विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों की तुलना में संक्रमण से ना फैलने वाली बीमारियां शहरी लोगों की मौत का बड़ा कारण बन रही हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हाइपरटेंशन भारत में हार्ट डिजीज की सबसे बड़ी वजह है। हार्ट स्ट्रोक से होने वाली 57 फीसदी मौतें और कोरोनरी हार्ट डिजीज से होने वाली 24 फीसदी मौतें इसी कारण होती हैं।
90 फीसदी मामलों में पता नहीं चल पाती वजह
यह भी चिंताजनक बात है कि 90 मरीजों में हाइपरटेंशन की वजह का पता नहीं चलता। ज्यादातर मामलों में लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें हाइपरटेंशन की परेशानी है जब तक कि वे हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लम्स फेस नहीं करते। सरकारी प्रयास जैसे कि नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, जिसमें पब्लिक और प्राइवेट अस्पतालों में किफायता दामों में इलाज हो जाता है, से हाइपरटेंशन के मरीजों के इलाज में मदद मिल सकती है।
हाइपरटेंशन के मरीजों की बढ़ी संख्या
मैक्स सुपरस्पेशेलिटी हॉस्पिटल की डायरेक्टर एंड हेड, कार्डिएक इलेक्ट्रफिजियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोड़ा ने कहा, ''हाइपरटेंशन की समस्या पिछले एक दशक में काफी बढ़ गई है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार 15-से 49 के उम्र वर्ग में 8 फीसदी महिलाएं हाइपरटेंशन की शिकार हैं। 65 की उम्र के बाद महिलाओं को हाइपरटेंशन होने की आशंका ज्यादा रहती है।''
जयपुर के आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के डॉ पी आर सोनी ने कहा, ''हाइपरटेंशन में शरीर में खून ले जाने वाली आर्ट्रीज पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे खून का प्रवाह प्रभावित होता है और इससे हार्ट पर दबाव बढ़ जाता है। जब शरीर में खून का दौरान आसानी से नहीं हो पाता तो सीने में दर्द महसूस होता है। इससे ज्यादा समय तक जूझने से दिल का आकार बढ़ जाता है। इस स्थिति में दिल के वेंट्रिकल की पूरे शरीर में खून पंप करने की क्षमता में कमी आ जाती है। इससे हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।''
इन वजहों से होता है हाइपरटेंशन
दिनभर बैठे रहने वाली दिनचर्या, गलत खानपान, फिजिकल एक्टिविटी ना होना और स्ट्रेस में रहना, इन सभी कारणों से आपको हाइपरटेंशन की प्रॉब्लम हो सकती है। कुछ लक्षण जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर होना, पसीना आना, चिंता, सोने में परेशानी आदि पर आपको ध्यान देना चाहिए। अगर आपका ब्लड प्रेशर हाइपरटेंसिव क्राइसिस के स्तर तक पहुंच जाता है तो आपको सिरदर्द और नाक से खून बहने की परेशानी हो सकती है।
छोड़ें लापरवाही, बदलें लाइफस्टाइल
अगर हाइपरटेंशन की समस्या का पता नहीं चल पाता तो यह कार्डियोवेस्कुलर सिस्टम और इंटरनल ऑर्गन्स जैसे कि किडनी को प्रभावित कर सकता है। आपके लिए यह बेहतर होगा कि आप अपने लाइफस्टाइल को बेहतर बनाएं, शराब के सेवन में कमी लाएं और स्मोकिंग पूरी तरह छोड़ दें। नमक लेने पर कंट्रोल रखने से भी आप हाइपरटेंशन पर बहुत हद तक काबू पा सकते हैं। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर होता है, उन्हें फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए और फैट कम लेना चाहिए। वजन पर कंट्रोल रखने, स्ट्रेस मैनेजमेंट करने, खुद को एक्टिव रखने से भी आप हाइपरटेंशन से सुरक्षित रह सकती हैं।
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