बॉलीवुड की मंझी हुई एक्ट्रेस शबाना आजमी स्वाइन फ्लू का शिकार हो गई हैं। इस बात का खुलासा एक्ट्रेस को रुटीन चेकअप के दौरान हुआ। जी हां कोल्ड और कफ होने पर शबाना अपने चेकअप के लिए गई थीं, वहीं उन्हें स्वाइन फ्लू होने की जानकारी मिली। अभी वह इलाज के लिए हॉस्पिटल में एडमिट है। हॉस्पिटल में एडमिट होने को लेकर शबाना आजमी ने कहा, "मुझे बहुत ही मुश्किल से ही समय मिल पाता है। इसलिए हॉस्पिटल में एडमिट होना मेरे लिए ब्रेक की तरह है।'' उन्होंने कहा, ''मैं अस्पताल में एडमिट हूं और मेरी हेल्थ में तेजी से सुधार हो रहा है।" बता दें, स्वाइन फ्लू यानी इनफ्लुएंजा बुखार का वायरस हवा में फैलता है। खांसने, छींकने, थूंकने से वायरस लोगों तक पहुंचता है। आइए इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानें।
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स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू सांस से जुड़ी बीमारी वाला वायरस है, जो छींकने या इसके वायरस के संपर्क में आने से फैलती है। किसी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू की पहचान करना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि इसकी सही समय पर पहचान ना होने पर गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। साथ ही उसके संपर्क में आकर अन्य व्यक्तियों में भी यह इंफेक्शन फैल सकता है। जी हां स्वाइन फ्लू एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जो एक विशिष्ट प्रकार के एंफ्लुएंजा वाइरस (एच-1 एन-1) के द्वारा होती है। जो सूअरों से मनुष्यों तक फैलता है। हालांकि सूअर इंफेक्शन का मुख्य स्रोत हैं, एक बार यह मनुष्यों तक पहुंचने के बाद, यह व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है।
स्वाइन फ्लू अनदेखी करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यहां तक कि इलाज न होने पर यह जानलेवा भी बन सकता है। खासतौर पर फेफड़े को रोगियों के लिए यह काफी खतरनाक हो सकता है। साथ ही छोटे बच्चे, बुजुर्गों के इसकी चपेट में आने की आशंका अधिक होती है। इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी और पहले से बीमार लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
- स्वाइन फ्लू के लक्षणों में
- नाक का लगातार बहना
- छींक आना
- कफ और कोल्ड
- लगातार खांसी रहना
- मसल्स में पेन या अकड़न
- बुखार के साथ सिर में तेज दर्द
- नींद न आना
- ज्यादा थकान
- गले में लगातार खराश रहना आदि शामिल करें!

अन्य बीमारियों का खतरा
स्वाइन फ्लू से कई अन्य बीमारियों के जन्म लेने का भी खतरा होता है। इनफ्लुएंजा बुखार से पीड़ित लोगों को हार्ट अटैक का खतरा छह गुना बढ़ जाता है। खासतौर से बुखार आने के आरंभिक एक वीक में यह खतरा ज्यादा रहता है, लिहाजा इंजेक्शन लगाना बहुत जरूरी है। एक शोध से यह जानकारी मिली है कि बुजुर्गो, इनफ्लुएंजा बी इंफेक्शन व हार्ट अटैक से पीड़ित रहे मरीजों में यह खतरा और भी ज्यादा हो सकता है।
क्या कहती हैं रिसर्च
यह रिसर्च न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुई है। शोधकर्ताओं ने वर्ष 2009 से लेकर 2014 के बीच 332 ऐसे मरीजों की पहचान की जिन्हें हार्ट अटैक के कारण हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। सभी मरीजों के चेकअप से पता चला है कि वे इनफ्लुएंजा से पीड़ित थे।
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फ्लू को खुद से दूर रखने के उपाय
- छींकते समय टिश्यू पेपर से मुंह, नाक को कवर करें।
- अपने हाथों को लगातार साबुन से धोते रहें अपने घर, ऑफिस के दरवाजों के हैंडल, की-बोर्ड, मेज आदि साफ करते रहें।
- अगर आपको जुकाम के लक्षण दिखाई दें तो घर से बाहर और दूसरों के नजदीक ना जाएं।
- लगातार पानी पीते रहें ताकि डिहाइड्रेशन ना हो।
- घर से बाहर निकल रहे हों तो मास्क पहनकर ही निकलें।
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