बरसात के मौसम में वायरल संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है। डेंगू, मलेरिया के साथ ही चिकनगुनिया का भी जोखिम बढ़ जाता है। यह बीमारी चिकनगुनिया वायरस CHIKV के कारण होती है। इंफेक्टेड मादा मच्छर एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से कोई भी व्यक्ति इससे संक्रमित हो जाता है। यह बीमारी आमतौर पर अफ्रीका, अमरिका, एशिया, य़ूरोप, भारत के देशों के लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है। आपको बता दें कि यह संक्रमण पहली बार 1952 में पूर्वी अफ्रीका में देखा गया था। Dr. Prashant Sinha, Head of Emergency, PSRI Hospital, New Delhi इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।
संक्रमित मच्छर के काटने के 3 से 7 दिनों के बाद इसके लक्षण नजर आने लगते हैं जो की खुद ब खुद भी ठीक हो जाते हैं लेकिन बच्चे , बुजुर्ग या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में यह गंभीर रूप ले सकता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ब्लड ट्रांसफॉर्मेशन के जरिए होता है। आइए नजर डालते हैं इसके लक्षणों पर
चिकनगुनिया के लक्षण
- सिर दर्द
- जोड़ों में दर्द
- थकान
- चक्कर आना
- लिम्फ नोड्स में संवेदनशीलता
- उल्टी
- मांसपेशियों में दर्द
- चेहरे पर चकत्ते
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क्या है इसका इलाज
एक्सपर्ट बताते हैं की इस मच्छर जनित बीमारी का पता लगाने के लिए साधारण सा ब्लड टेस्ट (CHIKV) किया जाता है। बता दें कि चिकनगुनिया से बचाव के लिए किसी भी तरह की वैक्सीन और इलाज नहीं है। आराम, तरल पदार्थ और ओवर द काउंटर दर्द और बुखार की दवाओं से इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
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Image Credit: Freepik
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