अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाना चाहती हैं तो अब आपको किसी यूरोपीय देश जाने की जरूरत नहीं है। अपने पड़ोसी देश श्रीलंका में ही आप स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं। दरअसल हेल्थकेयर सुविधाओं के मामले में श्रीलंका ने नई प्रतिष्ठा हासिल की है। युनाइटेड किंग्डम के प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल The Lancet के अनुसार श्रीलंका ने हेल्थकेयर सुविधाओं के मामले में अपने सभी दक्षिण एशियाई पड़ोसियों को मात दे दी है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (जीबीडी), जो यूके के ताजातरीन मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है, के अनुसार, श्रीलंका ने 73वां स्थान हासिल किया है, जबकि सार्के देशों में आने वाले मालदीव ने ही 76वां स्थान हासिल किया है।
यह इंडेक्स 30 मेडिकल कंडीशन्स के जोखिम और मौत के खतरों के आधार पर तैयार की गई थी जैसे कि टीबी, र्यूमेडाइड हार्ट डिजीज, क्रॉनिक किडनी डिजीज, टिटनस मेटरनल डिसऑर्ड्स, रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन्स, ल्यूकीमिया और कुछ दूसरी तरह के कॉमन कैंसर, जिनका इलाज या जिनसे बचाव सही मेडिकल केयर मिलने पर निर्भर करता है। इस सूची में श्रीलंका से पिछड़ने वालों में भूटान, बांगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं।
इस सूची में एंडोरा और आइसलैंड की हेल्थकेयर सुविधाओं को सर्वश्रेष्ठ करार दिया गया है वहीं इनकी तुलना में दुनिया के अव्वल समझे जाने वाले युनाइटेड किंग्डम और अमेरिका की स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत अच्छी नहीं हैं। इस अध्ययन में 196 देशों को कवर किया गया और रैंकिंग 0-100 के स्केल पर दी गई। इस स्टडी के जरिए 1990 से लेकर साल 2015 के बीच 195 देशों की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच और स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर की तुलना की गई। इसमें रिसर्चर्स ने Healthcare Access and Quality (HAQ) Index का इस्तेमाल किया, जो उन बीमारियों से होने वाली मृत्यु दर पर आधारित था, जो समय पर प्रभावी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाने पर रोकी जा सकती थीं। इसे एमनेबल मोर्टेलिटी भी कहा जाता है। इस शोध के जरिए हर देश में स्वास्थ्य सुविधा के अंतर को बेहतर तरीके से समझने में आसानी होगी, साथ ही इसके जरिए विकसित और विकासशील देशों में हेल्थकेयर सुविधाओं को सुधारने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
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