herzindagi
brain stroke health main

वर्ल्‍ड स्‍ट्रोक डे: स्ट्रोक से बचने की कुंजी है समय पर करवाएं इलाज

एक्‍सपर्ट का मानना हैं कि समय पर ट्रीटमेंट हो जाए तो स्ट्रोक से उबरा जा सकता है और उसके बाद जीवन में बदलाव लाया जा सकता है।
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-10-29, 14:29 IST

स्ट्रोक, जिसे कभी-कभी ब्रेन का दौरा भी कहा जाता है, तब होता है जब ब्रेन के हिस्से में ब्‍लड की सप्‍लाई ब्लॉक हो जाती है। जिससे ब्रेन के टिश्‍यु में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और फिर कुछ मिनटों के भीतर, ब्रेन की सेल्‍स डेड होने शुरू हो जाती हैं। इन दोनों मामलों में ब्रेन के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या डेड हो जाते हैं। स्ट्रोक एक चिकित्सीय आपातकालीन स्थिति है, जिसमें तुरंत ट्रीटमेंट जरूरी है। तुरंत ट्रीटमेंट व प्रारंभिक कार्रवाई ब्रेन को नुकसान  और संभावित जटिलताओं को कम करती है। स्ट्रोक का ट्रीटमेंट किया जा सकता है और इसे होने से रोका जा सकता है।

जी हां एक्‍सपर्ट का मनाना हैं कि अगर समय पर उपचार हो जाए तो स्ट्रोक से उबरा जा सकता है और उसके बाद जीवन में बदलाव लाया जा सकता है  स्ट्रोक से उबर चुके ऐसे ही लोगों के लिए रविवार को मैक्स अस्पताल की तरफ से 'जुम्बा' आयोजित किया गया, जिसमें 350 लोगों ने भाग लिया।

Read more: युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है ब्रेन स्‍ट्रोक का खतरा

brain stroke health main

एक्‍सपर्ट की राय

हॉस्पिटल की तरफ से जारी एक बयान में न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ निदेशक डॉक्‍टर संजय सक्सेना ने कहा, "इस साल के विश्व स्ट्रोक दिवस का विषय है 'स्ट्रोक के बाद फिर से उठें'। समय पर बीमारी की जानकारी और ट्रीटमेंट स्ट्रोक से बचने की कुंजी है। 'मैनेजमेंट ऑफ एडल्ट स्ट्रोक रिहैबिलिटेशन केयर' में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वर्तमान में केवल 10-15 प्रतिशत स्ट्रोक पीड़ित ही पूरी तरह से ठीक हो पाते हैं, 25-30 प्रतिशत में हल्की विकलांगता रह जाती है, 40-50 प्रतिशत को गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ता है और शेष 10-15 प्रतिशत लोगों की स्ट्रोक के तुरंत बाद मौत हो जाती है।"

 

Read more: स्ट्रोक में ’Golden Hour’ को समझना हैं बेहद जरूरी

स्ट्रोक के बाद समय पर इलाज

उन्होंने कहा, "स्ट्रोक के बाद समय पर इलाज और पुनर्वास से काफी फायदा होता है। इसका लक्ष्य स्ट्रोक के दौरान प्रभावित हुए ब्रेन के हिस्से के खो चुके कौशल को फिर से सीखना, स्वतंत्र होकर रहना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। पुनर्वास जितना जल्दी शुरू होता है, रोगी की खो चुकी क्षमताओं को वापस पाने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।"

brain stroke health inside

इस मौके पर स्ट्रोक से उबर चुके कई लोगों ने अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने लक्षणों की जल्द पहचान करने और सही समय पर न्यूरोसर्जन से परामर्श करने पर जोर दिया। अस्पताल के न्यूरोलॉजी निदेशक डॉक्‍टर विवेक कुमार ने कहा, "लोगों में स्ट्रोक के लक्षणों और समय पर इलाज के महत्व के बारे में जागरूकता को अधिक प्रमुखता दी जानी चाहिए। स्ट्रोक के प्रथम 24 घंटों के भीतर समय पर इलाज से नुकसान को दूर करने का 70 प्रतिशत मौका मिलता है।"

बयान के अनुसार, यह कार्यक्रम विश्व स्ट्रोक दिवस (29 अक्टूबर) के अवसर पर स्ट्रोक के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित किया गया।

 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।