स्वीडिश मसाज से खूबसूरत त्वचा के साथ मजबूत बनाएं मांसपेशियां

अगर आप पहली बार मसाज कराने जा रही हैं तो स्वीडिश मसाज जरूर आजमाकर देखें। इस कंफर्टेबल मसाज से आप काफी रिलैक्स महसूस करेंगी।

 
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आजकल सुबह-शाम हल्की ठंड पड़ने लगी है। इस मौसम में थोड़ी स्किन थोड़ी ड्राई फील होने लगी है। ऐसे में अगर आप स्वीडिश मसाज आजमाकर देखें तो अपनी स्किन को चमकदार बनाने के साथ कई तरह के हेल्थ बेनिफिट्स पा सकती हैं। इसे सिंपली मसाज थेरेपी का नाम भी दिया जाता है। आप घर पर रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाले किसी भी लोशन या तेल के जरिए स्वीडिश मसाज कर सकती हैं। इसे बहुत हल्के हाथों से किया जाता है, इसीलिए यह बहुत कंफर्टेबेल फील कराती है। इस मसाज के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि यह एक साइंटिफिक थेरेपी है। इसमें व्यक्ति की हेल्थ कंडिशन के हिसाब से मसाज की जाती है। इससे दर्द महसूस करने वाली बहुत सी महिलाओं को काफी राहत महसूस होती है।

क्यों बेहतरीन है स्वीडिश मसाज

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अगर आप पहली बार बॉडी मसाज कराने जा रही हैं तो आपके लिए स्वीडिश मसाज पूरी तरह से उपयुक्त है। स्वीडिश मसाज फुल बॉडी मसाज होती है। इसमें पांच स्ट्रोक्स होते हैं। इससे आपके खून में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है, आपकी मांसपेशियों को आराम मिलता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर हो जाता है। आमतौर पर मसाज पैर से सिर की तरफ की जाती है, लेकिन जिन महिलाओं को हार्ट प्रॉब्लम्स या बीपी की समस्या है, उन्हें सिर से पैर तक मसाज दी जाती है। इसमें जिगजैग का आकार बनाते हुए हल्के हाथों से मालिश की जाती है। आप जिस तरह आटा गूंथती हैं, ठीक उसी तरह शरीर की मालिश की जाती है। इस मसाज से हड्डियां मजबूत होती हैं। अगर आप 45 मिनट से लेकर एक घंटे तक यह मसाज कराती हैं तो इससे आपके शरीर में खून का दौरा तेज हो जाएगा और आप भीतर से तरोताजा महसूस करेंगी।

कौन से तेल से करें मसाज

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एक्सपर्ट्स का मानना है कि तिल के तेल से अगर मसाज की जाए तो यह काफी अच्छे नतीजे देती है। यह तेल कैंसर सेल्स को नष्ट करता है और थायरॉयड कम करने में भी लाभकारी है। इसके अलावा नारियल तेल से स्वीडिश थेरेपी करने में भी शरीर को काफी आराम मिलता है। इसमें एंटी एलर्जेन होते हैं, जो शरीर के लिए उपयोगी होते हैं। ये तेल हैवी नहीं होते। अगर आप नियमित रूप से हफ्ते में एक या दो बार स्वीडिश मसाज कराएं तो जल्द ही आपको इसका असर महसूस होने लगेगा।

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इन बातों का रखें ध्यान

मालिश का उद्देश्य सिर्फ शरीर पर तेल लगाना नहीं होता बल्कि इसके जरिए तेल को त्वचा के माध्यम से शरीर में पहुंचाना भी होता है। इससे मांसपेशियों और नाड़ियों को शक्ति मिलती है। मालिश कराते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-

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  • मालिश हल्के हाथों से ही कराएं। मालिश कराते हुए किसी तरह की जल्दबाजी दिखाना ठीक नहीं है। मालिश करते हुए बॉडी पार्ट्स को धीरे-धीरे दबाने और थपकी देने से काफी आराम मिलता है।
  • मालिश के तुरंत बाद खाना ना खाएं और ना ही स्नान करें।
  • मालिश के बाद अगर आप सुबह की हल्की धूप में बैठें तो इससे आपके शरीर को फायदा होगा।
  • मालिश के आधे घंटे बाद जब शरीर थोड़ा रिलैक्स हो जाए तो अच्छी तरह नहाने से बंद हुए रोमछिद्र खुल जाते हैं।
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