World TB Day: सिर्फ लंग्‍स में ही नहीं होता है टीबी, इन अंगों पर भी करता है असर

टीबी दो तरह से परेशान करता है। जी हां टीबी सिर्फ लंग्‍स में ही नहीं होता है बल्कि यह आपके कई अंगों पर अपना असर करता है।

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हर साल 24 मार्च को वर्ल्‍ड टीबी डे मनाया जाता है ताकि लोगों को इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके। क्‍योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद भी टीबी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। यूं तो टीबी लाइलाज नहीं है लेकिन अगर इसके इलाज में लापरवाही बरती जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। सरकारी अस्पतालों में तो टीबी का फ्री में इलाज भी किया जाता है। आइए आज वर्ल्‍ड टीबी डे के मौके पर हम आपको टीबी के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। ताकि आप भी इस बीमारी के बारे में जागरूक हो सकें। सबसे पहले हम जानते हैं कि टीबी क्‍या होता है?

क्‍या है टीबी?

ट्यूबरकुलोसिस जिसे हम टीबी के नाम से भी जानते हैं, ये एक संक्रामक रोग है जो किसी को भी हो सकता है। भारत में टीबी के सबसे ज्‍यादा मामले देखने को मिलते हैं। टीबी बलगम के रास्‍ते फैलता है, क्‍योंकि इसमें टीबी के बैक्‍टीरिया मौजूद होते हैं। जी हां अक्‍सर किसी की इम्‍यूनिटी कमजोर है तो इन बैक्‍टीरिया के संपर्क में आने पर उसे भी ये इंफेक्‍शन हो सकता है। ऐसा ही कुछ मेरी दोस्‍त के साथ हुआ था। उसकी डिलीवरी को कुछ ही महीने हुए थे, कि अचानक से उसके कंधे में भयंकर दर्द होने लगा। कुछ दिन तो उसने दर्द को इग्‍नोर किया, लेकिन जब दर्द उसके बाजू में भी होने लगा और तेज होने लगा, तो उसने डॉक्‍टर को दिखाया। डॉक्‍टर ने उसे स्किन टेस्‍ट (मोन्टेक्स टेस्ट) करने के लिए कहा। इसमें इंजेक्शन द्वारा दवाई स्किन में डाली जाती है जो 48-72 घंटे बाद पॉजिटिव रिजल्ट होने पर टी.बी. की पुष्टि होती है। और ऐसा ही हुआ 48 घंटे के बाद ही उसकी स्किन पर रिजल्‍ट दिखने लगा। तब उसे पता लगा कि उसे लिम्‍फ नोड का टीबी है। ऐसा कमजोर इम्‍यूनिटी वालों में होता है। तब मुझे भी समझ में आया कि टीबी सिर्फ लंग्‍स में ही नहीं होता है बल्कि यह आपके कई अंगों पर अपना असर करता है।

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टीबी के लक्षण क्‍या हैं?

टीबी एक ऐसी बीमारी है जो बॉडी के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। यह आमतौर पर लंग्‍स को नुकसान पहुंचाती हैं। दिल्‍ली के साकेत स्थि‍त, मैक्‍स हॉस्पिटल के एसोसिएट डायरेक्‍टर और हेड ऑफ लंग्‍स ट्रांसप्‍लांट मेडिसिन, डॉक्‍टर विवेक सिंह का कहना हैं ''अमूमन, टीबी के लक्षणों में हल्‍का बुखार रहना, वजन का तेजी से कम होना और भूख न लगना शामिल है। लेकिन अगर इंफेक्‍शन आपके लंग्‍स में हुआ है तो खांसी आना, बलगम होना, खांसी में खून आना इसके अलावा बॉडी में गांठों का बनना। जिन लोगों को ब्रेन की टीबी होती है उनको दौरे पड़ सकते हैं। भारत में प्रजनन के अंगों में टीबी आमतौर पर दिखाई देते हैं, जिसके कारण लोगों के बच्‍चे नहीं होते हैं।'' जी हां महिलाओं में टीबी के कारण जब यूटरस में इंफेक्‍शन हो जाता है तो यूटरस की सबसे अंदरूनी परत पतली हो जाती है, जिससे गर्भ या भ्रूण के ठीक तरीके से विकसित होने में बाधा आती है।

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टीबी कितनी तरह का होता है?

टीबी बॉडी के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। टीबी कई तरह की होती है जैसे, फेफड़े की टीबी, फेफड़े की झिल्‍ली, आंतों की टीबी, ब्रेन टीबी, प्रजनन अंगों की टीबी, यूरीन के रास्‍ते की टीबी, गांठों की टीबी, स्किन टीबी। डॉक्‍टर विवेक सिंह का कहना हैं ''मेडिकल साइंस में नाखून और बालों को छोड़कर बॉडी के किसी भी अंग को टीबी होने की बात बताई गई है।''

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अगर टीबी का बैक्‍टीरिया लंग्‍स को संक्रमित करता है तो वह पल्मोनरी टीबी कहलाता है। टीबी का बैक्टीरिया 90 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में लंग्‍स को प्रभावित करता है। लेकिन अगर टीबी का बैक्‍टीरिया लंग्‍स की जगह बॉडी के अन्य अंगों को प्रभावित करता है तो इस प्रकार की टीबी एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहलाती है। एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी पल्मोनरी टीबी के साथ भी हो सकती है। अधिकतर मामलों में इंफेक्‍शन लंग्‍स से बाहर भी फैल जाता है और बॉडी के दूसरे अंगों को प्रभावित करता है। जिसके कारण लंग्‍स के अलावा अन्य प्रकार की टीबी हो जाती हैं। एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी अधिकतर कमजोर इम्‍यूनिटी वाले लोगों और छोटे बच्चों में अधिक आम होती है। अगर टीबी का बैक्‍टीरिया सेंटर नर्वस सिस्‍टम को प्रभावित करता है तो वह मैनिंजाइटिस टीबी कहलाती है। लिम्फ नोड में होने वाली टीबी को लिम्फ नोड टीबी कहा जाता है। हड्डियों व जोड़ों को प्रभावित करने वाली टीबी को बोन टीबी कहते है।

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टीबी का इलाज क्‍या है?

टीबी का इलाज इस बात निर्भर करता है कि टीबी किस जगह होती है। बॉडी के अलग-अलग जगहों की टीबी के इलाज की समय सीमा भी अलग होती है। हालांकि, टीबी का निम्‍नतम इलाज 6 महीने का है। लेकिन इसके इलाज में सबसे जरूरी बात ये है कि इसका इलाज खुद से बंद नहीं करना चाहिए। जब आपको डॉक्‍टर कहे तभी आपको दवा बंद करनी चाहिए। और एक भी दिन दवा मिस करने से बचना चाहिए।



टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसके फैलने का सबसे बड़ा कारण खांसी है। खासतौर पर अगर आपको लंग्‍स की खांसी है तो खांसते समय अपने मुंह पर कपड़ा रखना चाहिए। बलगम को खुली जगह नहीं थूकना चाहिए और न ही वॉश बेसिन में थूकना चाहिए, बल्कि उसे सुबह से शाम तक के बीच इकट्ठा कर मिट्टी का तेल डालकर नष्‍ट कर देना चाहिए। इसके अलावा आप अपना इलाज समय पर करें, दवाई समय से लें और डॉक्‍टर के सुझाव को ठीक तरह से पालन करें।

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