क्या आप भी लेती हैं नींद की गोलियां? जानिए शरीर को किस तरह पहुंचा रही हैं नुकसान

Sleeping Pills Side Effects: स्ट्रेस, एंगजायटी और भी कई कारणों के चलते, आजकल लोगों को नींद मुश्किल से आती है और अच्छी नींद के लिए वे नींद की दवाइयां लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि असल में स्लीपिंग पिल्स किस तरह सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।  
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सेहतमंद रहने के लिए, जिस तरह सही खान-पान जरूरी है, उसी तरह अच्छी नींद भी बहुत जरूरी है। आजकल कई कारणों से नींद न आना एक आम समस्या बन गई है। जहां कई लोगों को बिस्तर पर लेटते ही नींद आ जाती है, वहीं कुछ लोग लाख कोशिशों के बाद भी बिस्तर पर घंटों करवटें बदलते रहते हैं। नींद न आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें स्ट्रेस और जीवनशैली का सही न होना शामिल है। अगर रोजाना आपकी नींद पूरी नहीं होती है, तो इसकी वजह से डाइजेशन खराब होने लगता है, मूड चिड़चिड़ा रह सकता है और इम्यूनिटी भी कमजोर होने लगते है। जिन लोगों को नींद आने में मुश्किल होती है, उन्हें अच्छी नींद के लिए, सबसे पहले खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए। साथ ही, कुछ देसी नुस्खों की मदद भी ली जा सकती है। लेकिन, जिन लोगों को लंबे समय तक सही से नींद नहीं आती है, उन्हें कई बार डॉक्टर स्लीपिंग पिल्स लेने की सलाह देते हैं। इंसोमनिया या अनिद्रा के लिए, नींद की गोली लेना कितना सही है या इससे सेहत को नुकसान होता है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर श्रेय श्रीवास्तव दे रहे हैं। वह, शारदा हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के इंटरनल मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट हैं।

नींद की गोली लेने से सेहत को हो सकते हैं ये नुकसान

how does lack of sleep affect mental health

  • एक्सपर्ट का कहना है कि स्लीपिंग पिल्स, इंसोमनिया के इलाज में इस्तेमाल की जाती हैं। लेकिन, अगर इनका इस्तेमाल गलत तरीके से या बहुत लंबे समय तक किया जाए, तो यह शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • ये दवाइयां, आमतौर पर सेडेटिव-हाइपनोटिक्स होती हैं। ये ब्रेन के न्यूरोट्रांसमिटर्स पर असर डालती है और नींद लाने में मदद करती हैं। इनके कुछ साइड-इफेक्ट होते हैं और अगर इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाए, तो इनसे फायदे की जगह नुकसान ही होता है।
  • सबसे बड़ी बात यह है कि कई मामलों में एक वक्त के बाद लोग नींद के लिए पूरी तरह से इन पिल्स पर ही निर्भर हो जाते हैं और उनके लिए, इसके बिना सोना मुश्किल हो जाता है। इसकी वजह से कई बार लोग दवाई की डोज अधिक लेने लगते हैं या इसकी आदत हो जाती है।
  • इन पिल्स को लेने के कारण, दिन में भी थकान और नींद जैसा महसूस होता है, आप चीजों पर सही तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं और एकदम से रिएक्ट करने या बातों को समझने में मुश्किल हो सकती है।

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difficulty in sleeping

  • अगर आप लंबे समय तक इन दवाइयों का इस्तेमाल करती हैं, तो इसके कारण नेचुरल स्लीप साइकिल पर असर होता है। कुछ पिल्स, हमारी मेमोरी और चीजों को समझने की क्षमता पर भी बुरा असर डालती हैं।
  • इसकी वजह से सिरदर्द, डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें और चक्कर आने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
  • नींद के लिए, स्लीपिंग पिल्स पर निर्भर रहने के बजाय आपको लाइफस्टाइल में बदलाव करने चाहिए। कैफीन कम लेना, सोने और जागने का समय निश्चित करना और दिमाग को शांत करने वाली तकनीकों की मदद से आप अच्छी नींद ले सकती है।

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सेहतमंद रहने के लिए, पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। अगर आपको नींद आने में मुश्किल होती है, तो स्लीपिंग पिल्स की जगह देसी नुस्खों की मदद लें और स्ट्रेस दूर करने के लिए, योगा और प्राणायाम को रूटीन का हिस्सा बनाएं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik

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