यूटीआई यानि यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन आजकल महिलाओं में होने वाली एक नॉर्मल प्रॉब्लम है। लेकिन गर्मियों में जल्दी-जल्दी होती है क्योंकि इस मौसम में ज्यादातर महिलाएं उतना लिक्विड नहीं लेती हैं जितनी की बॉडी को जरूरत होती है। यह प्रॉब्लम प्राइवेट पार्ट की ठीक से सफाई न रखने से होती हैं। इसके अलावा ऑफिस हो या चाहे घर, अगर एक ही टॉयलेट का इस्तेमाल एक साथ बहुत सारे लोग करते हैं तो इसकी ठीक से सफाई ना करने से भी यूटीआई या यूरीन मार्ग के इंफेक्शन होने खतरा बना रहता है। सिर्फ शादीशुदा या अधिक उम्र की महिलाएं ही नहीं बल्कि कम उम्र की लड़कियों को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको भी अक्सर इस समस्या का सामना करना पड़ता है तो आपकी कुछ गलतियां इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। आइए ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में जानें लेकिन सबसे पहले यूटीआई के बारे मे विस्तार से जान लेते हैं।
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UTI इंफेक्शन
यूटीआई इंफेक्शन एक ऐसा इंफेक्शन है जिसमें यूरीन मार्ग पर असर पडता है, जिससे यूरीन में करते समय आपको जलन और दर्द का अहसास होता है। इसके अन्य लक्षणों में बुखार आना और बार-बार यूरीन आना शामिल हैं। जब कोई हानिकारक बैक्टीरिया यूरीन मार्ग के किसी हिस्से में प्रवेश करता है तो उस हिस्से में सूजन आ जाती है और बाद में वह हिस्सा संक्रमित हो जाता है। यूटीआई आपके यूरीन मार्ग में कहीं भी हो सकता है किडनी, ब्लैडर, मूत्रवाहिनी, यूरेथ्रा आदि इस इंफेक्शन की गिरफ्त में आ सकते हैं। इस बारे में जब मैंने अपनी लेडी डॉक्टर कविता से बात की तब उन्होंने बताया कि 'गंदे टॉयलेट के कारण यूटीआई का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए निजी अंगों की साफ-सफाई के साथ कुछ बेहद आसान से टिप्स कारगर साबित हो सकते हैं।'
15 से 40 की उम्र में महिलाएं होती है ज्यादा परेशान
यूं तो ये इंफेक्शन किसी को भी हो सकता है लेकिन पुरुषों की तुलना में ये इंफेक्शन महिलाओं को अपना शिकार बहुत जल्दी बनाता है। लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं को अपनी पूरी लाइफ में कभी न कभी इस इन्फेक्शन का शिकार हो जाती हैं। महिलाएं में 15 से 40 की उम्र के बीच यह समस्या अधिक होती है। वहीं, मेनोपॉज के बाद भी यूरीन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती है क्योंकि इस दौरान एस्ट्रोजेन हार्मोन का लेवल बहुत कम होने लगता है। लेकिन प्राइवेट पार्ट की सफाई न करने से कम उम्र की लड़कियों को भी यह परेशानी हो सकती हैं।
महिलाओं की किन गलतियों के कारण होता है UTI
- यूरीन को लंबे समय तक रोककर रखना
- लिक्विड कम लेना
- कॉफी और शराब ज्यादा लेना
- एंटीबायोटिक्स लेना बंद करन देना
- पीरियड्स के दिनों में साफ-सफाई न रखना
- यूरीन जाने के बाद प्राइवेट पार्ट की सफाई न करना
- एक ही पैड का लंबे समय तक इस्तेमाल
UTI के लक्षण
- बार-बार टायलेट जाना
- यूरीन में जलन व बदबू आना
- यूरीन के रंग में बदलाव
- स्टूल पास करते समय दर्द होना
- कभी-कभार स्टूल से ब्लड आना
- पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द
- ठंड लगना और तेज बुखार
- पीठ में तेज दर्द होना
- थकान और चक्कर आना
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UTI से बचाव के टिप्स
भरपूर मात्रा में पानी पीने से ब्लैंडर में जमा हुए बैक्टीरिया निकल जाते हैं, जिससे आपको इस समस्या से राहत मिलती है। आप चाहे तो नींबू और नारियल पानी भी पी सकती हैं। दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीएं। इसके अलावा अपनी डाइट में खट्टे फलों को शामिल करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा करौंदे का जूस और प्याज भी इसमें बहुत मददगार होता है। साथ ही प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक एक ही पैड को लगाने से बचें। ऐसा करने से आप इंफेक्शन वाले बैक्टीरिया को खत्म करके इस समस्या से बच सकती हैं।
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