वेजाइना में गांठ या डिस्चार्ज में बदलाव जैसी सेक्‍शुअल प्रॉब्‍लम्स को ना करें नजरअंदाज

सेक्शुअल प्रॉब्लम्स के लक्षण नजर आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें। गर्भनिरोधक दवाओं और कंडोम के इस्तेमाल से आप कई तरह की सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से सुरक्षित रह सकती हैं।  

 
sexual problems must consult doctor chlamydia gonorrhea trychomoniasis main

ज्यादातर महिलाएं सेक्शुअल प्रॉब्लम्स के बारे में बात करने में संकोच करती हैं। लेकिन सेक्शुअल प्रॉब्लम्स के बारे में बात करने से झिझकने और इन्हें छिपाने से आपकी समस्या और भी गंभीर हो सकती है। ऐसे में अगर आप सेक्शुअल प्रॉब्लम्स का कारगर हल चाहती हैं, इन प्रॉब्लम्स के लक्षण दिखाई देने पर सजग रहें और डॉक्टर से परामर्श लेने में संकोच ना करें। दरअसल सेक्शुअली एक्टिव होने और असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर महिलाओं को कई तरह के इन्फेक्शन होने की आशंका होती है। कुछ सेक्शुअल प्रॉब्लम्स के सिग्नल आपको समय से साथ मिलने लगते हैं, वहीं कुछ के लक्षण बिल्कुल भी नजर नहीं आते, ऐसे में आपको नियमित रूप से अपने डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत है। इस बारे में हमने बात की डॉ. अर्चना धवन बजाज, कंसल्टेंट ऑब्स्टीट्रीशियन, गायनेकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ एक्सपर्ट से और उन्होंने हमें काफी उपयोगी सुझाव दिए-

वेजाइना में हो गांठ और फोड़ा

अगर वेजाइना, वुल्वा या स्क्रॉटम पर किसी तरह की गांठ नजर आए तो आपको इससे सचेत रहना चाहिए, क्योंकि यह सामान्य गांठ से लेकर कैंसर के लक्षण वाली गांठ भी हो सकती है। वेजाइना के आसपास की स्किन सेंसेटिव होती है, इस वजह से यहां शेव करने पर इनग्रोन हेयर से गांठें हो सकती हैं। हालांकि कई बार यह गांठें वजाइनल या एनल संबंध बनाने की वजह से भी हो जाती हैं। अगर आपको इस तरह की गांठ नजर आएं तो इस बारे में अपनी गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लें।

यूरीन पास करते वक्त दर्द महसूस होना

अगर आपको यूरीन पास करते वक्त काफी दर्द या जलन महसूस होती है तो यह सामान्य बात नहीं है। यह सिस्टाइटिस का लक्षण है। दरअसल ऐसा ब्लैडर में इंफैक्शन की वजह से होता है और 20 से 40 प्रतिशत महिलाओं को ऐसी समस्याएं आमतौर पर महसूस करती हैं। सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (एसटीआई) की वजह से ऐसा अनुभव हो सकता है। क्लेमाइडिया, गोनोरिया या ट्राइकोमोनिएसिस जैसे किसी एसटीआई की वजह से भी यह लक्षण दिख सकता है। ऐसा लक्षण दिखने पर अपनी डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

डिस्चार्ज के रंग में बदलाव

आमतौर पर हर महिला डिस्चार्ज एक्सपीरिएंस करती है। इसमें बदलाव आपकी बॉडी का आपको सिग्नल है कि कहीं कुछ है जो ठीक नहीं है। अगर आपको वजाइना से असामान्य डिस्चार्ज दिखता है तो यह एसटीआई हो सकता है। डिस्चार्ज हरे या पीले रंग का होने पर गोनोरिया का लक्षण हो सकता है। वहीं ट्राइकोमोनिएसिस में डिस्चार्ज से दुर्गंध आती है। अगर डिस्चार्ज में किसी तरह की बदबू नहीं है, लेकिन वह गाढ़ा सफेद रंग का है तो यह यीस्ट इंन्फेक्शन हो सकता है।

अनियमित ब्लीडिंग

अनियमित ब्लीडिंग के कई कारण हो सकते हैं। अगर आपने असुरक्षित संबंध बनाए हैं और आपको अनियमित ब्लीडिंग हो रही है तो इस बारे में आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इन्फेक्शन या कॉन्ट्रासेप्टिव के कारण भी आपको अनियमित ब्लीडिंग हो सकती है। इसके अलावा मिस्कैरेज, अबॉर्शन, वजाइना में किसी तरह की इंजरी, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, स्ट्रेस या वजाइनल ड्राइनेस जैसी प्रॉब्लम्स की वजह से भी यह समस्या हो सकती है।

शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द

कई बार एसटीआई का लक्षण किसी दर्द या असहज होने के रूप में नजर आता है। अगर आपके लोअल अब्डॉमन में दर्द रहता है तो ऐसा क्लैमाइडिया, गोनोरिया या ट्राइकोमोनिएसिस की वजह से हो सकता है। इस बारे में आपको अपनी डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। अगर आपको संबंध बनाते हुए दर्द हो रहा है तो यह क्लैमाइडिया या ट्राइकोमोनिएसिस होने का लक्षण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से जरूर मिलें।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

अर्चना धवन बजाज, कंसल्टेंट ऑब्स्टीट्रीशियन, गायनेकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ एक्सपर्ट, नर्चर आईवीएफ दिल्ली बताती हैं के अनुसार इन बिंदुओं पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है-

Recommended Video

  • वैजाइना या पेल्विस एरिया में कोई गांठ है तो वह सामान्य गांठ से लेकर कैंसर तक कुछ भी हो सकती है, इसलिए उसे इगनोर नहीं करें।
  • सिफिलिस, हेपिटाइटिस बी, हेपिटाइटिस सी, एचआईवी जैसी समस्याएं सिस्टमिक होती हैं, इनके कारण पूरी बॉडी इफेक्ट होती हैं। सिफिलिस में ब्लड वेसल्स और स्किन में फर्क आ जाता है। कई मामलों में वैजाइनल डिस्टार्च भी किसी सेक्शुअल समस्या का लक्षण हो सकता है। मसलन गायनेकॉकल डिजीज में डिस्चार्ज ज्यादा होगा। अगर आपको डिस्चार्ज का कलर अलग लगे, दही जैसा, हरे रंग का डिस्चार्ज हो, इचिंग फील हो तो गायनेकोलॉजिस्ट को दिखाएं। साथ ही पैप्समियर का टेस्ट और अल्ट्रासाउड जरूर कराएं।
  • अगर आपको लक्षण रोजमर्रा के रूटीन से अलग लगें, पेट में लंप फील हो, वेट लॉस, भूख ना लगने जैसे लक्षण दिखें तो इन्गोनर नहीं करें। वेजाइना में फोड़ा हो, वैजाइनल स्किन में डिस्कलररेशन दिखे, गांठ फील हो, कुछ भी अलग लगे तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
  • इररेगुलर ब्लीडिंग होने पर बेसिक हीमोग्लोबिन, थायरॉयइड, प्रोलेक्टिन का चेकअप कराएं, पेल्विस का अल्ट्रासाउंड जरूर कराना चाहिए।
  • सेक्शुअली एक्टिव हैं तो साल में एक बार पैप्समियर का चेकअप कराएं और डॉक्टर से अपनी सेक्शुल हेल्थ के बारे में सलाह लें।
  • बेसिक हाईजीन का ध्यान रखें। इसके अलावा संबंध बनाते हुए कॉन्ट्रासेप्टिव्स लें, असुरक्षित संबंध बनाएं हैं तो 72 घंटों के भीतर गर्भनिरोधक दवाएं जैसे कि आईपिल या अनवॉन्टेड 72 आदि लेने पर आप कई तरह की सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बची रहेंगी।
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP