पीरियड्स के दिनों में दिखाई देने वाले ये 7 संकेत करते हैं हार्मोनल इंबैलेंस की तरफ इशारा, आज ही दें इन पर ध्यान वरना लगाने पड़ सकते हैं डॉक्टरों के चक्कर

पीरियड्स के दिनों में या इससे पहले नजर आने वाले कई संकेत शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस की तरफ इशारा करते हैं। अगर आपने इन्हें समय रहते नहीं पहचाना, तो आगे चलकर दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
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पीरियड्स को अगर आप सिर्फ हर महीने होने वाली ब्लीडिंग मानती हैं, तो आप गलत हैं। यह आपकी फर्टिलिटी और हार्मोन्स से जुड़े कई जरूरी संकेत देता है। आपकी पीरियड साइकिल कितने दिन की है, ब्लीडिंग कैसी हो रही है, दर्द कितना है, पीएमएस के लक्षण कैसे महसूस हो रहे हैं और ओव्युलेशन कब हो रहा है, ये चीजें आपकी सेहत के बारे में कई जरूरी जानकारी देती हैं। पीरियड्स को हार्मोन का रिपोर्ट कार्ड कहना गलत नहीं होगा। पीरियड्स में होने वाला दर्द, मूड स्विंग्स, माइग्रेन और क्रेविंग्स, शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस का इशारा करती हैं। चलिए इन संकेतों को विस्तार से समझते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

पीरियड्स से जुड़े ये संकेत हार्मोनल इंबैलेंस की देते हैं जानकारी

  • अगर आपको पीरियड्स से पहले सिर में दर्द हो रहा है, तो ऐसा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल में ड्रॉप के कारण हो सकता है। इससे ब्रेन में मौजूद केमिकल्स जैसे सेरोटोनिन पर असर होता है और यह सिरदर्द का कारण बन सकता है।
  • पीरियड्स में अगर आपको हैवी फ्लो होता है, तो ऐसा एस्ट्रोजन बढ़ने और प्रोजेस्टेरोन के कम होने के कारण हो सकता है। इसकी वजह से यूट्राइन लाइनिंग मोटी हो सकती है और फ्लो हैवी होता है।
  • पीरियड्स से पहले होने वाली ब्लोटिंग, वॉटर रिटेंशन और प्रोजेस्टेरोन शिफ्ट के कारण होती है। इसका सीधा असर आपके डाइजेशन पर होता है।
  • पीरियड्स से पहले या इस दौरान होने वाले सेरोटोनिन लेवल ड्रॉप के कारण क्रेविंग्स बढ़ने लगती है। इसकी वजह से मीठा या नमकीन खाने की इच्छा बढ़ जाती है।
  • पीरियड्स में अतिरिक्त एस्ट्रोजन बढ़ने के कारण ब्रेस्ट टेंडरनेस हो सकती है। ऐसा शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने के कारण हो सकता है।

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how to take care of yourself when you are on periods

  • पीरियड में कम फ्लो आना भी सही नहीं है। यह थायराइड इंबैलेंस या एस्ट्रोजन की कमी का संकेत हो सकता है।
  • पीरियड्स से पहले या इस दौरान होने वाले एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और सेरोटोनिन लेवल के उतार-चढ़ाव के कारण मूड स्विंग्स हो सकते हैं।

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पीरियड साइकिल का हेल्दी होना किसी भी महिला के लिए बहुत जरूरी है। पीरियड फ्लो और साइकिल में किसी भी बदलाव होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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