Nipah Virus In Kerala: कोरोना महामारी से अभी हम और आप उभर ही रहे थे कि देश में एक और खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है। हम बात कर रहे हैं निपाह वायरस के बारे में। इस खतरनाक वायरस के चलते देश के कई राज्यों में खासकर के केरल में हाहाकार मचा है। ये जानवरों से इंसानों में फैलने वाला वायरस है। चलिए जानते हैं कि आखिर ये निपाह वायरस क्या है। ये कैसे फैलता है। इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है। इस बारे में जानकारी दे रहे हैंडॉ. पी वेंकट कृष्णन, वरिष्ठ सलाहकार आंतरिक चिकित्सा, आर्टेमिस अस्पताल गुड़गांव
क्या है निपाह वायरस ?(What is the cause of Nipah virus)
एक्सपर्ट बताते हैं कि निपाह वायरस इंफेक्शन एक जूनेटिक बीमारी है यानी कि ये जानवरों से लोगों के बीच फैल सकती है। ये दूषित भोजन के जरिए या सीधा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है। ये वायरल संक्रमण मुख्य रूप से चमगादड़ के जरिए फैलता है। इसके अलावा ये सूअर, कुत्ते बिल्ली और घोड़े जैसे जानवरों को प्रभावित करता है। इन जानवरों द्वारा खाए गए फल को कोई गलती से खा ले तो भी संक्रमण का खतरा बन जाता है।एक्सपर्ट के मुताबिक चमगादड़ से संबंधित गतिविधियों में शामिल लोगों का या जो लोग चमगादड़ों पर रिसर्च कर रहे हैं उनके लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है।जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है या छींकता है तो वायरस श्वसन बूंदों के माध्यम से फैल सकता है। संक्रमित रोगियों की देखभाल करते समय स्वास्थय कर्मियों को अत्यधिक जोखिम होता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को गंभीर सांस संबंधी बीमारियों के साथ-साथ इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी का भी खतरा हो सकता है। वहीं निपाह वायरस से संक्रमित मामलों में मृत्यु दर 40 से 75 फीसदी के बीच रहती है। जब कोई व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित होता है तो 4 से 14 दिनों के अंदर लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
निपाह वायरस के लक्षण क्या है ?(What is the symptoms of Nipah virus)
- संक्रमित व्यक्तियों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
- कुछ मरीजों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं देखने को मिल सकती है।
- बुखार,सिर दर्द, मतली खांसी (खांसी के लिए बेस्ट है ये घरेलू उपाय) आना भी शामिल है।
- बेहोशी, थकान, धुंधलापन, गफलत होना भी शामिल है।

के मुताबिक इस वायरस से बचने का एक ही उपाय है बचाव। आप जितना खुद को सुरक्षित रखेंगे आपके लिए अच्छा है, क्योंकि निपाह वायरस से बचने के लिए किसी भी तरह की दवा-वैक्सीन मार्केट में मौजूद नहीं है। अगर आप फल खाते हैं तो फलों को अच्छी तरह से धोएं। किसी भी जानवर के कुतरे हुए फल खाने से बचें। हाथों को साबुन से धोएं। बार-बार आंख और मुंह को छूने से बचें। आपको शुरुआत में इसके कुछ लक्षण दिखाई दे तो बिना वक्त गवाए डॉक्टर से सलाह लें।
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