हार्ट अटैक के रोगी को जब भी हार्ट अटैक पड़ने लगता है, वह एस्पिरीन की 1 गोली को मुंह में रख लेता है, जिससे दर्द गायब हो जाता है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में हुई एक रिसर्च के निष्कर्ष के अनुसार, प्रतिदिन एस्पिरिन लेने से मृत्यु, अपंगता या हृदय वाहिनी संबंधित बीमारी का खतरा कम नहीं होता। 5 साल चले ऑस्ट्रेलिया के इस सबसे बड़े क्लीनिकल ट्रायल का निष्कर्ष सार्वजनिक किया गया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए 'एस्पिरिन इन रिड्यूसिंग इवेंट्स इन द एल्डरली' (एस्प्री) नामक शोध में लगभग 19,000 लोगों को शामिल किया गया था। अध्ययन में इससे धीरे-धीरे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ने का खुलासा हुआ।
क्या कहती है रिसर्च
मोनाश यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञान और निवारक दवा विभागाध्यक्ष जॉन मैकनील ने कहा कि शोध लंबा चला और उन्हें उम्मीद है कि निष्कर्षो से एस्पिरिन की सलाह देने वाले डॉक्टरों को हेल्प मिलेगी। मैकनील ने कहा, एस्पिरिन के 100 वर्ष से भी लंबे समय से मौजूद होने के तथ्य के बावजूद हमें यह नहीं पता था कि अधिक आयु के हेल्दी लोगों को लंबे समय तक उन्हें हेल्दी रखने के लिए यह दवाई लेनी चाहिए या नहीं।
मैकनील ने कहा, सभी निवारक दवाओं में सर्वाधिक इस्तेमाल एस्पिरिन का होता है और इस प्रश्न का उत्तर लंबे समय से लंबित था, और एसप्री ने इस उत्तर को मुहैया कराया है। पहले हुए शोध में यह बात भी सामने आयी थी कि एस्पिरिन कुछ खास किस्म के कैंसर का खतरा 40 फीसदी तक कम करता है, भले ही इसका सेवन दिन में एक बार ही क्यों न किया जाए। अमेरिका के हावर्ड रिसर्च में यह बात सामने आयी कि एस्पिरिन की मामूली खुराक भी पेट और बाउल कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करती है। लेकिन नए शोध से एस्प्रिन के प्रभाव पर प्रश्रचिन्ह लग गया है।
Image Courtesy: Pxhere.com
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