्त बनाया जाता है, लेकिन पहाड़ी एरिया में इसे रोटाना कहा जाता है। इस व्यंजन को शादी से एक दिन पहले मेहमानों के लिए घर पर बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए गुड़ और हरी इलायची को पीसकर पानी में घोल लें।
आटे में 4 बड़े चम्मच घी, गुड़ का पानी और नारियल डालकर रोटी के आटे की तरह गूंथ लें। गूंथे हुए मिश्रण का छोटा सा पेड़ा बनाकर सांचे पर रखें, सांचे से निकालकर गरम घी में लाल होने तक तले। बस आपके ठेकुआ बनकर तैयार है।
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रोटियां और अन्य ब्रेड बनाने के लिए यह भारत में बाजरा का एक और लोकप्रिय प्रकार है। इसे स्थानीय रूप से ज्वार के नाम से जाना जाता है। ऑर्गेनिक ज्वार आयरन, प्रोटीन और फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है। यही वजह है कि इसका सेवन भरपूर मात्रा में किया जाता है और अगर किसी को गेहूं से एलर्जी है, तो आप इसका सेवन कर सकते हैं।
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