आज के समय की व्यस्त दिनचर्या में अपने शरीर की अच्छी तरह से देखरेख करना काफी मु्श्किल हो गया है। हम छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स पर ध्यान नहीं देते और बाद में यही प्रॉबल्म्स बड़ी समस्या का रूप ले लेती हैं। और तब हमें डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है। थायरॉयड की समस्या भी कुछ ऐसी ही है। चूंकि इसमें लक्षण एकदम से नजर नहीं आते, इसीलिए महिलाएं इस पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देतीं। दरअसल हमें पता ही नहीं होता कि यह तो समस्या की शुरुआत है। थायरॉयड डिसऑर्डर थायरॉयड ग्लैंड के काम में गड़बड़ी आने से होता है। यह बटरफ्लाई के आकार का ग्लेंड होता है, जो एडम्स एप्पल के ठीक नीचे होता है। यह हमारे रोजमर्रा के काम में अहम भूमिका निभाता है और सारी मेटाबॉलिक एक्टिविटी के लिए जिम्मेदार होता है। हमारी कुछ गलत आदतें इस परेशानी को बढ़ा देती हैं। आइए जानें ऐसी पांच आदतों के बारे में-
स्ट्रेस और थायरॉयड का होना एक डेडली कॉम्बिनेशन है। इसके कारण आगे चलकर याद्दाश्त जाने का डर होता है। ज्यादा स्ट्रेस होने पर थायरॉयड ग्लेंड का हार्मोन सीक्रेशन बाधित हो जाता है। इसीलिए थायरॉयड की समस्या वाले मरीजों को स्ट्रेस मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
स्मोकिंग सेहत के लिए यूं भी नुकसानदायक है लेकिन थायरॉयड प्रॉब्लम वालों को स्मोकिंग पूरी तरह छोड़ देनी चाहिए। स्मोकिंग सीधे तौर पर थायरॉयड ग्लेंड को प्रभावित करती है और यह इसकी स्थिति और भी ज्यादा खराब कर सकती है।
सॉय बीन्स या ज्यादा प्रोटीन वाली रेशेदार फलियों सेहतमंद लोगों के लिए अच्छा है। लेकिन थायरॉयड प्रॉब्लम वाली महिलाओं के लिए ये अच्छा नहीं होता। सॉय में गाइट्रोजेन होता है। इस तत्व से थायरॉयड कंडिशन बिगड़ जाती है और थायरॉयड ग्लेंड बढ़ जाता है। यह स्थिति गॉइटर कहलाती है।
थायरॉयड की कंडिशन पर आवश्यक ध्यान ना देने पर यह गंभीर हो सकती है और शरीर की स्थिति पूरी तरह बिगाड़ सकती है। इसीलिए इस बारे में डॉक्टरी सलाह लेना और उस पर पूरी तरह से अमल करना बहुत आवश्यक है।
अपने अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव थायरॉयड ग्लेंड को सामान्य बनाए रखने में हमारी डाइट महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। आप अपनी डाइट में कुछ चीजें खासतौर पर मैदा, डेयरी प्रॉडक्ट्स और शुगर अवॉइड करें। मैदे की जगह मल्टी ग्रेन या संपूर्ण अनाज लेना बेहतर है। इसी तरह व्हाइट राइस की जगह ब्राउन राइस ले सकती हैं। डेयरी प्रॉडक्ट्स से थायरॉइड प्रॉब्लम वालों में म्यूकस फॉर्मेशन बढ़ सकती है। वहीं शुगर थायरॉयड ग्लेंड के अलावा कई अन्य अगों को भी प्रभावित करती है।
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