फिल्म एक्ट्रेस नीना गुप्ता कितनी शानदार एक्ट्रेस हैं ये हमें आपको आपको बताने की जरूरत नहीं है। ये तो उनके काम को देखकर ही पता चलता है। वे 59 वर्ष की है और अभी भी वे बड़े या छोटे पर्दे पर काम करती हुई दिख जाती है। अब वे साठ के करीब की उम्र में मां बननेवाली हैं। जी हां, है ना हैरत की बात। अरे, आप तो वाकई में हैरान हो गए। जी वे हकीकत में नहीं, बल्कि फिल्म बधाई हो में उम्र के तीसरे पड़ाव पर मां बन रही हैं।
19 अक्टूबर को नीना की 'बधाई हो' फिल्म रिलीज हो रही है। इसमें वे ऐसी महिला की भूमिका निभा रही हैं जिसके जवान बेटे हैं और वह फिर भी प्रेग्नेंट हो जाती है। इससे उसे अपने ही बेटों और समाज के लोगों के गुस्से और मजाक का कारण बनना पड़ता है।
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नीना ने यह फिल्म स्क्रिप्ट बिना सुने ही साइन कर ली थी। जैसे ही उन्होंने फिल्म का विषय सुना, फौरन हामी भर दी। वे कहती हैं कि फिल्म का सब्जेक्ट ही इतना बढ़िया था कि उन्होंने स्क्रिप्ट सुनने की जरूरत ही महसूस नहीं की। जी हां टीवी-फिल्मों की मशहूर अदाकारा नीना गुप्ता अपने बिंदास अंदाज व साहसिक निर्णय के लिए काफी मशहूर रही हैं। फिर चाहे वो क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स के बच्ची की कुंआरी मां बनना रहा हो.. या फिर सांस टीवी सीरियल में उनका बोल्ड अंदाज, फिल्मों में उनका बेपरवाह अभिनय। लेकिन बढ़ती उम्र में मां बनना कितना सही है और क्या-क्या प्रॉब्लम्स आ सकती है। और इस उम्र में मां बनने के क्या फायदे और क्या नुकसान है इस बारे में हमें Cocoon फर्टिलिटी की आइवीएफ कंसलटेंट और इंडोस्कोपिक सर्जन Dr. Rajalaxmi Walavalkar बता रही हैं।
40 के बाद प्रेग्नेंसी के फायदे
- इस उम्र में आप ज्यादा अनुभवी, वित्तीय रूप से अधिक सुरक्षित, अपने करियर में ज्यादा कंफर्टेबल हो जाती हैं।
- आप बुद्धिमान और बेहतर शिक्षित और बेहतर सुसज्जित होने के कारण पेरेंटिंग के लिए अच्छे निर्णय ले पाती हैं।
- 40 से ज्यादा उम्र की मां ब्रेस्टफीडिंग कराने और बच्चों के लिए हेल्दी पोषण लेने की अधिक संभावना होती है।
- यंग पेरेंट्स की तुलना में 40 की उम्र के बाद बने पेरेंट्स बच्चों पर अधिक फोकस करते हैं।
- तैयार, आत्मविश्वासी और सहनशक्ति से भरपूर होती हैं।
40 के बाद प्रेग्नेंसी के नुकसान
- जितना आप लेट करती हैं उतनी प्रेग्नेंसी में मुश्किलें आती है। उम्र बढ़ने के साथ अंडों की सप्लाई में काफी कमी आती है और गर्भपात और जन्म दोषों का खतरा अधिक होता है। आईवीएफ ट्रीटमेंट की आवश्यकता और डोनर एग ट्रीटमेंट का उपयोग करके प्रेग्नेंसी की अधिक संभावना होती है।
- गर्भावस्था में होने वाली जटिलताओं की संभावना अधिक होती है। जी हां हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की मौलिक समस्याओं और जन्म जटिलताओं जैसी समस्याओं का जोखिम अधिक होता है।
- 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में कम वजन के शिशु या प्रीटरम शिशु होने की अधिक संभावना होती हैं। स्टीलबर्थ दरें भी अधिक हैं। इसके अलावा सीज़ेरियन डिलीवरी होने की संभावना भी अधिक होती है।
- बढ़ी उम्र की महिलाओं से पैदा हुए बच्चे टाइप-1 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम ज्यादा हो सकता है।
अधिक उम्र में गर्भवती होने जा रही महिला के लिए एक अच्छी काउंसलिंग वरदान साबित हो सकती है।
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