हेल्थ और फिटनेस के प्रति जागरूक महिलाओं को रुजुता दिवेकर के बारे में बताने की जरूरत नही हैं। मुंबई बेस न्यूट्रिशनिस्ट के पास सलाह लेने वाली बहुत सारी महिलाओं की लिस्ट है और बहुत सारे प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं। र्स्पोटर्स और न्यूट्रीशयन में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री पाने के बाद उन्होंने अपनी प्रैक्टिस 1999 में शुरू की थी। एक अनुभवी लेखक, दिवेकर 'इटिंग हेल्दी ' पर विचार करती है, और उन्होंने खाने से जुड़े लोगों के मिथ को तोड़ दिया है।
ऐसे समय में रहने के बावजूद जहां हेल्दी और अनहेल्दी फूड की अवधारणा लगभग हर रोज बदलती रहती है, दिवेकर दादी मां की बताई चीजों पर जोर देती है। वह आधुनिक प्रवृत्तियों से प्रभावित होने से इंकार करती है, और इसके बजाय हमारे देश में उपलब्ध विविध भोजन का उपभोग करने की आवश्यकता पर जोर देती है। उनका कहना है कि "हमें पश्चिम के कुछ मूल्य के रूप में स्वीकार करने की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। बल्कि अपने देश में मौजूद चीजों की गुणवता के बारे पता होना चाहिए। हमारी किचन में बहुत सी ऐसी चीजें मौजूद है जिनकी हेल्प से हम आसानी से फिट रह सकती हैं।
ज्यादातर महिलाओं का मानना है कि घी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है इसलिए वह अपनी डाइट से घी को बिल्कुल हटा देती है। लेकिन दिवेकर इस सहमत नहीं है। न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, देसी घी वास्तव में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में हेल्प करता है। अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल तनाव के कारण लीवर द्वारा उत्पादित होता है, और घी उस प्रभाव को रोकने में मदद करता है। घी तनाव को दूर करने में मदद करता है, आप बेहतर तरीके से सोती है और सुबह तरोताजा महसूस करती हैं।
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चावल को केवल कार्बोहाइड्रेट के रूप में स्वीकार करने से इनकार करते हुए, न्यूट्रिशनिस्ट यह मानती है कि चावल में जरूरी एमिनो एसिड, विटामिन और फाइटोन्यूट्रिएंट होते हैं। वह डिनर में चावल खाने की जरूरत पर जोर देती है
साथ ही वह इस बात का दावा करती हैं कि किसी को भी व्हाइट चावल खाने चाहिए, ना कि ब्राउन चावल। चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) बहुत अधिक नहीं होता है, और इसे घी के साथ खाने से इसे और भी नीचे लाया जा सकता है। वह चावल की मात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं डालती है, और मानती है कि कोई भी दिन में तीन बार चावल खा सकता है।
न्यूट्रिशनिस्ट कहती हैं कि ''आपको चावल खाना जिस तरीके से पसंद हैं उसे वैसे ही खाएं, जितनी बार चाहें उतनी बार खाएं और इसे अच्छी मात्रा में खाएं। यह आपको हल्का और एनर्जी से भरपूर रखने में हेल्प करता है।''
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दिवेकर चीनी को सभी समस्याओं की जड़ के रूप में मानने से इनकार करती हैं। उनके अनुसार, चीनी प्राकृतिक है, इस प्रकार इससे आपको कोई खतरा नहीं है। वह कहती हैं कि "समस्या चीनी नहीं है। समस्या संसाधित और पैक किया जाना है जो कि चीनी से भरपूर होते है, खासतौर से चूंकि चीनी का यह रूप अधिकतर हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप से लिया जाता है, जो मोटापे से जुड़ा होता है। वह चीनी जो हम परंपरागत रूप से भारत में इस्तेमाल होती हैं, जो गन्ना से आती है, वास्तव में, बहुत फायदेमंद है,"
डायबिटीज और चीनी में संबंध है इस धारणा के विपरीत वह मानती हैं कि चीनी लेने और डायबिटीज होने के बीच में कोई संबंध नहीं है। वास्तव में लो ब्लड शुगर को रोकने के लिए कई डायबिटीक रोगी को चीनी खाने की सलाह दी जाती है।
वजन कम करने के अपने जुनून में, हम अक्सर मूल बातें भूल जाती हैं। वजन कम करने में हेल्प करने वाला 'सीक्रेट फूड' हमारी किचन में ही है कहीं बाहर नहीं और रुजूत दिवेकर हमें इसके बारे में बताती है। वह कहती हैं कि 'लो कैलोरी नहीं लोकल सोचो।'
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