World AIDS Day: Ladies को क्‍यों करवाना चाहिए HIV टेस्‍ट? जानें

हर साल 1 दिसंबर के दिन पूरी दुनिया में 'World AIDS Day' मनाया जाता है। जिसका उद्देश्‍य लोगों खासतौर पर लेडीज को इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक करना है।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2017-12-04, 18:22 IST
HIV Health article

हर साल 1 दिसंबर के दिन पूरी दुनिया में 'World AIDS Day' मनाया जाता है। जिसका उद्देश्‍य लोगों खासतौर पर लेडीज को इस खतरनाक और जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक करना होता है। World AIDS Day के अंतर्गत लोगों को एड्स के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार के बारे में बताया जाता है।

एड्स, Human immunodeficiency virus (एचआईवी) के इंफेक्‍शन से होने वाला एक जानलेवा बीमारी है। एड्स दुनिया भर में महामारी की तरह फैला हुआ है, जिससे आज पुरुष और महिलाएं ही नहीं बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं।

21 लाख भारतीयों का HIV infection से संक्रमित होने के कारण, दुनिया में एचआईवी से पीड़ित लोगों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या भारत में है। देश में 2016 में 80,000 नए इंफेक्‍शन के मामले समाने आए थे। Free antiretroviral treatment की उपलब्‍धता के बावजूद मामले बहुत बढ़ रहे हैं क्‍योंकि लोग क्‍लीनिक तक पहुंचने में भी कठिनाई का सामना करते हैं।

AIDS यानी HIV पॉजिटिव होने का मतलब है, एड्स वायरस आपकी बॉडी में प्रवेश कर गया है लेकिन इसका अर्थ यह बिलकुल भी नहीं है कि आपको एड्स है। एच.आई.वी. पाजिटिव होने के 6 महीने से 10 साल के बीच में कभी भी एड्स हो सकता है। एक हेल्‍दी व्यक्ति अगर एच.आई.वी पॉजिटिव के संपर्क में आता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या यह होती है, कि एक HIV पॉजिटिव को इस बीमारी के पता तब तक नहीं चलता, जब तक कि इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

HIV Health inside

Image Courtesy: Twitter(@editor_JTDI)

AIDS के लक्षण

यूं तो एड्स के कोई खास लक्षण नहीं होते है, सामान्यतः अन्य बीमारियों में होने वाले लक्षण ही होते हैं। लेकिन कुछ लक्षण प्रमुख हैं।

  • कई हफ्तों तक लगातार बुखार का रहना
  • हफ्तों खांसी रहना, मुंह में घाव होना
  • अकारण वजन कम होना, भूख खत्म हो जाना
  • बार-बार दस्त लगना
  • सोते समय पसीना आना


एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन के राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल, गुडविल ऐंबैसडर और Country Program Manage Dr. V.Sam Prasad, भारत एचआईवी / एड्स गठबंधन: के Chief Executive Ms. Sonal Mehta और Swasti Foundation की Program Director Shaonli Chakraborty का कहना है कि

एचआईवी / टीबी और एचआईवी / HCV Co-infection

एचआईवी से ग्रस्‍त महिलाओं में टीबी के विकास का जोखिम भी अन्‍य महिलाओं की तुलना में लगभग 26 और 31 गुना अधिक होता है। हालांकि भारत में टीबी / एचआईवी के इंफेक्‍शन से जुड़ा कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। हालांकि, adult TB patients in tertiary health care centers के बीच एचआईवी sero-positivity के अध्ययन से जुड़े आंकड़े इस समस्या की भयावहता पर एक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

भारत में लगभग 12 million लोग लंबे समय से Hepatitis-C से संक्रमित हैं। WHO के अनुसार एचआईवी के साथ रहने वाले अनुमानित 2.3 मिलियन लोग वैश्विक रूप से हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से संक्रमित हैं। National Centre for Disease Control (NCDC) एचसीवी / एड्स की तर्ज पर एचसीवी पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की योजना बना रहा है, लेकिन भारत में एचआईवी प्रसार के आंकड़ों को अभी तक देश के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित नहीं किया गया है।

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क्‍यों जरूरी हैं HIV testing

The Lancet Journal की नवीतनतम रिपोर्टों से पता चलता है कि उपचार में सुधार के कारण एचआईवी से ग्रस्‍त युवाओं के पास अब सामान्य जीवन उम्‍मीद है। एचआईवी का उपचार बीमारी के समय पर पता लगाने पर निर्भर है और यह केवल कमजोर समुदायों तक पहुंचने और परीक्षण के माध्यम से वायरस का पता लगाने के माध्यम से संभव है। Community-based testing ऐसे "पृथक" कमजोर समूहों तक पहुंचने के लिए एक प्रमुख पहल है। वर्तमान स्थिति एचआईवी उपचार में शामिल व्यय और जीवन प्रत्याशा की ओर ध्यान देने की भी आवश्यकता है।

भारत का पहला Free Condom Store

Various State AIDS Control Society जनता के बीच वितरित करने के लिए कंडोम की भारी कमी का सामना कर रही है। NACP IV MTR रिपोर्ट के मुताबिक, जनसंख्या का केवल 16 प्रतिशत तक ही कंडोम पहुंच पाता है। इस स्थिति का समाधान करने के लिए, AHF India ने भारत का पहला फ्री कंडोम स्टोर लॉन्च करने का फैसला किया, जहां आसानी से कंडोम के लिए ऑर्डर कर सकती हैं और वे अपने दरवाजे तक फ्री में पहुंच जाएंगे।

The Global Fund द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं का समाधान

The Global Fund multilateral partnership है जो wealthy countries से donations के माध्‍यम से वित्‍त पोषित करता है। Global Fund-supported programs के माध्यम से 11 लाख लोगों को एचआईवी (भारत में शामिल) के लिए lifesaving treatment प्राप्त होते हैं और 17.4 करोड़ लोगों ने टीबी के लिए इलाज प्राप्त किया है।

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