अस्थमा फेफड़ों के इंफ्लेमेशन की एक क्रॉनिक डिजीज है। यह दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। जहां ज्यादातर मरीजों के लक्षण, इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स और ब्रोंकोडायलेटर के जरिए कंट्रोल हो जाते हैं। वहीं, कुछ गंभीर अस्थमा रोगियों को उपचार के बावजूद लक्षणों का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे मरीजों के लिए, बायोलॉजिक्स थेरेपी कारगर साबित हो रही है। इस बारे में Dr. V Nagarjuna Maturu,Senior Consultant, Clinical and Interventional Pulmonology, Hyderabad, जानकारी दे रहे हैं।
बायोलॉजिक्स क्या होते हैं?
बायोलॉजिक्स मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज होते हैं। इन्हें खासतौर पर अस्थमा के इंफ्लेमेशन में शामिल सेल्स को टारगेट करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये इम्यून सिस्टम के कुछ सिग्नलों को रोककर एयरवे में इंफ्लेमेशन और अस्थमा के लक्षणों को कम करते हैं। नॉर्मल दवाइयों की तुलना में इनके साइड-इफेक्ट्स कम होते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि गंभीर अस्थमा के लिए कई तरह के बायोलॉजिक्स काम कर सकते हैं। इनमें ओमालिज़ुमैब, मेपोलिज़ुमैब, रेस्लिज़ुमैब,ड्यूपिलुमैब, टेजेपेलुमैब और बैनरालिज़ुमैब समेत कई बायोलॉजिक्स कारगर हैं।
यह है एक्सपर्ट की राय
बायोलॉजिक्स के क्या प्रभाव होते हैं?
- एक्सपर्ट का कहना है कि क्लीनिकल ट्रायल्स और स्टडीज से यह साबित हुआ है कि बायोलॉजिक्स फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार लाते हैं।
- इनसे अस्थमा के पेशेंट्स को राहत मिलती है और पेशेंट्स के अस्पताल में एडमिट होने के चांसेज कम हो जाते हैं। इनसे बीमारी की गंभीरता भी कम होती है।
- कई रोगियों को ये दवाइयां ओरल स्टेरॉयड छोड़ने या कम करने में मदद करते हैं, जिनके कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
- बायोलॉजिक्स की मदद से कई पेशेंट्स के लक्षण पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इसे क्लिनिकल रेमिशन कहा जाता है।
- बायोलॉजिक्स उसी मरीज के लिए सबसे प्रभावी होते हैं, जिनके अस्थमा का प्रकार और प्रोफाइल इसके लिए उपयुक्त हो।इसे ही पर्सनलाइज्ड या प्रिसिशन मेडिसिन कहा जाता है।
- बायोलॉजिक्स के आमतौर पर इंजेक्शन साइट पर हल्की प्रतिक्रिया या सिरदर्द जैसे मामूली साइड इफेक्ट्स होते हैं और इन्हें सुरक्षित माना जाता है।
- यह केवल उन्हीं मरीजों को दी जाती है जिनकी बीमारी सामान्य दवाओं से कंट्रोल में नहीं आती हैं। इनका उपयोग आमतौर पर विशेषज्ञ क्लीनिकों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
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अस्थमा होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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