बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए, माता-पिता लाख जतन करते हैं। न्यूट्रिशन्स से भरपूर खाना खाना हो, समय पर सोने-जागने के लिए समझाना हो या रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करने के लिए गाइड करना हो, पेरेंट्स सभी जतन करते हैं ताकि बच्चे सेहमंतद रह सकें। यह इसलिए भी जरूरी है कि बच्चे, सेहत की अहमियत नहीं समझ पाते हैं और हेल्थ का ख्याल रखना कितना जरूरी है कि इस बारे में भी उन्हें समझ नहीं होती है। अक्सर बच्चों को अगर कोई परेशानी होती भी है, तो वे उसे सही तरह से समझा नहीं पाते हैं। ऐसे में माता-पिता के लिए जरूरी है कि वह बच्चों के शरीर में दिखाई देने वाले लक्षणों को समझें और उन पर ध्यान दें। आजकल बच्चों में आंखों से जुड़ी दिक्कतें भी बढ़ती जा रही हैं। इसके क्या लक्षण होते हैं, जिन्हें पहचानना पेरेंट्स के लिए जरूरी है और किन टिप्स की मदद से इन्हें पहचाना जा सकता है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी, डॉक्टर प्रवीण पाटिल दे रहे हैं। वह श्री वेंकटेशन आई इंस्टीट्यूट में विट्रियो रेटिना स्पेशलिस्ट हैं।
बच्चों में आंखों से जुड़ी दिक्कतें होने पर नजर आते हैं ये लक्षण
- अक्सर होने वाला सिरदर्द या पढ़ने और टीवी देखने में होने वाली मुश्किल, बच्चों में आंखों से जुड़ी दिक्कत की तरफ इशारा करती है।
- अगर आपका बच्चा ज्यादा झुककर पढ़ रहा है, आंखों को बार-बार झपका रहा है या एक आंख को कवर करके दूसरी से देख रहा है, तो यह आंखों से जुड़ी दिक्कत का संकेत हो सकता है।
- अगर बच्चे को पढ़ने या लिखने में परेशानी हो रही है और आप इसे बच्चे की शैतानी या पढ़ने से भागने का तरीका समझ रहे हैं, तो बता दें कि इसके पीछे विजन इश्यू भी हो सकते हैं। ऐसा मायोपिया और एस्टिग्मैटिज्म के कारण हो सकता है। ये दोनों ही रिफ्रेक्टिव एरर हैं।
- यह फोकस इश्यू भी हो सकता है। इसमें पढ़ते समय बच्चे की आंखें, पढ़ते समय टेक्स्ट को साफ तौर पर नहीं देख पाती हैं।
- अक्सर जिन बच्चों को देखने में दिक्कत होती है, वे खेल-कूद को भी अवॉइड करने लगते हैं। खासकर, टेनिस और बास्केटबॉल जैसे खेल जिनमें आंखों और हाथों के कॉर्डिनेशन की जरूरत होती है।
- बच्चों को स्कूल में बोर्ड को देखने में दिक्कत हो सकती है। इसका असर, उनके कॉन्फिडेंस और एकेडमिक प्रोग्रेस पर भी होता है।
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- अगर आपका बच्चा बार-बार अपनी आंखों को मल रहा है, तो यह आंखों की कमजोरी या ड्राई आईज या एलर्जी का संकेत हो सकता है।
- बच्चे अगर किताब पढ़ते वक्त या स्क्रीन पर कुछ देखते वक्त बहुत पास बैठकर उसे देख रहे हैं, तो संभव है कि नॉर्मल डिस्टेंस पर चीजों को देखने में उन्हें दिक्कत हो रही है।
- बार-बार होने वाला सिरदर्द भी आंखों की समस्या का लक्षण हो सकता है।
- अगर बच्चे का हैंडराइटिंग खराब है या लाइन्स कनेक्ट करने में मुश्किल हो, तो भी यह सही नहीं है।
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बच्चों में आंखों से जुड़ी दिक्कतें होने पर ये लक्षण नजर आ सकते हैं। इन्हें नजरअंदाज न करें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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