बिहार, झारखंड और पूर्वी भारत के हिस्सों में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की साधना करके मनाई जाती है। इस चार दिवसीय त्योहार में कई अनुष्ठान होते हैं। इसका पहला दिन नहाय खाए के नाम से जाना जाता है और दूसरे दिन खरना जैसे अनुष्ठान का पालन किया जाता है। इस दिन पूरे दिन व्रत करके शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है जिसे खरना रसिया कहते हैं।
भक्तजन सूर्यास्त के बाद खरना प्रसाद के साथ अपना उपवास तोड़ते हैं। इस प्रसाद में आमतौर पर रसिया (गुड़ और चावल की खीर), चपाती (रोटी) और फल शामिल होते हैं। भोजन को बहुत सावधानी से तैयार किया जाता है। इतना ही नहीं, इसे अक्सर साफ मिट्टी के चूल्हे पर पकाने की परंपरा भी है।
प्रसाद को सबसे पहले छठी मैया और सूर्य देव को चढ़ाया जाता है। प्रसाद चढ़ाने के बाद ही भक्त भोजन ग्रहण करते हैं और इसे बाद में परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ शेयर किया जाता है।
गुड़ और चावल की खीर छठ पूजा की पवित्रता और भक्ति को दर्शाती है। गुड़ मीठा होता है, इसलिए इसे शुभ माना जाता है और चावल पोषण का प्रतीक है। माना जाता है कि यह पारंपरिक प्रसाद शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है।
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रसिया बनाने का तरीका-
- सबसे पहले चावल को बहते पानी के नीचे अच्छी तरह से धोएं। स्टार्च को हटाने के लिए इसे 4-5 बार धोएं। इसके बाद, चावल को लगभग 20 मिनट के लिए पानी में भिगोएं। इससे चावल जल्दी पक जाता है और मुलायम हो जाता है।
- अब एक गहरे और भारी तले वाले बर्तन को मध्यम आंच पर गर्म करें और उसमें दूध डालकर उबाल आने दें। दूध को नीचे चिपकने से रोकने के लिए बीच-बीच में हिलाते रहें। जब दूध उबलने लगे, तो आंच को कम करके धीमी कर दें।
- भिगोए हुए चावल को छान लें और उबलते दूध में मिला दें। धीमी आंच पर इसे पकाएं। चावल नीचे नहीं लगना चाहिए, इसलिए इसे करछी से बार-बार हिलाते रहें। चावल को दूध में तब तक पकने दें जब तक कि वह नरम न हो जाए और दूध गाढ़ा न हो जाए। इस प्रोसेस में लगभग 20-25 मिनट लगेंगे।
- जब चावल पूरी तरह से पक जाए और दूध क्रीमी गाढ़ा हो जाए, तो आंच बंद कर दें। गुड़ डालने से पहले खीर को एक या दो मिनट के लिए ठंडा होने दें। उबलते दूध में गुड़ डालने से वह फट सकता है, इसलिए ध्यान रखें।
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- दूध के थोड़ा ठंडा होने के बाद, कद्दूकस किया हुआ गुड़ डालें और तब तक मिलाएं जब तक वह पूरी तरह से घुल न जाए।
- स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें इलायची के दाने डालकर मिक्स करें। वहीं, एक छोटे पैन में धीमी आंच पर घी गरम करें और कटे हुए ड्राई फ्रूट्स को डालकर हल्का-सा भूनें।
- सुनहरे भूरे हो चुके ड्राई फ्रूट्स को निकालें और खीर में डालकर मिक्स करें। इसे सबसे पहले छठी मैया और सूर्य देव को भोग में चढ़ाएं।
- भोग लगाने के बाद, खीर को परिवार और दोस्तों के बीच प्रसाद के रूप में बांटकर खाएं। खरना रसिया का आनंद आमतौर पर गरमागरम लिया जाता है, हालांकि कुछ लोग इसे ठंडा खाना भी पसंद करते हैं।
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