राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों पर प्रदूषण खतरनाक लेवल तक बढ़ गया है। प्रदूषण के कहर से सांसों में जहर घुल रहा है। जहरीली हवा के संपर्क में आने से लोगों के फेफड़ों पर बुरा असर पड़ सकता है। प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में GRAP का चौथा चरण लागू कर दिया गया है।
इससे न सिर्फ फेफड़ों के काम पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि अस्थमा का खतरा भी बढ़ सकता है। यह सांसों की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए आज हम आपको 3 ऐसे ब्रीदिंग योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिसे आप रोजाना सिर्फ 10 मिनट करके अपने फेफड़ों को हेल्दी बना सकते हैं। इसके बारे में हमें बीइंग फिट फिटनेस सेंटर की फिटनेस व जुम्बा एक्सपर्ट शिवानी गुप्ता बता रही हैं।
एक्सपर्ट का कहना है, ''फेफड़े शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं। लेकिन, आजकल की लाइफस्टाइल और प्रदूषण के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन बढ़ रहा है। इससे हम सांसों से जुड़ी समस्याओं जैसे अस्थमा, टीबी जैसे बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में आप योग की मदद ले सकते हैं।''
भस्त्रिका प्राणायाम
यह प्राणायाम कफ से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। इसे रोजाना करने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है और गले से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करता है। साथ ही, भस्त्रिका प्राणायाम करने से फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे फेफड़े मजबूत होते हैं। इसके अलावा, इसे करने से वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
भस्त्रिका प्राणायाम की विधि
- इसे करने के लिए पद्मासन मुद्रा में बैठ जाएं।
- गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- अब लंबी सांस लें और फेफड़ों में हवा भरें।
- फिर एक बार में तेजी से सांस छोड़ें।
- इस आसन को एक बार में कम से कम 10 बार जरूर करें।
कपालभाति
कपालभाति करने से पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह से होता है। यह फेफड़ों के लिए अच्छा योग है, इससे श्वसन प्रणाली हेल्दी रहती है। इसके अलावा, इसमें सांस छोड़ने के प्रोसेस से फेफड़े लंबे समय तक सही तरह से काम करते हैं।
कपालभाति की विधि
- इसे करने के लिए वज्रासन में बैठ जाएं।
- दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए ध्यान मुद्रा में बैठें।
- गहरी लंबी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें।
- फिर नाक से सांस बाहर निकालें।
- जब सांस को बाहर निकालें, तब पेट को अंदर की ओर खींचें।
- ऐसा आप लगातार करें।
- ऐसे करते समय मुंह को बंद रखें।
- सिर्फ नाक से सांसों को लेना और छोड़ना है।
- ऐसा 15 से 20 बार करें।
अनुलोम-विलोम
अनुलोम-विलोम रोजाना करने से फेफड़े मजबूत होते हैं और सर्दी, जुकाम व अस्थमा जैसे परेशानियों से काफी हद तक बचाव होता है। इसके अलावा, अनुलोम-विलोम तनाव दूर करने वाला सबसे अच्छा उपाय है।
अनुलोम-विलोम की विधि
- इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं।
- फिर दाएं अंगूठे से दाईं नाक पकड़ें।
- बाई नाक से सांस अंदर लें।
- अब अनामिका अंगुली से बाएं नाक को बंद करें।
- फिर दाईं नाक खोलकर सांस बाहर छोड़ें।
- दाईं नाक से ही सांस अंदर लें।
- इस प्रोसेस को दोहराते हुए बाईं नाक से सांस बाहर छोड़ें।
आप भी इन योगासनों से अपने फेफड़ों को मजबूत बना सकते हैं। इसके अलावा, इससे आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत होती है, जिससे आप रोगों से लड़ सकते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे लाइक और फेसबुक पर शेयर जरूर करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें
Image Credit: Freepik & Shutterstock
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों