चलिए इससे पहले मैंने आपके साथ फार्ट को लेकर बात की थी। आज बर्प यानी की डकार पर बात करते हैं। ऐसे विषयों पर आपको जानकारी देने का बस इतना सा उद्देश्य है कि आपको इसके बारे में पता चले।
अब डकार की बात करें तो आपने बड़े-बूढ़ों को खाना खाने के बाद लंबी डकार लेते देखा होगा। वे कहते हैं कि डकार का मतलब है आपका पेट भर गया। अब यह कितना सच है, यह तो शायद ही किसी को पता होगा। क्या आपने कभी नोटिस किया है आप कब डकार लेते हैं और कब नहीं?
ऐसा पाया गया है कि हम खाना खाने के बाद या उससे पहले दिनभर में 2-3 बार डकार लेते हैं। डकार मारना बहुत ज्यादा आम बात भी है। कभी खाना खाने के बाद डकार आती है तो आप कभी खाली पेट में भी डकार लेते हैं।
हां, क्या आपने पाया है कि आप सर्दियों में क्यों ज्यादा डकार लेते हैं? जी हां, जरा जोर लगाकर सोचिए कहीं इन दिनों आप भी तो आजकल बार-बार डकार नहीं लेते? चलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको डकार आने के कारणों के बारे में विस्तार से बताएं।
आपके ऊपरी पाचन तंत्र से अतिरिक्त हवा को बाहर निकालने का आपके शरीर का जो तरीका होता है, उसे डकार मारना कहते हैं। यह समस्या उत्पन्न तब होती है, जब आप अतिरिक्त हवा निगल लेते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह हवा कभी आपके पेट तक पहुंचती भी नहीं है। यह आपके Esophagus में फंस जाती है।
यह तो आपको पता चल गया कि डकार क्या होती है, लेकिन आखिर यह क्यों होती है? इसके कई कारण हो सकते हैं। अगर आप बहुत तेजी से खाते या पीते हैं, खाने के दौरान बात करते हैं, चुइंगम चबाते हैं, या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीते हैं या फिर धूम्रपान करते हैं तो आप अतिरिक्त हवा निगल सकते हैं।
एसिड रिफ्लक्स या गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) कभी-कभी निगलने में वृद्धि को बढ़ावा देकर अत्यधिक डकार का कारण बन सकता है।
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अब सबसे अहम सवाल, क्या आपने नोटिस किया है कि सर्दियों में डकार ज्यादा आती है? सर्दियों के मौसम में हमें भूख भी बहुत लगती है, इसलिए हम बार-बार स्नैक्स, स्वीट्स, डेजर्ट्स, चाय और कॉफी आदि खाते-पीते रहते हैं। हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को सही से चीजों को पचाने के लिए वक्त चाहिए होता है। जबकि पाचन तंत्र इतनी तेजी से काम नहीं करता। सर्दियों में हमारी फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, जिसे यह काम और भी धीमी हो जाता है। तैलीय, कार्बोनेटेड खाद्य पदार्थों के कारण इस मौसम में डकार अधिक आती है।
बीन्स- बीन्स में रेफिनोज होता है, जो शरीर पचा नहीं पाता है। इनके सेवन से पेट में गैस बनने लगती है और यह डकार के रूप में भी बाहर आती है।
डेयरी प्रोडक्ट्स- डेयरी खाने के बाद अगर आपको बार-बार डकार आती है तो आप लैक्टोज इंटॉलरेंस हो सकते हैं। बहुत से लोगों को लैक्टोज को पचाने में कठिनाई होती है। डेयरी उत्पादों में पाई जाने वाली चीनी, जिससे गैस बढ़ जाती है।
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कार्बोनेटेड ड्रिंक्स- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स भी डकार बढ़ाने का कारण होती हैं। दरअसल इसके जरिए आप कार्बन डाइऑक्साइड बबल्स को भी निगल लेते हैं जो पेट में गैस बनाता है। इससे पेट में ब्लोटिंग भी बनती है।
कुछ फल- फल जैसे सेब, नाशपाती और किशमिश आदि पेट में गैस बनने का कारण होते हैं। उनमें सोर्बिटोल (एक तरह का शुगर अल्कोहल) होता है, जिससे आपको बार-बार डकार आ सकती है।
स्पाइसी फूड- एसिड रिफ्लक्स मसालेदार या एसिडिक भोजन की अधिक मात्रा से बनने लगता है। ऐसा भोजन करने से आपको हार्टबर्न होता है। पेट के साथ गला जलने लगता है और खट्टी डकारें भी आने लगती हैं।
हम्मम्म, अब बताइए ऐसा क्या है जो आप इन दिनों सबसे ज्यादा खा रहे हैं और वो आपकी डकार का कारण बन रहा है! सर्दियों में भी जरूरी है कि आप लगातार और नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करते रहें।
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