मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे शरीर का नियंत्रण केंद्र होता है। जब मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिलता है, तो यह गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। इसके चलते ब्रेन में लकवा भी मार सकता है। आपको बता दें कि ब्रेन स्ट्रोक को ही ब्रेन में लकवा मारना कहते हैं। आइए इस बारे में एक्सपर्ट से विस्तार से जानते हैं। Dr Kadam Nagpal Head - Neuroimmunology and Senior Neurologist SalubritasMedcentre जानकारी दे रहे हैं।
ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। ब्रेन स्ट्रोक कई प्रकार के होते हैं। जब दिमाग में ब्लड सप्लाई करने वाले नसों में क्लॉट जम जाती है, तो मस्तिष्क में ब्लड की सप्लाई रुक जाती है, जिससे ब्रेन सेल्स डैमेज होने लगती है, जिससे पैरालिसिस, बोलने में कठिनाई, मुंह का तिरछा हो जाना ,याददाश्त कमजोर होना जैसी परेशानियां होती हैं। इसे इस्केमिक स्ट्रोक के नाम से जाना जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी, डायबिटीज और धूम्रपान के कारण ऐसा होता है।
हेमोरेजिक स्ट्रोक -यह स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं, जिससे दिमाग के अंदर ब्लीडिंग होने लगती है, जिसकी वजह से पेशेंट को पैरालिसिस के लक्षण दिखाई देते हैं।
ट्रींजिएंट इस्केमिक अटैक- इसे मिनी स्ट्रोक के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इसमें अस्थायी रूप से ब्रेन की ब्लड सप्लाई बाधित होती है, फिर थोड़ी देर बाद ठीक हो जाती है,लेकिन इसे गंभीरता से लेना जरूरी है,क्योकि यह भविष्य में बड़े स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
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