Ladies को pregnancy के दौरान क्‍यों होती है पाइल्‍स प्रॉब्‍लम, जानें

Ladies में piles problem pregnancy के दौरान सबसे ज्‍यादा परेशान करती है। आइए जानें कि pregnant lady को पाइल्‍स प्रॉब्‍लम क्‍यों होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-01-19, 17:13 IST
pregnancy piles health

पाइल्‍स को बवासीर या haemorrhoids के नाम से भी जाना जाता है। इसमें anus के अंदरूनी हिस्से में या बाहर कुछ मस्से बन जाते हैं। इन मस्सों से कई बार blood निकलता है और pain भी होता है। कभी-कभी जोर लगाने पर ये मस्से बाहर की ओर आ जाते है। आजकल खान-पान और बदली हुई लाइफस्‍टाइल के चलते यह समस्‍या बहुत आम हो गई है। लेकिन कई बार यह फैमिली हिस्‍ट्री के कारण भी होती है। Ladies में यह समस्‍या pregnancy के दौरान सबसे ज्‍यादा परेशान करती है। आइए जानें कि pregnant lady को पाइल्‍स प्रॉब्‍लम क्‍यों होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

Prgnancy में पाइल्‍स

Pregnancy में body में प्रवाहित हो रहे ब्‍लड की मात्रा बढ़ जाती है। और progesterone हॉर्मोन का हाई लेवल ब्‍लड वेसल की वॉल को शिथिल बना देता है। इसलिए पाइल्‍स की प्रॉब्‍लम होती है। pregnancy में पाइल्‍स की प्रॉब्‍लम होना बहुत ही आम है, फिर चाहे आपको pregnancy से पहले भी पाइल्स की समस्या हो रही हो या फिर गर्भवती होने पर पहली बार इसका सामना करना पड़ रहा हो। मुझे भी यह समस्‍या डिलिवरी के बाद हुई थी। ज्‍यादातर महिलाओं को यह समस्‍या परेशान करती हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्‍योंकि pregnancy के दौरान डॉक्‍टर आयरन की गोलियां खाने के लिए देती है और आयरन की गोलियां खाने से कई महिलाओं को पाइल्‍स की प्रॉब्‍लम होती है।

piles problem

Image Courtesy: Pxhere.com

Pregnancy के दौरान डाइजेशन की प्रॉब्लम होती है। इससे कई महिलाओं को पाइल्स हो सकती है। कुछ महिलाओं को डिलिवरी के दौरान, जब आप शिशु को जन्म देने के लिए जोर लगाती हैं, तब भी यह प्रॉब्‍लम हो सकती है। या फिर शिशु के जन्म के बाद कुछ हफ्तों तक जब आपकी बॉडी pregnancy के दौरान जमा हुए excess liquid को निकालती है तब कब्ज की वजह से भी पाइल्‍स हो सकती है। लेकिन आमतौर पर यह इतनी बड़ी समस्या नहीं होती। शिशु के जन्म के बाद पाइल्‍स य तो अपने आप ठीक हो जाती है या सालभर तक यह थोड़ी-बहुत समस्या बनी रह सकती है। लेकिन कुछ महिलाओं में यह समस्या गंभीर हो सकती है।

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पाइल्‍स के लक्षण

  • Motion के समय रेड ब्‍लड का आना।
  • म्यूकस निकलना।
  • दर्द, सूजन व जलन होना।
  • बार-बार motion जैसा महसूस होना।
  • हिप्‍स के आस-पास खुजली होना।

पाइल्‍स से बचने का तरीका

हालांकि, pregnancy और शिशु के जन्‍म के बाद पाइल्‍स होना नॉर्मल है, इनसे बचा नहीं जा सकता। लेकिन इससे बचने का सबसे अच्‍छा उपाय है कब्‍ज से बचना। इसके लिए आपको कुछ उपाय अपनाने की जरूरत है जैसे-

  • रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीएं।
  • कैफीन का सेवन ना करें ताकी डिहाइड्रेशन न हो।
  • फाइबर से भरपूर डाइट लें।
  • पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां खाएं।
  • रेगुलर एक्‍सरसाइज करने की कोशिश करें।
  • जब भी प्रेशर बने तुरंत वॉशरूम जाएं। इंतजार करने से दिक्‍कत हो सकती है।
  • ज्‍यादा जोर लगाने से बचें।

अगर इन उपायों को आजमाने के बाद भी आपको कब्ज रहती है, तो आप अपनी डॉक्टर से laxative लेने के बारे में बात कर सकती हैं, जो pregnancy में सेफ हो।

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