herzindagi
shweta prasad basu loves music main

म्यूज़िक देता है मन को शांति, ये है श्वेता बासु प्रसाद का स्ट्रेस दूर भगाने का फंडा

श्वेता बासु प्रसाद को हर तरह का म्यूज़िक पसंद है। उनका मानना है कि हर किसी को कुछ देर के लिए ही मगर, म्यूज़िक ज़रूर सुनना चाहिए। यही नहीं, श्वेता ने हमसे अपने म्यूज़िक चॉइस के बारे में भी बात की।
Editorial
Updated:- 2019-04-16, 19:27 IST

म्यूज़िक को हमेशा से ही मेडिटेशन और स्ट्रेस रिलीफ का हिस्सा माना गया है। जब भी कोई टेंशन हो या कंसंट्रेशन में कमी हो तो लोग अक्सर स्लो म्यूज़िक सुनते हैं और स्ट्रेस फ्री होते हैं। ऐसा ही कुछ बॉलीवुड एक्ट्रेस श्वेता बासु प्रसाद भी करती हैं। हाल ही में हमसे ख़ास बातचीत के दौरान श्वेता ने हमें म्यूज़िक के फायदे बताए। श्वेता ने यह भी बताया कि उनके हर दिन की शुरुआत म्यूज़िक से ही होती है। उन्हें हर तरह का म्यूज़िक पसंद है और उनका कहना है कि हर किसी को कुछ देर के लिए ही मगर, म्यूज़िक ज़रूर सुनना चाहिए। यही नहीं, श्वेता ने हमें अपने म्यूज़िक चॉइस के बारे में बात की-

क्लासिकल म्यूज़िक पर हमेशा से बनानी थी डॉक्यूमेंट्री

shweta prasad basu on relieving stress inside

श्वेता बासु प्रसाद ने कहा फ़िल्म ‘इकबाल’ के बाद मेरे पेरेंट्स चाहते थे कि मैं पढ़ाई पूरी करूं। मैं BMM की स्टूडेंट रह चुकी हूं, इसलिए मैंने फिर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई इंडियन क्लासिकल म्यूज़िक पर। मैं खुद भी सितार बजा लेती हूं। मेरे घर पर लिट्रेचर, इंडियन सिनेमा, म्यूज़िक बहुत स्ट्रांग तरीके से प्रेजेंट रहा है।

इसे जरूर पढ़ें: श्वेता बासु प्रसाद है घी-भात की शौक़ीन, वर्कआउट के बारे में बताई अपनी राय

shweta prasad basu loves music inside

मुझे ये जानना था कि आज की दुनिया में क्लासिकल म्यूज़िक बहुत कम क्यों हो गया है। रेडियो हो या कोई टीवी शो, कोई गाना क्लासिकल म्यूज़िक की बात नहीं करता। मैंने इसलिए फ़िल्म से ब्रेक लेकर डॉक्यूमेंट्री भी बनाई, इस डॉक्यूमेंट्री में ए आर रहमान, विशाल भरद्वाज, अमजद अली खान के बेटे अमाल अयान, ये लोग भी थे। मैंने 2011 से लेकर 2016 तक इस पर काम किया। ग्रेजुएशन के तुरंत बाद मैं इस डॉक्यूमेंट्री पर लग गई थी। अब जाकर मैंने इसे netflix को दिया है। खुद डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थी।

 

राग सुनती हूं, सुबह की शुरुआत ऐसी ही होती है

shweta prasad basu makdi actress inside

श्वेता ने कहा मेरे दिन की शुरुआत पंडित रविशंकर से ही होती है। उनके ही राग मैं सुनती हूं, मैं विलायत खान भी सुनती हूं, गुलाम अली भी सुनती हूं। आपको अगर स्ट्रेस है तो आप म्यूज़िक सुनो। इंस्ट्रुमेंटल म्यूज़िक भी बहुत वर्क करता है। म्यूज़िक को आप डांस के तौर पर भी ले सकते हैं। मेरे लिए स्ट्रेस रिलीफ है आधे घंटे का म्यूज़िक ब्रेक।

 

श्वेता आगे बताती हैं, मैं जब बुक्स भी पढ़ रही होती हूं तो मेरे हेडफोन में गाने बजते रहते हैं। शादी में हूं तो हनी सिंह के गाने भी बहुत अच्छे लगते हैं, इसलिए ऐसा नहीं है कि एक ही किस्म के स्लो, मेडिटेशन टाइप के म्यूज़िक सुनती हूं। म्यूज़िक सुनने का एक फायदा यह भी है कि आप कभी अकेला महसूस नहीं करते।  

Image Courtesy: Instagram (@shwetabasuprasad11)

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।