सुप्रीम कोर्ट ने लगाया बैन : मनाइए साइलेंट दिवाली और रहें हेल्‍दी

दिल्‍ली-एनसीआर में रहने वालों की दिवाली इस साल काफी शांत बीतेगी, आइए जानें कैसे।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2017-10-10, 18:04 IST
Diwali crakers banned x

दिवाली आने वाली है। रोशनी के इस त्‍योहार पर हर कोई खुश है और दिवाली के रंग में सराबोर हैं। यूं तो दिवाली का त्‍योहार हुड़दंग और शालीनता का संगम है। बच्‍चे इस दिन पटाखों के साथ जश्‍न मनाते हैं, वहीं बड़े दिवाली कुछ अलग अंदाज में मनाते हैं। लेकिन इस सबके बीच सावधानी जरूरी है। क्‍योंकि पटाखों के कारण pollution ज्‍यादा होता है, जिससे सांस संबंधी समस्‍या और एलर्जी हो सकती है। पटाखों की तेज आवाज से कानों पर विपरीत असर पड़ता है। यहां तक कि कई बच्‍चे पटाखे जलाते हुए जल जाते हैं। इसके अलावा पिछले साल pollution इतना ज्‍यादा बढ़ गया था कि लोग 'मास्‍क' लगाकर घर से निकलते थे। इसका असर अभी तक इतना हैं कि लोग आज भी मास्‍क लगाकर घर से निकलते हैं।

लेकिन इस साल आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि यह दिवाली काफी शांत बीतेगी। जी हां अगर आप दिल्‍ली-एनसीआर में रहते हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया है। अब दिवाली से पहले यहां पटाखों की बिक्री नहीं होगी।

पटाखों की बिक्री पर बैन

कोर्ट ने पिछले वर्ष 11 नवंबर को एक आदेश में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भीतर पटाखों की थोक और खुदरा बिक्री की अनुमति देने वाले’ सभी लाइसेंस रद्द कर दिये थे। बाद में 12 सितंबर, 2017 को कोर्ट ने इस प्रतिबंध को अस्थाई रूप से हटा दिया और पटाखों की बिक्री को अनुमति दे दी। पुराने आदेश की पुन सुनवाई के दौरान केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पीठ से कहा था कि वह इस आवेदन का समर्थन करता है।

Air pollution के लेवल का बढ़ना

याचिका दायर करने वाले अदालत के समक्ष कहा था कि पटाखों पर प्रतिबंध फिर से लागू होना चाहिए क्योंकि पिछले वर्ष दिवाली के बाद एनसीआर में air pollution का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखों की बिक्री 1 नवंबर, 2017 से दोबारा शुरू हो सकेगी। इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता है कि पटाखों के कारण pollution पर कितना असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और स्‍टोर करने पर रोक लगाने वाले नवंबर 2016 के आदेश को बरकार रखते हुए यह फैसला सुनाया है।

पटाखे जलाने पर पाबंदी की मांग

यहीं नहीं पिछले साल भी कुछ बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में पटाखा बैन को लेकर अर्जी डाली थी। सुप्रीम कोर्ट में तीन बच्चों की ओर से दाखिल एक याचिका में दशहरे और दिवाली पर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी। अपनी तरह की यह अनूठी याचिका दाखिल करने वाले इन बच्चों की उम्र 6 से 14 महीने के बीच थी।

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