त्योहारों के मौसम में घर की साफ-सफाई को लेकर हर महिला बहुत सजग रहती है। घर की सजावट और पूजा से पहले गंदगी पूरी तरह से साफ करना महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन इसी साफ-सफाई के दौरान कई बार महिलाएं एलर्जी की शिकार हो जाती हैं। ऐसी ही एक एलर्जी है राइनाइटिस, जिसमें विशेष रूप से नाक प्रभावित होती है। ये एलर्जी सेंसेटिव नाक वाली महिलाओं को ज्यादा होती है। इस एलर्जी में नाक की कुछ कोशिकाओं हाइपर-एक्टिव हो जाती हैं, जिसका नतीजा जुकाम के रूप में सामने आता है। यह एलर्जी हो जाए तो लगातार छींके, नाक से पानी के साथ नाक और आंखों में खुजली जैसे लक्षण नजर आते हैं।
त्योहारों में हम अक्सर काफी ज्यादा धूल-धक्कड़ वाली जगहों की सफाई करते हैं। पूरे साल ऐसी जगहों पर धूल जमने की वजह से धूल-कण बहुत ज्यादा होते हैं। धूल या प्रदूषण के कारण जब हानिकारक कण जब नाक में चले जाते हैं तो हमारा इम्यून सिस्टम रिएक्ट करता है और इसका असर भी एलर्जी के रूप में सामने आता है। यह समय रहते इस एलर्जी की रोकथाम के लिए काम नहीं किया जाए तो इसका इन्फेक्शन घर के दूसरे सदस्यों तक पहुंचने का डर रहता है।
Read more : Vaginal Lips की सर्जरी के खतरों को जानना आपके लिए है जरूरी
मौसम में बदलाव, तापमान अचानक कम या ज्यादा होने, धूल-मिट्टी, नमी, फंगस, जानवरों के रेशे, किसी खास दवा या किसी खाद्य सामग्री से इस तरह की एलर्जी हो सकती है। एलर्जी करने वाले परागकणों के शरीर में चले जाने या त्वचा पर लगने से होने वाली शरीर स्वाभाविक रूप से प्रतिक्रिया देता है, जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सकता है।
यह एलर्जी होने पर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके कोई बहुत खतरनाक नतीजे नहीं होते हैं, लेकिन इनसे आपकी रोजमर्रा की काम की गति प्रभावित हो सकती है। इसके लक्षण नजर आने पर जल्द से जल्द इसे ठीक करने के लिए उपाय करें ताकि घर के दूसरे सदस्य इससे प्रभावित ना हों।
एलर्जिक राइनाइटिस की समस्या एलर्जन की वजह से होती है जबकि सामान्य तौर पर होने वाला सर्दी-जुकाम वायरस या इन्फेक्शन के कारण होता है। एलर्जिक राइनाटिस में लगातर छींकें आती हैं, आंख और नाक में खुजली और नाक से पानी गिरने जैसे लक्षण नजर आते हैं, वहीं सर्दी-जुकाम में नाक से पानी गिरने और नाक बंद होने के अलावा बुखार आने की आशंका भी होती है।
डॉ पुलिन गुप्ता, प्रोफेसर मेडिसिन बताते हैं, 'आजकल पॉल्युशन बढ़ता जा रहा है, इसीलिए बॉडी ज्यादा सेंसिटिव हो गई है। इसकी वजह से खांसी होती है और नाक बहती है और अस्थमा वाले लक्षण दिखाई देते हैं। नाक बहने के दौरान शरीर से एलर्जी वाले तत्व बाहर हो जाते हैं। इसके लिए नाक पर मास्क लगाना जरूरी है। लेकिन साधारण मास्क लगाने से फायदा नहीं होगा क्योंकि ये एलर्जी करने वाले पार्टिकल्स को रोक नहीं पाते। इससे बचाव के लिए प्रदूषण से खुद को यथासंभव दूर रखें। अगर हार्ट या लंग की समस्या है तो सेफ रहने के लिए एयर प्यूरीफायर लगवाएं। एयर-प्यूरीफायर की कीमत ज्यादा होती है, लेकिन अगर आप इनका खर्च वहन कर सकती हैं तो जरूर लगाएं। साथ ही जिन घरों में प्रेगनेंट महिलाएं हैं, वहां भी प्यूरीफायर लगाए जाने चाहिए।
एक और तथ्य यह है कि आजकल वायरल इन्फेक्शन फैल रहा है। इसे देखते हुए स्वाइन फ्लू और निमोनिया की वैक्सीन लगवाएं। जिन्हें अस्थमा की समस्या ज्यादा है या जो ज्यादा संवेदनशील हैं, वे डॉक्टरी सलाह पर एंटी-एलर्जिक दवाएं जैसे कि सेट्रिजिन, क्लोरफेनिजामिन आदि ले सकते हैं। ध्यान दें कि डॉक्टरी सलाह के बगैर ये दवाएं कतई ना लें। अगर आपको सांस फूलने जैसी समस्या हो रही है तो भाप लेंऔर ज्यादा तकलीफ महसूस होने पर डॉक्टर को दिखाने में देरी ना करें।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।