स्मोकिंग से होती है हड्डियों के इलाज में मुश्किल

अगर आप एक्टिव या पैसिव स्मोकिंग कर रही हैं तो आपको जागरूक होने की जरूरत है क्योंकि इसके कारण आपको हड्डियों के इलाज में आ सकती है मुश्किल।

 
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बदलते परिवेश में बहुत सी महिलाएं सिगरेट पीने लगी हैं। कुछ महिलाएं इसे मॉडर्न और बिंदास होने का पर्याय भी मानती हैं। अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोचती हैं तो आपको जागरूक होने की जरूरत है। यह तो सभी को पता है कि स्मोकिंग से फेफड़ों की समस्या हो जाती है और कैंसर का खतरा भी होता है। एक नई स्टडी में कहा गया है कि सिगरेट पीने वालों को हड्डी के इलाज में मुश्किल आती है। जो लोग सिगरेट पीते हैं, उनकी हड्डियां ठीक होने में लंबा वक्त लग सकता है। यह समस्या बुजुर्गो और महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है। स्टडी में पाया गया कि तंबाकू का लंबे वक्त तक सेवन करने की वजह से हर हफ्ते 13,000 से अधिक भारतीय पुरुष और 4,000 महिलाओं की मौत हो जाती है। आज के समय में, जब पॉल्यूशन की समस्या की वजह से लोग कई तरह की ब्रीदिंग प्रॉब्लम्स से जूझ रहे हैं, स्मोकिंग एक बड़ी समस्या के रूप में हमारे सामने है। ऐसे में महिलाओं को खासतौर पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि बहुत सी महिलाएं पैसिव स्मोकिंग की भी शिकार होती हैं।

स्मोकिंग छोड़ने के हैं कई फायदे

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फिजीशियन डॉ पुलिन गुप्ता का कहना है, 'स्मोकिंग छोड़ने से दिल की बीमारी और फेफड़ों के कैंसर की आशंका कम हो जाती है। साथ ही इससे ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका भी कम हो जाती है। एक और अच्छी बात ये है कि इससे चेहरे की खोई रौनक लौट आती है।' जाहिर है इतने फायदों के साथ स्मोकिंग करने वाली महिलाएं जल्द से जल्द इस बुरी आदत को छोड़ने के लिए इंस्पायर होंगी।

डॉ पुलिन का कहना था कि काउंसलिंग से इस लत को छोड़ने में मदद मिलती है। काउंसिलिंग से यह समझ आ जाता है कि स्मोकिंग छोड़ने के बाद किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और इसके आफ्टर इफेक्ट्स के आसानी से निपटा जा सकता है।

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इन तरीकों से छुड़ाएं लत

  • निकोटीन की लत च्यूइंग गम, नेजल स्प्रे या इनहेलर्स का सहारा लेकर छुड़ाई जा सकती है। इनसे सिगरेट की तलब कम करने में मदद मिलती है।
  • जो स्थितियां स्मोकिंग के लिए उकसाती हैं, उनसे बचने के लिए अपनी तरफ से तैयारी रखिए। स्ट्रेस को काबू में रखने से भी स्मोकिंग कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
  • शुगरफ्री गम, हार्ड कैंडी चबाइए या कच्ची गाजर खाने से भी इसे कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
  • खुद को फिजिकली एक्टिव रखिए। एक्सरसाइज करने और खुद को दिनभर शारीरिक रूप से सक्रिय रखने से भी इस आदत को छुड़ाया जा सकता है।
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