हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है, इस दिन को मानने का उद्देश्य रोजाना किसी की जान बचाने वाले ब्लड डोनर का शुक्रिया और ब्लड डोनेट करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा चिह्नित 8 ग्लोबल पब्लिक हेल्थ अभियानों में से एक है।
भारत में हर 2 सेकंड में एक व्यक्ति को ब्लड की जरूरत होती है। भारत को 4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत है, लेकिन हर साल केवल 40 लाख यूनिट ही उपलब्ध होता हैं। कुछ बहुत ही सामान्य मिथ के कारण ज्यादातर लोग रेगुलर ब्लड डोनेट करने से घबराते हैं। आइए आज ब्लड डोनेशन डे के मौके पर हम ऐसे ही 9 मिथ के बारे में जानते हैं जो हमें ब्लड डोनेशन से रोकते हैं।
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मिथ1: ब्लड डोनेट करने से दर्द देता है।
फैक्ट: जबकि सच्चाई यह है कि ब्लड डोनेट करने में सिर्फ सुई चुभने जैसा दर्द महसूस होता है, जो कुछ ही देर में अपने आप ठीक हो जाता है। और ब्लड डोनेशन करने से आने वाली कमजोरी से खूब सारा पानी और खाना खाकर निपटा जा सकता है।
मिथ 2: स्मोकिंग करने वाले ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं।
फैक्ट: स्मोकिंग करने वाले भी डोनेट कर सकते हैं। लेकिन डोनेट करने वाली की उम्र कम से कम 17 साल और वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए। इसके अलावा आपको ब्लड डोनेट करने के 3 घंटे के बाद स्मोकिंग से बचना और शराब से 24 घंटे दूर रहना चाहिए।
मिथ 3: ब्लड डोनेशन इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है।
फैक्ट: जब आप ब्लड डोनेट करते हैं, तो इम्यून सिस्टम को ऐसा कोई स्थायी खतरा नहीं होता है। रेड ब्लड सेल्स कुछ ही दिनों में नॉर्मल हो जाते हैं, और व्हाइट सेल्स कुछ हफ्ते लगते हैं, हालांकि, अगर बॉडी खुद को खतरे में पाती है, तो वे जल्दी से उत्पादन करती हैं।
मिथ 4: ब्लड डोनेशन में लंबा समय लगता है।
फैक्ट: ब्लड डोनेशन में 45 मिनट से एक घंटे तक का समय लगता है। डोनेशन की प्रक्रिया मुश्किल से 10-12 मिनट में खुद ही हो जाती है, लेकिन फॉर्म भरने से लेकर लेने कुछ खाने तक पूरी प्रक्रिया में कुछ समय लगता है।
मिथ 5: ब्लड डोनेशन से मोटापा बढ़ता है।
फैक्ट: ब्लड डोनेशन आपके वेट पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ता है।
मिथ 6: मोटे लोग ज्यादा ब्लड डोनेट कर सकते हैं, पतले नहीं।
फैक्ट: जबकि सच्चाई यह है कि जब वजन 50 किलो से ऊपर होता है, तो ब्लड डोनेशन में कोई समस्याा नहीं होती है। इसके अलावा, आपके बॉडी वेट का आपकी बॉडी कितना ब्लड पैदा करती है, इससे कोई संबंध नहीं है।
मिथ 7: अगर आपको डायबिटीज है, तो आप ब्लड डोनेशन नहीं कर सकते।
फैक्ट: अगर आप इंसुलिन लेते हैं तो आप ब्लड डोनेशन नहीं कर सकते। अगर लाइफस्टाइल में बदलाव और गोलियों की मदद डायबिटीज कंट्रोल में रहती हैं तो आप ब्लड डोनेशन कर सकते हैं। जिनको टाइप 2 डायबिटीज से दिल की समस्याएं और ब्लड प्रेशर है वह लोग ब्लड डोनेशन नहीं कर सकते हैं।
मिथ 8: महिलाएं ब्लड डोनेशन नहीं कर सकती हैं।
फैक्ट: यह बात सच है कि आमतौर पर पुरुषों की बॉडी में महिलाओं की तुलना में अधिक हीमोग्लोबिन होता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है कि महिलाएं ब्लड डोनेशन नहीं कर सकती हैं। हां वो बात अलग है कि प्रेग्नेट, एनिमिक, ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली या किसी बीमारी के कारण हीमोग्लोबिन कम होने पर ब्लड डोनेशन से बचना चाहिए।
मिथ 9: ब्लड डोनेशन करने से इंफेक्शन हो सकता है।
फैक्ट: प्रत्येक ब्लड डोनर के लिए एक फ्रेश सुई का इस्तेमाल किया जाता है। तो, कोई मौका नहीं है ब्लड डोनेशन से एचआईवी जैसे इंफेक्शन का खतरा हो।
रक्तदान महादान, तो देर किस बात की अब तो आपको ब्लड डोनेशन से जुड़े मिथ और फैक्ट की जानकारी हो गई हैं तो आप इस मौके पर जरूर करें ब्लड डोनेशन।इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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