सड़क से दूर बनाएं अपना आशियाना तो जिंदगी होगी खुशनुमा

आपका आशियाना अगर सड़क के शोर-शराबे और धूल-धक्कड़ के माहौल से दूर हो तो आपको अच्छे एंबियंस के साथ-साथ हेल्थ बेनिफिट्स भी मिलते हैं।

 
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अगर आपका घर सड़क के आसपास है तो आप कई बार यह सोचकर खुश हो जाती हैं कि आपको कहीं आने-जाने में बहुत मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। घर से निकलते ही आप खुद ड्राइव करके आसानी से अपने डेस्टिनेशन पर पहुंच सकती हैं, किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जा सकती हैं या फिर कैब कर सकती हैं। अगर आवाजाही में होने वाली आसानी को देखते हुए आप सड़क किनारे के घर को पसंद करती हैं तो इस बारे में एक बार फिर सोच लीजिए। सड़क के आसपास अगर आपका घर है तो आपको कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स होने का खतरा होता है। बेथ इज्राएल डीकनेस मेडिकल सेंटर की तरफ से हुई एक ताजा रिसर्च में यह बात प्रमाणित हुई है कि फुटबॉल फील्ड के बराबर चौड़ी सड़क के करीब रहने वाले बच्चों में पीडियेट्रिक अस्थमा के लक्षण उन बच्चों की तुलना में चार गुना ज्यादा थे जो सड़क से दूर रहते थे। हालांकि फिजीशियन्स ने हमेशा से ही इस बात की तस्दीक करते रहे हैं कि स्मॉग और पॉल्यूशन से बच्चों और बड़ों में अस्थमा होने का खतरा रहता है, लेकिन शोधकर्ताओं की तरफ से पहली बार ऐसी बात सामने आई है।

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दिल की सेहत के लिए नुकसानदेह

सड़क पर होने वाला प्रदूषण दिल के लिए बहुत खतरनाक है। अगर आप ज्यादा देर तक सड़क की प्रदूषित हवा में रहती हैं तो यह आपके दिल को कमजोर बनाता है। एक शोध की मानें तो सड़क के पॉल्यूशन से फेफड़ों को नुकसान पहुंचने के साथ दिल पर भी बुरा असर होता है। रिसर्च बताती हैं कि हवा में मौजूद सूक्ष्म कण हार्ट की कार्यप्रणाली पर बुरा असर डालते हैं। इससे उसकी इलेक्ट्रानिक सिग्नल देने की क्षमता प्रभावित होती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले कणों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया। इन शोधकर्ताओं ने पाया कि सड़क के प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर अस्पताल में भर्ती हार्ट अटैक व डायबिटीज के मरीजों पर दिखाई देता है।

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किडनी पर भी पड़ता है असर

सड़क के दूषित माहौल का आपके दिल के साथ-साथ आपकी ओवरहॉल हेल्थ पर भी बुरा असर होता है। चीन की सदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि बढ़ते वायु प्रदुषण से झिल्लीदार नेफ्रोपैथी डिजीज यानी किडनी रोग का खतरा भी बढ़ता है। पिछले कुछ सालों में वायु प्रदूषण के भयानक तरीके से बढ़े स्तर के कारण अस्पतालों में किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। शोधकर्ताओं ने पाया कि वायु प्रदूषण से झिल्लीदार नेफ्रोपैथी के होने की आशंका बढ़ गई, जो किडनी के खराब होने का मुख्य कारण है। इन हेल्थ रीजन्स को जानने के बाद अब आप अपना नया आशियाना तलाशें तो सड़क के बजाय किसी हरे-भरे इलाके को प्राथमिकता दें। इससे आप तरोताजा और एनर्जी से भरपूर रहेंगी और आपकी सेहत भी बेहतर बनी रहेगी।

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