साल के इन दिनों में बढ़ता है डिप्रेशन, जानें क्‍यों?

क्‍या साल के कुछ खास दिनों में आप उदासी महसूस करती है? किसी भी काम में आपका मन नहीं लगता है? तो हो सकता है कि आप ‘September Blues’ का शिकार हैं। 

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2017-10-03, 16:32 IST
September Blues in hindi

मेरे पड़ोस में रहने वाली मीना को साल के कुछ दिनों के दौरान बहुत अजीब सा महसूस होता है। ऐसा मीना को ही नहीं बल्कि कई ladies को महसूस होता है। क्‍या आपके साथ भी ऐसा ही होता है? क्‍या आपको भी कुछ खास दिनों में उदासी महसूस होती हैं? ऐसा लगता है कि आपके साथ कुछ गलत हो रहा है। लेकिन चाहकर भी अपनी परेशानी का कारण खोज नहीं पर रहीं हो? तो आप ‘September Blues’ का शिकार हैं।

जी हां साल के कुछ दिनों यानि सितंबर में कुछ लोगों में डिप्रेशन बढ़ जाता है। इसलिए अगर आप भी इन दिनों उदास महसूस कर रहे हों या मन किसी काम नहीं लग रहा हो, तो घबराएं नहीं। सितंबर में कई लोगों को डिप्रेशन होता है। इसे 'September Blues' के नाम से जाना जाता है।

क्‍या है ये बला?

जी हां वैसे तो नाम से जाहिर है कि 'September Blues' की परेशानी 9वें महीने यानि सितंबर से जुड़ी है। लेकिन यह जानना बेहद जरूरी है कि यह क्‍या बला है और इसे डिप्रेशन से क्यों जोड़ा जा रहा है? विशेषज्ञों ने बताया कि सितंबर एक ऐसा महीना है जिसमें अचानक मौसम बदलता है। आप दुनिया के किस भी हिस्से में बैठे हों, लेकिन सितंबर एक ऐसा महीना है जब मौसम में बदलाव जरूर आता है और यही मौसम हमारी निराशा का कारण बनता है।

september in hindi

क्‍या कहते है विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों के अनुसार, ज्‍यादातर लोगों को सितंबर के महीने में गुस्‍सा, उदासी, डिप्रेशन, जैसा महसूस होता हैं। यहीं कारण है कि सितम्बर को उदासी भरे मौसम के रूप में भी जाना जाता है। इस महीने में दिन पहले के मुकाबले छोटे होने लगते हैं और सर्दी की शुरुआत होने लगती है। लेकिन इन सभी के पीछे का कारण क्या है उन्हें दिखाई नहीं देता।

September Blues

सीजनल अफेक्टिव डिस्‍ऑर्डर

एक्सपर्ट डॉक्टरों के अनुसर, सीजनल अफेक्टिव डिस्‍ऑर्डर (एसएडी) से ग्रस्‍त लोगों में 'September Blues' ज्‍यादा देखने को मिलता है क्‍योंकि एसएडी ऐसी बीमारी है, जिसमें सर्दियों में सबसे ज्‍यादा डिप्रेशन होता हैं।
September Blues

मानसिक रोग का कारण

यूके गवर्नमेंट हेल्‍थ सर्विस एनएचएस के अनुसार, ब्रिटेन में इस बीमारी से हर 15 में से एक व्यक्ति परेशान है। यह बीमारी एक बड़े स्तर का मानसिक रोग का कारण बन सकती है जिसके कारण ग्रस्‍त व्‍यक्ति काम करने लायक भी नहीं रहता है।

कैसे पाएं छुटकारा?

सितंबर ब्‍लूज से बचने का सबसे अच्‍छा और सरल उपाय सुबह की धूप को बॉडी पर पड़ने देना है। ऐसा माना जाता है कि इस बीमारी में सूरज की रोशनी ब्रेन के उस हिस्से पर असर डालती है जो एलर्जी लेवल को नियमित करता है। इसके अलावा जब भी डिप्रेशन की भावना हावी होने लगे तो आप जहां भी बैठे हों, तुरंत उस जगह को छोड़ दें। खुली हवा या सूरज की किरणों के संपर्क में आएं।

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