इन दिनों लोगों में दिल से जुड़ी समस्याओं में लगातार इजाफा हो रहा है। Heart attcak आजकल एक कॉमन समस्या के रुप में उभरा है। जिसका मतलब ये हुआ कि ये हार्ट फेलियर और दिल का दौरा आज किसी को भी पड़ सकता है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह होती है आपकी आर्टरीज का ब्लॉक होना या फिर आपके दिल का काम करना बंद कर देना।
आखिर ये होता क्यूं है? शायद अभी तक आपके दिमाग में ये सवाल होगा। इसकी सबसे बड़ी वजह है आपका poor life style जिससे आपका दिल और आपकी आर्ट्रीज कमजोर हो जातीं हैं। आपकी आर्ट्रीज में प्लाक की एक परत जम जाती है जो आपके ब्लड सर्क्युलेशन को रोकती है।
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जिससे आपका हार्ट बहुत ही कम ब्लड पंप कर पाता है या फिर आर्ट्रीज ब्लॉक होने से आपके हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है और वो फट जाता है। ये समस्या किसी के भी साथ हो सकती है। कई बार ये लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होती है।
अगर victim को समय पर CPR या डॉक्टर मिल गया तब तो victim की जान बचाई जा सकती है अगर नहीं मिल पाया तो जान तक चली जाती है। और ये किसी को नहीं पता होता कि उसके साथ या उसके किसी अपने के साथ ये कब होने वाला है। ऐसे में इस आपात स्थिति से निपटने के लिए आपको CPR तकनीक के बारे में जरूर पता होना चाहिए। जो victim की जान बचाने में काफी हद तक कारगर होती है।
इसी को लेकर हमने खास बातचीत की Fitness Expert Praveen Kumar से, प्रवीण Sports Education Development Australia के भारत में फिटनेस मैनेजर हैं। इसके अलावा उन्होने physical education में M.Phill किया हुआ है। साथ ही प्रवीण टायकॉंडो में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में कैसे CPR दिया जाये? इसके बारे में प्रवीण ने हमें कई महत्वपूर्ण बाते बताईं जिन्हें फॉलो करके आप भी किसी अपने की जान बचा सकतीं हैं।
आपात स्थिति में ऐसे दे सकते हैं victim को CPR
दिल का दौरा या heart failure को ऐस पहचानें
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दिल का दौरा पड़ने या फिर heart failure की स्थिति को कई बार पहचान पाना काफी मुश्किल होता है। जिसे समझते-समझते आपको इतनी देर हो जाती है कि victim की जान आपके हांथ से निकल जाती है। ऐसी स्थिति में आपको इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि आप उसकी नाक के पास अपनी उंगलियों को लगाकर देखें कि उसकी सांस चल रही है या नहीं? अपनी उंगलियों को उसकी उंगलियों में पकड़वाकर देखिये कि वो आपकी उंगलियों को grip कर रहा है या नहीं?
इसमें सबसे जरूरी आपको उसकी Jaw के नीचे की तरफ neck पर अपनी दो उंगलियों को गहराई से लगाकर उसकी carotid pulse को देखना। क्या उसकी pulse 70-75 beat प्रति मिनट है या नहीं? या फिर उससे कम या है? अगर कम है तो आपको उसे तत्काल CPR देना है।
क्या है CPR?
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अक्सर आपके दिमाग में यही ख्याल आता होगा की आखिर दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में तुरंत ऐसा क्या किया जाये जिससे आपके किसी अपने की जान बच सके। अक्सर डॉक्टरों को भी आपने कहते हुऐ सुना होगा कि शायद अगर आप थोड़ा पहले इन्हें ले आते तो इनकी जान बच सकती थी। इसी से बचने के लिए Cardiac pulmonary Resistance(CPR) तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसके नाम से ही साफ पता चलता है कि ये आपके दिल से जुड़ी हुई है।
ज्यादातर लोग इसे life saving technique के रुप में भी जानते हैं। इसका प्रयोग अचानक से दिल का दौरा पड़ने या फिर दिल की धड़कनों के रुक जाने की स्थिति में किया जाता है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसे दिल का दौरा या फिर उसके दिल ने काम करना बंद कर दिया हो, अगर उसे सही समय पर CPR दे दिया जाये तो उसकी जान बचने की संभावना बढ़ा जाती है।
वहीं अगर सही समय पर ये ना मिले तो उसकी जान जा भी सकती है। अगर आपके किसी अपने या फिर आपके सामने किसी को दिल का दौरा पड़ा है, तो इस स्थिति में आपको बगैर घबराये स्थिति का सामना करना है।
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कैसे दिया जाता है?
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दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में CPR देते वक्त कई बातों को ध्यान में रखना पड़ता है। जिसमें से अगर आपने इन प्रमुख बातों का ध्यान रख लिया तो आपकी कोशिश कामयाब हो जाती है। अगर आप चूक गईं तो आपकी ये कोशिश नाकाम भी हो सकती है। CPR देते वक्त सबसे पहले victim की चेस्ट के निप्पल से थोड़ा उपर दोनो चेस्ट के बीच वाली लाइन के बीचों-बीच 5-6 cm तक compress करना होता है।
अगर आप इस सीमा से ज्यादा victim की chest को compress करतीं हैं तो उसकी पसलियों के टूटकर दिल में घुसने की संभावना रहती है। इसलिये हमेशा CPR देते वक्त आपको ज्यादा गहराई में press नहीं करना है।
CPR देते वक्त आपको ध्यान रखना है कि आपकी कोहनी यानिकी आपकी elbow बिलकुल भी bind नहीं होनी चाहिए। आपको अपने दोने हांथो को बिलकुल सीधा रखना है। Victim को आपने फर्श पर उसकी पीठ के बल लेटाना है और उसके दोनों हांथ और पैरों को सीधा रखना है। इसके बाद आपको उसे CPR देना है।
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कितने बार दिया जाता है CPR?
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CPR एक्सपर्टस के मुताबिक जब भी आप ऐसी किसी emergency स्थिति में फंसी हैं और आपको CPR देना है तो आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप victim को 30 बार compression दें। इसके तुरंत बाद आपको उसे दो बार अपने मुंह से breath देनी है। ऐसा आपका 5 बार करना है। हर 30 चेस्ट compression के बाद 2 breath आपको हर हालत में देनी ही देनीं हैं।
इसके लिए आपको अपने मुंह को उसके मुंह पर लगाना होगा। इसमें आपको उसकी nose को बंद करके रखना है। अगर आप CPR दे रहीं हैं और आपको लगता है कि इसके अलावा आपको किसी की जरूरत नहीं है तो आप गलत है।
ऐसी आपात स्थिति में सबसे पहले आपको डॉक्टर या एंब्युलेंस को फोन करना चाहिए। जब तक डॉक्टर पहुंच ना जाये तब तक victim की जान बचाने के लिए आपको उसे CPR देना है। इसका मतलब ये हुआ कि आपका प्राइमरी goal डॉक्टर को फोन करना है।
बच्चों को भी दिया जाता है CPR
ये सुनकर आपको थोड़ा अजीब लगेगा कि क्या बच्चों को भी CPR दिया जाता है। लेकिन हकीकत में बच्चों को भी इसकी जरूरत पड़ती है। कई बार छोटे शिशुओं का दिल अचानक से काम करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में उन्हें CPR देना थोड़ा मुश्किल होता है।
बच्चों को CPR देते वक्त आपकी काफी सावधानियां बरतनीं होतीं हैं। आपको अपने हांथ के अंगूठों या फिर इंडेक्स फिंगर्स से उसकी चेस्ट पर 5 cm गहराई तक ही compression देना है। इसमें भी आपको 30 बार कंप्रेस करना होगा और उसके तुरंत बाद बच्चे की नाक को बंद करके मुंह से दो बार breath देनी है।
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