हमारा शरीर आने वाले हर खतरे का संकेत पहले से ही देने लगता है। शरीर में अगर कोई बड़ी समस्या होने वाली है तो उससे पहले छोटी-छोटी चीज़ों से हमें कुछ न कुछ संकेत मिलते रहते हैं। शरीर का कोई भी बड़ा ऑर्गेन खराब हो रहा हो तो कई बार हमें स्किन और बालों के जरिए भी उसके संकेत मिलने लगते हैं। ऐसा ही किडनी की बीमारी के साथ भी होता है। किडनी की बीमारी होने से पहले स्किन पर कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।
यहां सिर्फ बालों का झड़ना या फिर हेयर लाइन शुरू होते ही फ्लेकी स्किन नहीं बल्कि नाखूनों, पैरों, हाथों आदि पर भी असर दिखता है और आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि अगर ऐसे कोई लक्षण दिख रहे हैं तो आपको एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। पर आखिर कौन से संकेत हैं जो साफ दिखाई देते हैं।
डायटीशियन और होलिस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट पोडियम की फाउंडर शिखा महाजन से हमने बात की और इस बारे में और जानने की कोशिश की। उन्होंने विस्तार से हमें स्किन पर होने वाले रिएक्शन्स के बारे में बताया।
डायटीशियन शिखा महाजन के अनुसार अगर किडनी की बीमारी शुरू होती है तो स्किन पर ये संकेत मिलते हैं।
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किडनी की बीमारी के समय शरीर में होती है ये समस्या-
स्किन, बाल और नाखून हमारी सेहत को लेकर बहुत ही जरूरी संकेत देते हैं। कोई भी छुपी हुई बीमारी जैसे मालन्यूट्रीशन, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का ओवरडोज, दवाओं का असर या बीमारी आदि के संकेत इन दोनों से मिल जाते हैं। जिन लोगों को किडनी की बीमारी या किडनी फेलियर का रिस्क होता है उन्हें जिंक, कैल्शियम, आयरन, विटामिन B जैसे मिनरल्स दिए जाते हैं। जिन मरीज़ों को डायलेसिस की जररूत होती है उन्हें इन मिनरल्स की कमी के लिए रीनल विटामिन्स दिए जाते हैं जिनमें विटामिन B कॉम्प्लेक्स के हाई लेवल होते हैं। कैल्शियम और आयरन को बल्ड लेवल में मॉनिटर किया जाता है और अगर ये लेवल कम होते हैं तो सप्लिमेंट्स उसी हिसाब से दिए जाते हैं।
किडनी की बीमारी के कारण स्किन पर दिखते हैं ये असर-
किडनी की बीमारी के कारण शरीर में टॉक्सिन्स काफी बढ़ जाते हैं और इसके कारण स्किन में नाइट्रोजन भी बढ़ जाता है। स्किन बहुत ड्राई, खुजली वाली हो जाती है। इसी के साथ, स्किन में क्रैक्स, स्केल्स आदि बनने लगते हैं। स्किन काफी पतली हो जाती है और बहुत आसानी से स्ट्रेच मार्क्स भी आ जाते हैं जो कच्चे होते हैं और खुजली वाले भी होते हैं। इनमें आसानी से ब्लीडिंग होने लगती है।
स्किन ज्यादा सफेद दिखने लगती है और इसका रंग भी ग्रे, ब्लू, पर्पल या येलो शेड का हो जाता है। सिस्ट्स और स्पॉट्स भी दिख सकते हैं।
किडनी की बीमारी के कारण नाखूनों पर दिखते हैं ये असर-
नाखूनों पर भी किडनी की बीमारी का असर साफ दिखाई देता है। सफेद बैंड्स या स्पॉट्स नाखूनों पर बनने लगते हैं और ये कमजोर, कच्चे और फ्लेकी हो जाते हैं। अक्सर ऐसे नाखूनों के बीच में लाइन बनने लगती है। हमारे नाखून कई और बीमारियों के संकेत भी देते हैं और ऐसे में हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हम ऐसे कोई भी लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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हाथ और पैरों में आ जाती है बहुत ज्यादा सूजन-
हाथों और पैरों में सूजन, चेहरे में सूजन, ऐड़ियों में सूजन आना बहुत ही आम लक्षण है जिसे लेकर आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। शरीर से टॉक्सिन्स ठीक तरह से बाहर न निकल पाने के कारण ये होता है और आपको इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि ऐसा लक्षण गंभीर समस्या की तरफ इशारा करता है इसलिए डॉक्टर से सलाह लें।
स्किन पर होने लगते हैं दाने और रैशेज-
जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि किडनी की बीमारी के कारण शरीर में टॉक्सिन बहुत ज्यादा इकट्ठा हो जाता है और ये रैशेज, बंप्स, ब्लीडिंग वाली स्ट्रेचमार्क्स आदि का कारण बनता है ऐसे में आप शरीर में कई तरह के मिनरल्स आदि का टेस्ट करवा सकते हैं।
स्किन में जोड़ों के नीचे कैल्शियम बिल्डअप हो जाता है और इसलिए ज्वाइंट पेन भी इसका एक लक्षण माना जाता है।
ये सारे लक्षण किसी अन्य वजह से भी हो सकते हैं, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि ये सिर्फ और सिर्फ किडनी के कारण हों। आपको ये ध्यान रखना होगा कि अगर आपको कोई समस्या हो रही है तो एक्सपर्ट की सलाह लेना ही किसी गंभीर रोग से मुक्ति का अच्छा कारण हो सकता है। अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न दिखाएं और डॉक्टर से सलाह लेते रहें।
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