हर lady को उम्र के पड़ाव और बदलाव में ऐसे करनी चाहिए अपनी केयर

आज हम आपको बताएंगें कि उम्र के हर पड़ाव में लड़कियों और महिलाओं को अपनी केयर कैसे करनी चाहिए।  

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2017-10-03, 16:48 IST
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महिलाएं अपने रूटीन में इतनी बिजी रहती है कि अपनी हेल्‍थ पर बिल्‍कुल भी ध्‍यान नहीं दे पाती है। फिर वो चाहें स्‍कूल जाने वाली लड़की हो या कॉलेज की बाला या फिर ऑफिस जाने वाली वर्किंग वुमन हो या हाउस वाइफ या फिर एक बड़ी उम्र की महिला, बिजी होने के कारण अपनी डाइट को हमेशा इग्‍नोर करती हैं। जबकि उम्र के पड़ावों में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण उन्‍हें अपनी हेल्‍थ की ज्‍यादा केयर करनी चाहिए।

जी हां आपने अक्‍सर देखा होगा कि ज्यादातर महिलाओं को अपनी हेल्‍थ की फिक्र नहीं होती है। उन्हें लगता है कि बस मेरा पति, बच्‍चे और परिवार हेल्‍दी रहें, मेरी हेल्थ अपने आप ठीक रहेगी। लेकिन ऐसा नहीं है, एक उम्र के बाद लड़कियों की हेल्‍थ पर असर दिखने लगता है। ये असर महिलाओं में 30 की उम्र बाद ज्‍यादा दिखाई देने लगता है। आज हम आपको बताएंगें कि उम्र के हर पड़ाव में लड़कियों और महिलाओं को अपनी केयर कैसे करनी चाहिए। इस बारे में विस्‍तार से बताते हुए डॉक्‍टर रूपम अरोड़ा बताती है कि ''हर लड़की को जन्‍म से 5 stages यानि बचपन, किशोरावस्था, वयस्कता, मातृत्व और बुढा़पे से गुजरना पड़ता है। इस दौरान लड़की में शारीरिक विकास के साथ मानसिक बदलाव भी होते हैं।''

बचपन

छोटी बच्ची अपनी देखभाल खुद से नहीं कर सकती है। वह खुद इतनी छोटी होती है कि उसे आपकी जरूरत होती है। इसलिए इस स्‍टेज में बढ़ती बच्‍ची को सही समय पर सही डाइट खाने की आदत डालें। उन्हें प्रोटीन से भरपूर चीजें जरूर खिलाएं। इस स्‍टेज में उनकी डाइट में गेंहू, ओट्स, रागी, हरी सब्जियां, फल, मीट, अंडे, बीन्स, नट्स आदि होना जरूरी है।

किशोरावस्‍था

इस स्‍टेज के दौरान बॉडी में सबसे ज्‍यादा बदलाव होते हैं। एस्‍ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने से ब्रेस्‍ट बढ़ने लगती है और reproductive organs में भी बदलाव आने लगता है। इन्‍हीं सभी कारणों से यह लड़कियों की लाइफ में सबसे मुश्किल स्‍टेज होती है। इस समय लड़कियां अपनी डाइट को लेकर लापरवाह भी हो सकती हैं। लेकिन लड़कियों को अच्‍छी डाइट देनी चाहिए। तेजी से विकास और ब्‍लड की कमी होने के खतरे के कारण उनके आहार में आयरन, हाई कैलोरी व प्रोटीनयुक्त चीजों को शामिल करना चाहिए।

वयस्‍कता

शादी के बाद लड़की जिंदगी बदल जाती है, नई जिम्‍मेदारियां के साथ वह नई जिंदगी में प्रवेश करती है। नई जिम्‍मेदारियों के साथ नये रिश्‍ते जुड़ते हैं और लड़की के जीवन का नजरिया भी बदलता है। शादी के बाद लड़कियों में शारीरिक आने लगते हैं। इसके अलावा उन्‍हें मानसिक बदलाव का भी समाना करना पड़ता है, क्‍योंकि हर बात को लेकर सोच बदल जाती है और किसी भी काम को करने से पहले उसे बहुत सोचना पड़ता है। ऐसे में वह अपनी देखभाल नहीं कर पाती। लेकिन उम्र के इस स्‍टेज में उसे अपनी डाइट का पूरा ध्‍यान रखना चाहिए।

मातृत्व

मां बनने का एहसास कुछ अलग ही होता है। शायद यह उसके लाइफ की सबसे अच्‍छी स्‍टेज है। लेकिन एक मां की जिम्‍मेदारियों निभाना किसी चुनौती से कम नहीं होता। ऐसे में मां अपने बच्‍चे में इतना खो जाती है कि खुद को शायद भूल ही जाती है। लेकिन वह यह नहीं जानती कि उसके बच्‍चे को सही पोषण तभी मिलेगा जब वह अपनी अच्‍छे से केयर करेगी। इसलिए इस स्‍टेज के दौरान महिलाओं को बच्‍चे के साथ-साथ अपनी भी देखभाल करनी चाहिए।

मीनोपॉज

पीरियड्स बंद होने के बाद महिला की लाइफ में यह स्‍टेज आती है। इस स्‍टेज में हार्मोन में बदलाव के कारण बॉडी में जलन, अनिद्रा, हार्ट बीट का तेज होना, बात-बात पर गुस्‍सा आना, घबराना, परेशान रहना जैसी समस्‍या हो सकती है। इस दौरान बालों का रंग सफेद भी हो जाता है, और कैल्शियम की कमी के चलते बॉडी कमजोर हो जाती है। लेकिन ऐसे समय में भी महिलाएं अपना ध्‍यान नहीं रखती है। इसीलिए डाइट में ऐसा खाना खाएं जिसमें बहुत सारा कैल्शियम और मिनरल्स हो।

उम्र बढ़ने के साथ बॉडी में बदलाव आना लाजमी है। जिसकी अनदेखी करने से समस्या और भी बढ़ सकती है। इसीलिए अपनी डाइट का ख्‍याल रखना चाहिए समय-समय पर बॉडी चेकअप कराते रहना चाहिए।

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