जब हम किसी ऐसी हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रही होती हैं जिसके बारे में बात करने में हमें शर्म आती है, हम इसे छूपा कर रखती हैं यहां तक कि मेडिकल हेल्प लेने से भी बचती हैं। और इसका नतीजा यह होता है कि चीजें बदतर हो जाती है और बाद में अफसोस के अलावा हमारे पास कुछ नहीं बचता है। लेकिन अगर बॉडी में होने वाले बदलाव के बारे में थोड़ी सावधानी बरती जाएं तो अफसोस से बचा जा सकता है।
पता नहीं क्यों हम हेल्थ के प्रति इतनी लापरवाही बरतने हैं और बीमारी को तब तक गंभीरता से नहीं लेते जब तक कि हमारे डेली रूटीन और कामों में बाधा उत्पन्न नहीं होती है। कहने की जरूरत नहीं है, यह एक बहुत ही गलत दृष्टिकोण है। इलाज के लिए लक्षण को पूरी तरह से बीमारी में बदलने का इंतजार नहीं करना चाहिए।
कोई सामान्य या असामान्य परिवर्तन हमारे शरीर का संकेत है जो हमें कुछ बताने की कोशिश कर रहा है। इन संकेतों को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए और जैसे ही ये दिखें तुरंत इसकी तरफ ध्यान देना चाहिए। लेकिन हमारी बिजी लाइफस्टाइल, तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और रोजाना की हलचल के बीज, हम इन सभी को अनदेखा कर देती हैं। यहां ऐसी ही कुछ प्रॉब्लम्स के बारे में बताया गया है जिनके बारे में अक्सर महिलाएं बात करना पसंद नहीं करती।
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कोई भी महिला इस बात पर विश्वास नहीं करना चाहती हैं कि उसकी वेजाइना से अजीब सी गंध आती है। लेकिन ऐसा विश्वास करना समस्या को दूर करने में हेल्प नहीं करता है। इस समस्या का सबसे बड़ा कारण स्वच्छता का अभाव माना जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इसमें किसी महिला की सफाई या स्वच्छता से कोई लेना-देना नहीं है। यह विशेष समस्या पीएच असंतुलन के कारण होती है जो 'लैक्टोबैसिलस' नामक बैक्टीरिया के अत्यधिक विकास के कारण होती है। वैज्ञानिक शब्दों में, इस असंतुलन को ‘bacterial vaginosis’ के रूप में जाना जाता है। जो महिलाएं इस स्थिति को गंभीरता से नहीं लेती हैं, वे न केवल एसटीआई बल्कि गर्भपात के विकास के जोखिम पर रहती हैं।
यह एक ऐसा टॉपिक है जिसके बारे में महिलाएं बात करना बिल्कुल भी पसंद नही करती हैं। और ऐसा निश्चित रूप से बोरियत या आपके पार्टनर द्वारा महसूस किए जाने वाले आकर्षण की कमी के कारण नहीं होता है। लेकिन बात नहीं करने से आपके रिश्ते में दूरी आने लगती हैं। इस प्रॉब्लम को मेडिकल भाषा में 'हाइपोएक्टिव यौन इच्छा विकार' या एचएसडीडी कहा जाता है। पीसीओडी, पीसीओएस या मेनोपॉज से पीड़ित महिलाओं के लिए यह एक आम बात है। असल में, किसी भी तरह का हार्मोनल या मनोवैज्ञानिक मुद्दा एचएसडीडी के पीछे एक कारण हो सकता है।
यब बहुत ही आम है और हर कोई इसके बारे में बात करने में शर्म महसूस करता है। खासतौर पर महिलाएं तो इसके बारे में कोई चर्चा नहीं करना चाहती हैं। वैसे भी पॉटी पर चर्चा कौन करता है? आप लोगों के एक समूह में 'poop'का जिक्र करते हैं और आपके आस-पास के सभी चेहरे लाल हो जाते हैं।
लेकिन एक गंभीर नोट पर, अगर आपको या आपके किसी जानकार को पॉटी करते समय समस्याएं आ रही हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। पॉटी करते समय किसी प्रकार का दर्द, ब्लड या म्यूकस, कई पाचन को हाइलाइट करता है जो आपके पाचन तंत्र या विशेष रूप से किसी भी अंग से संबंधित हो सकता हैं।
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इसके बारे में बात करना शर्मनाक हो सकता है लेकिन साथ ही समस्या को अनदेखा करना सही नहीं है। अगर आपको निपल्स में किसी भी तरह का बदलाव जैसे आकार, रंग, अल्सर, वाइट डिस्चार्ज या गांठ दिखाइ्र दें तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
हालांकि पसीना एक नॉर्मल बॉडी फंक्शन है लेकिन जरूरत से ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है। अगर आप खुद को लगातार पसीने में डूबा हुआ पाती हैं और इसके लिए गर्मी को दोष देती हैं तो अब सही समय है कि इसके लिए आप मेडिकल हेल्प लें क्योंकि आप हाइपरहिड्रोसिस से पीड़ित हो सकती हैं। यह एक विकार है जो किसी अन्य बीमारी का एक लक्षण हो सकता है। अपने डॉक्टर को इसके बारे में जानकारी देना इस बीमारी का पता लगाने में मददगार साबित हो सकता है।
हालांकि इन शर्मनाक समस्याओं के बारे में बात करना महिलाएं पसंद नहीं करती हैं लेकिन इन्हें इग्नोर करना आपकी हेल्थ के लिए अच्छा नहीं। इसलिए इसके बारे में जरूर बात करें।
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