Oscars 2025 यानी 97वें अकादमी अवॉर्ड्स के लिए, भारत की ओर से फिल्म 'लापता लेडीज' को भेजा गया था। ऑस्कर में लापता लेडीज की एंट्री से भारतीय फिल्मी फैंस बहुत खुश थे। लेकिन, अब ऑस्कर की लिस्ट से लापता लेडीज बाहर हो गई है। लापता लेडीज के बाहर होने से फैंस को धक्का लगा है। इन्हीं सब के बीच ऑस्कर में फिल्मों का चयन कैसे होता है और चयन के लिए क्या नियम होते हैं, उन्हें लेकर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है।
ऑस्कर में फिल्मों की इंडिपेंडेंट एंट्री भी होती है। इंडिपेंडेंट एंट्री, ऑफिशियल एंट्री से किस तरह अलग होती है और आखिर कौन तय करता है कि ऑस्कर में ऑफिशियल एंट्री के तौर पर किस फिल्म को भेजा जाएगा, क्या इसमें सरकार का कोई रोल है, चलिए आपको पूरी डिटेल्स बताते हैं।
किन नियमों के साथ होता है फिल्मों का ऑस्कर में चयन?
ऑस्कर में किसी भी फिल्म की ऑफिशियल एंट्री के लिए 5 नियमों को पूरा करना जरूरी माना जाता है।
पहला नियम फिल्म की लेंथ यानी लंबाई होता है। इसमें देखा जाता है कि फिल्म की लंबाई कितने मिनट की है। ऑस्कर नॉमिनेशन के लिए क्वालिफाई करने के लिए फिल्म की लंबाई कम से कम 40 मिनट की होनी चाहिए।
दूसरा नियम फिल्म की क्वालिटी को लेकर होता है। फिल्म का रिजोल्यूशन 1280x720 होना चाहिए।
तीसरे नियम में फिल्म की रिलीज डेट देखी जाती है। जिस भी साल के लिए ऑस्कर अवॉर्ड के लिए फिल्म जा रही है, उसी साल में मूवी की रिलीज डेट होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर, अगर फिल्म साल 2024 की पहली जनवरी से लेकर 31 दिसंबर के बीच रिलीज हुई है, तब ही वह 2025 के अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हो सकती है।
चौथे नियम में फिल्म की प्रिंट क्वालिटी चेक होती है। ऑस्कर नॉमिनेशन के लिए फिल्म 33MM या 70MM के प्रिंट से 24 या 48 फ्रेम प्रति सेकेंड की होनी चाहिए।
पांचवा और सबसे जरूरी नियम होता है कि फिल्म जिस देश से जा रही है, वहीं की रीजनल लैंग्वेज की होनी चाहिए। इसी के साथ फिल्म में इंग्लिश सब-टाइटल भी होने जरूरी हैं।
ऑस्कर में भेजने के लिए फिल्मों का चयन कौन करता है?
View this post on Instagram
ऑस्कर 2025 में फिल्म 'लापता लेडीज' को इंडियन सिनेमा को रिप्रेजेंट करने के लिए भेजा गया है। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने परसो इस बात की घोषणा की। बता दें कि ऑस्कर अवॉर्ड्स में किसी फिल्म को ऑफिशियल भेजने का फैसला फिल्म फेडरेशन के मेंबर करते हैं। इसमें भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की भूमिका नहीं होती है। ऑस्कर के लिए फिल्म को भेजने का प्रोसेस, सितंबर के पहले हफ्ते से शुरू होता है। इस साल, असमिया निर्देशक जाह्नु बरुआ की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय चयन समिति ने आपसी सहमति से फिल्म लापता लेडीज को ऑस्कर 2025 के लिए भेजने का निर्णय लिया। इस कमेटी में सिनेमा बनाने वालों की अलग-अलग यूनियनों से लोगों को शामिल किया जाता है। इस साल फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ज्यूरी तक 29 फिल्में पहुंची थीं, जिनमें से फिल्म 'लापता लेडीज'कोआधिकारिक प्रविष्टि चुना गया।
ऑस्कर अवॉर्ड के लिए फिल्म भेजने के क्या हैं नियम?
फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया तक जो फिल्में पहुंचती हैं, उनमें से आपसी सहमति से कमेटी एक फिल्म का नाम तय करती है। नियम के अनुसार, ऑस्कर में वही फिल्म भेजी जा सकती है, जो पिछले 1 साल के दौरान, देश के किसी थियेटर में रिलीज हुई हो और देश की किसी आधिकारिक भाषा में हो। इसके साथ ही फिल्म में हिंदी सबटाइटल्स भी होने चाहिए। साल 1957 में मदर इंडिया, भारत की तरफ से पहली ऑफिशियल एंट्री थी।
यह भी पढ़ें- Laapataa Ladies in Oscars 2025: आखिर ऑस्कर्स में 'लापता लेडीज' ही क्यों भेजी गई? जूरी ने दिया जवाब
ऑस्कर में फिल्मों की हो सकती है इंडिपेंडेंट एंट्री
ऑस्कर में किसी फिल्म की ऑफिशियल एंट्री के साथ ही, इंडिपेंडेंट एंट्री भी हो सकती है। जैसे अक्षय कुमार की फिल्म 'मिशन रानीगंज' ने ऑस्कर 2024 में इंडिपेंडेंट एंट्री की थी। मेकर्स ने स्वतंत्र रूप से इस फिल्म को एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए अपना सबमिट किया था। उस साल भारत की तरफ से मलयालम फिल्म '2018' को भेजा गया था।यह भी पढ़ें- Oscar 2024 में जाएगी 'मिशन रानीगंज', जानें इससे पहले किन भारतीय फिल्मों ने ऑस्कर में की है इंडिपेंडेंट एंट्री?
Oscars 2025 में Laapataa Ladies की एंट्री के बारे में आप क्या सोचते हैं, हमें कमेंट्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: IMDB
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों