समय के साथ हमने लगभग हर क्षेत्र में प्रगति कर ली है, लेकिन हेल्थ के मामले में हम लगातार पिछड़ रहे हैं। जी हां गंभीर बीमारियों के लगातार बढ़ते मामले चिंताजनक हो गए है। हमारे देश में शादी से पहले कुंडलियां मिलाने की परंपरा है, लेकिन अब जरूरी हो गया है कि हम अपनी रूढि़वादी सोच बदलें और इस पवित्र बंधन में बंधने से पहले कुंडली नहीं बल्कि कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट कराएं। शादी के पहले कराए जाने वाले ये टेस्ट आपको और आपके होने वाले बच्चे को कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से बचा सकते हैं। हालांकि ज्यादा लोग मेडिकल टेस्ट का नाम सुनकर ही डर जाते हैं, लेकिन घबराएं नहीं, अधिकतर टेस्ट बहुत ही आसन, दर्द रहित और उचित रेट पर होते हैं।
इस बारे में मुझे भी जानकारी नहीं थी लेकिन एक दिन जब मैंने अपना हीमोग्लोबिन चेक करवाया, तो रिपोर्ट में एनीमिया निकल कर आया। तब मुझे मेरे डॉक्टर ने बताया कि एक बार अपने बच्चों का टेस्ट जरूर करवा लेना। अगर वह भी एनीमिक हैं तो शादी के समय अपने बच्चों की कुंडली मिलाने की जगह आप उनके होने वाले पार्टनर का ब्लड टेस्ट जरूर करवा लेना क्योंकि अगर वह भी एनीमिक हैं तो प्रॉब्लम हो सकती हैं। क्योंकि दो एनीमिक मिलकर जिस बच्चे को जन्म देते हैं उनमें थैलेसीमिया की प्रॉब्लम हो सकती हैं। जी हां होम्यापैथी डॉक्टर हिमांशु सक्सेना ने मुझे यह बात बताई। और इस जानकारी को मैं आपके साथ शेयर करना चाहती हूं।
कौन से टेस्ट कराए
कई टेस्ट है, जो शादी के पहले कराए जाने चाहिए। जैसे एनीमिया, शुगर या थायरॉयड टेस्ट कराना आपकी नॉर्मल हेल्थ के लिए अच्छा रहेगा, दूसरे टेस्टों में ब्लड ग्रुप और आरएच फैक्टर शामिल है। इसके अलावा थैलेसीमिया जीन, सिकल सेल एनीमिया, हेपेटाइटिस, यौन संबंधों से फैलने वाली बीमारियां जैसे सिफलिस और एड्स के टेस्ट भी कराए जाते हैं। आपकी मेडिकल हिस्ट्री और आपके परिवार की हेल्थ प्रॉब्लम्स के आधार पर डॉक्टर कुछ अन्य जरूरी टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। आइए जानें कि शादी से पहले आपको कौन-कौन से टेस्ट कराने चाहिए।
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थैलेसीमिया टेस्ट
थैलेसीमिया टेस्ट कपल में थेलेसीमिया जीन का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह एक ब्लड संबंधी आनुवंशिक डिजीज है जिसमें लगातार रेड ब्लड सेल्स के नष्ट होने से एनीमिया की समस्या बनी रहती है। भारत में करीब 6 करोड़ लोग हैं, जिन्हें थैलेसीमिया ट्रेट है। चूंकि इस ट्रेट का उन पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिण् अधिकतर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। अगर थैलेसीमिया ट्रेट वाले दो लोग शादी कर लेते हैं तो उनके बच्चों में खतरनाक थैलेसीमिया होने की आंशका 25 प्रतिशत तक होती है। इसका जानकारी नॉर्मल ब्लड टेस्ट से हो जाती है और यह सुनिश्चित हो जाता है कि आप थैलेसीमिया ट्रेट के वाहक तो नही हैं।
आरएच फैक्टर टेस्ट
आरएच फैक्टर एक एंटीजन होता है, जो ब्लड सेजलस की सतह पर पाया जाता है। 85 प्रतिशत उन लोगों में पाया जाता है, जो आरएच पॉजिटिव होते हैं। जिन लोगों में यह नहीं होता, वे आरएच निगेटिव होते हैं। वैसे आएच फैक्टर हमारे नॉर्मल हेल्थ को प्रभावित नहीं करता, लेकिन अगर मां और बच्चे का आरएच फैक्टर अलग-अलग होगा तो मां और बच्चे दोनों में हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है जो घातक भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि शादी से पहले आरएच फैक्टर का चेकअप करा ली जाए, क्योंकि अलग-अलग आरएच फैक्टर वालों को आपस में शादी न करने की सलाह दी जाती है।
एचआईवी टेस्ट
कई बीमारियां हैं, जो शारीरिक संबंधों के द्वारा संचारित होती है। इनमें, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी ऐसी हेल्थ प्रॉब्लम्स हैं कि अगर इनका बेहतर तरीके से मैनेज न किया जाए तो यह उम्र भर का रोग बन जाती है। इसके अलावा गोनोरिया, सिफलिस, बैक्टीरिया वैजीनोसिस और वार्ट्स का समय रहते पता चल जाए तो इनका ट्रीटमेंट संभव है। शादी से पहले सेक्युअली ट्रांसमिटेड बीमारियों का पता लगाना बहुत जरूरी है, ताकि वैवाहिक संबंधों को तनावपूझा्र होने से बचाया जा सके।
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स्क्रीनिंग फॉर क्रॉनिक डिजीज
डायबिटीज, किडनी डिजीज, हाई ब्लडप्रेशर और कार्डियोंवॉस्कुलर डिजीज जैसी बीमारियों की चेकअप बहुत जरूरी है। ये जांच इस पर निर्भर करती हैं कि आपके और आपके पार्टनर के परिवार के किन बीमारियों का पारिवारिक इतिहास है। डायबिटीज स्क्रीनिंग इसलिए भी जरूरी है कि इसके कारण इनफर्टिलिटी और हाई स्किन प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ जाता है।
फर्टिलिटी टेस्ट
यह टेस्ट प्रजनन क्षमता की जांच के लिए किया जाता है। अक्सर कपल को 1 या 2 साल तक तो पता ही नहीं चलता है कि उनकी प्रजनन क्षमता नॉर्मल नहीं है। वो इस समस्या के बारे में तब जान पाते हैं, जब उन्हें बच्चा नहीं होता है। अगर फर्टिलिटी टेस्ट शादी से पहले ही करा लिया जाए तो बाद में होने वाले सोशल और इमोशनल ट्रॉमा से बचा जा सकता है।
शादी के बाद जीवन की खुशहाली कई बातों पर निर्भर करती है, जिनमें एक हेल्थ प्रॉब्लम भी होती है। कुछ हेल्थ प्रॉब्लम शादी के पहले की होती है जिनकी जानकारी होने पर उसके समाधान ढूंढें जा सकते थे। इसी कारण अब शादी के पहले कुछ मेडिकल टेस्ट कराए जाने की जरूरत महसूस की जाने लगती है।
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