दिवाली के बाद बच्चों को इस तरह एयर पॉल्युशन से बचाएं

अगर पिछले कुछ समय से आपका बच्चा प्रदूषण के कारण सर्दी या जुकाम से परेशान है तो बच्चे को फौरन डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही एयर पॉल्यून से बचाव के लिए ये एहतियाती कदम उठाएं।

 
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हर साल दिवाली के बाद एयर पॉल्युशन में इजाफा हो जाता है और इस साल भी हालत कुछ अलग नहीं हैं। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले ज्यादातर लोग सांस की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। अगर आप सोच रही हैं कि घर में रहने मात्र से आप प्रदूषण की शिकार होने से बच जाएंगी, तो ऐसा भी नहीं है। घर के अंदर का प्रदूषण भी आपको बीमार बना सकता है। ऐसे में आपके लिए कुछ अहम बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

एयरलॉक की स्थिति है खतरनाक

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दिल्ली-एनसीआर में इस समय एयर पॉल्यूशन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। ऐसे में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए कोशिश करें कि ज्यादा देर तक घर के बाहर ना रहें। अगर किसी आउटडो एक्टिविटी के लिए बाहर जाने की सोच रही हैं तो फिलहाल कुछ समय के लिए उसे टाल दें। दरअसल इस समय में एयर लॉक की वजह से स्थिति बहुत नाजुक हो गई है। अगर पॉसिबल हो तो घर में एयर प्यूरीफायर लगवाएं, इससे बाहर की दूषित हवा से आप कुछ हद तक अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रख पाएंगी।

घर में हो रही पॉल्यूशन से बच्चों को रखें सुरक्षित

दिवाली के समय से ही दिल्ली में एयर लॉक की स्थिति है। ऐसे में चौथी मंजिल तक रहने वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि यह प्रदूषण जमीन, बाहरी हवा और घर के अंदर की हवा तीनों तरह से नुकसान पहुंचा रहा है। बच्चे बहुत आसानी से इस प्रदूषण के शिकार हो जाते हैं, इसीलिए आपको बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

इस तरह बन गई है एयर लॉक की स्थिति

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सीपीसीबी के सूत्रों के अनुसार घरों के भीतर बाहर की तुलना में प्रदूषण स्तर काफी ज्यादा है। घर की हवा को स्वच्छ बनाने के लिए इस समय में सूखी झाड़ू न लगाएं, गीले पोंछे से सफाई करें। अगरबत्ती और धूप बत्ती ना जलाएं। सीपीसीबी के अनुसार इस समय हवाओं की गति 0 से 5 किलोमीटर प्रति घंटे है। इस समय में सुबह-शाम एयर लॉक की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में प्रदूषण फैलाने वाले तत्व एक ही जगह पर जमा रहते हैं। उनमें हलचल नहीं होती है, जिससे महिलाएं और भी ज्यादा प्रभावित होती हैं। अंदर के कमरों में ये तत्व और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं, जिससे स्थिति नाजुक हो सकती है।

काम आएंगे ये टिप्स

रसोई,बाथरूमआदि की सफाई का ध्यान रखें, साथ ही उनमें वेंटिलेशन का होना भी पॉल्यूशन कम करने के लिए जरूरी है। इन दिनों घर में धूप या अगरबत्ती आदि का इस्तेमाल भी पीएम 2.5 के स्तर को तीन-चार गुना तक बढ़ा सकता है, क्योंकि घर के खिड़की-दरवाजे बंद रह रहे हैं। ऐसे में इन सामग्रियों का प्रयोग कुछ समय तक ना करें।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

प्रोफेसर, मेडिसिन डॉ. पुलिन गुप्ता का कहना है, 'बच्चों को सुबह और शाम बाहर कम निकालें क्योंकि इस समय में स्मॉग बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। कोशिश करें कि एयर प्योरी लगवाएं। एयर प्यूरीफायर का साइज हर रूम के लिए अलग होता है। घर के खिड़की-दरवाजे बंद करके रखें। यह भी ध्यान दें कि घर की खुली हुई खिड़कियों से धुआं अंदर ना आए। अगर घर में बच्चों या बड़ों को खांसी या जुकाम हो रहा है तो डॉक्टर को दिखाएं। अगर आप पॉल्यूशन से बचाव के लिए साधारण मास्क का इस्तेमाल करने की सोच रही हैं तो ध्यान दें कि कपड़े वाले मास्क से कोई फायदा नहीं होता। साथ ही जो मास्क जहरीली हवा से सुरक्षित रखते हैं, उनमें घुटन महसूस होने के कारण उन्हें लगाना आसान नहीं होता। बच्चों को ऐसे मास्क लगाने में काफी परेशानी होती है। जिन बच्चों को अस्थमा की समस्या रही है, उनकी इस समय में विशेष देखरेख की जरूरत है। पॉल्यूशन का स्तर खतरनाक है तो बेहतर होगा कि एक-दो दिन बच्चे को घर पर रहने दें और स्कूल ना भेजें।

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