आज की आरामतलबी वाली जीवनशैली में महिलाओं को अक्सर कब्ज और पेट की बीमारियां लग जाती हैं। अगर आप अपनी डाइट में एक ऐसी चीज शामिल करें, जो आपको सेहत देने के साथ-साथ आपको कई तरह की बीमारियों से भी दूर रखे तो कैसा रहे। इस मामले में इसबगोल का जवाब नहीं है। इसबगोल पौष्टिक होने के साथ साथ-साथ पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आयुर्वेद में इसे अहम स्थान दिया गया है। यह अपने लैक्सेटिव और पेट को ठंडक देने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में-
इसबगोल में प्राकृतिक रूप से चिपचिपा सा पदार्थ पाया जाता है। पानी में डुबाने के बाद इसबगोल फूल जाता है और इससे जेल बन जाता है, जो स्वादहीन और गंधहीन होता है। अपने लैक्सटिव गुण के कारण यह आंत को स्वस्थ और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। साथ ही यह आंत में मौजूद बैक्टीरिया और दूसरे नुकसानदेह टॉक्सिन को भी सोंख लेता है। अगर 4 से 6 चम्मच इसबगोल दिन में एक से तीन बार पानी या अन्य किसी जूस के साथ लिया जाए तो इससे महिलाओं को काफी फायदा मिलेगा।
इसबगोल में पाया जाना वाला जेलेटिन नेचुरल बोवेल मूवमेंट में मदद करता है। कब्ज में राहत के लिए इसे इसबगोल को पानी में 5 से 6 घंटे तक फुला रात को सोने से पहले इसे गुनगुने दूध के साथ ले सकती हैं।
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इसबगोल में पाए जाने वाले प्राकृतिक तत्व कब्ज के साथ डायरिया से भी आराम पहुंचाते हैं। अगर आपको डायरिया की समस्या है तो इसे दही के साथ मिला कर लें। इसके लिए चार चम्मच इसबगोल को आठ चम्मच ताजा दही के साथ मिला लें और भोजन के बाद खाएं।
अगर आपको अक्सर एसिडिटी की समस्या रहती है तो आपको इसबगोल काफी फायदा दे सकता है। यह पेट में एक सुरक्षा कवच बना देता है जो डायजेस्टिव एसिड्स के अत्याधिक स्राव को कम करता है। साथ ही यह पेट में मौजूद एडिस के दुष्प्रभाव को भी कम करता है। इसके लिए खाना खाने के बाद इसबगोल को ठंडे पानी के साथ लें।
इसबगोल फाइबर से भरपूर होता है। इसकी प्रकृति हाइग्रोस्कोपिक होती है, इसलिए यह कोलेस्ट्रॉल को सोख लेता है। यह पेट और आंतों पर टॉक्सिन्स और चिकनाई वाले तत्वों के अत्याधिक जमाव को रोकता है। साथ ही यह भोजन को फैट एब्जॉर्ब की प्रक्रिया में भी कमी लाता है। इसके लिए दिन में दो बार भोजन के तुरंत बाद इसबगोल लिया जा सकता है।
फाइबर से भरपूर होने के वजह से इसबगोल पाचन में मदद करता है और पेट पर फैट जमा होने में कमी आती है। यह पेट में मौजूद टॉक्सिन से मुक्ति देता है और आंतों में भोजन की गतिशीलता भी बढ़ाता है। पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए इसबगोल को बटरमिल्क के साथ खाने के ठीक बाद लिया जा सकता है।
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