भारतीय फैशन में जानवरों के प्रिंट और प्रतीक चिन्ह का विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति में कुछ जानवरों को पवित्र माना गया है और इन्हें फैशन में विभिन्न प्रकार के कपड़ों और आभूषणों में दर्शाया गया है। बाघ, मोर, हाथी, गाय, तोता, हिरण और मछली न केवल भारतीय शिल्प और सौंदर्य को अभिव्यक्त करते हैं, बल्कि संस्कृति और परंपराओं के गहरे अर्थ भी प्रकट करते हैं। ये जानवर विभिन्न धर्मों, मिथकों, और लोककथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, और उनका उपयोग विभिन्न परिधानों और आभूषणों में सदियों से किया जाता रहा है। जानवरों के प्रिंट्स भारतीय फैशन में धार्मिक और ट्रेंड दोनों के लिहाज से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बाघ भारतीय उपमहाद्वीप का राष्ट्रीय पशु है और यह शक्ति, ताकत और शौर्य का प्रतीक है। भारतीय फैशन में बाघ की छवियां विशेष रूप से राजसी परिधान और शाही वस्त्रों में दिखाई देती हैं। मुगल काल से लेकर आधुनिक युग तक यह फैशन का हिस्सा रहा है। भारतीय डिजाइनर्स बाघ के प्रिंट और कढ़ाई को महंगे सिल्क और ब्रोकेड के कपड़ों में काढ़ते हैं। बाघ की त्वचा का पैटर्न, जिसे 'टाइगर प्रिंट' कहा जाता है, फेस्टिवल और उत्सवों में पहने जाने वाले वस्त्रों में लोकप्रिय है। यह प्रिंट न केवल पारंपरिक वस्त्रों में देखा जाता है बल्कि आधुनिक फैशन में भी इसका उपयोग किया जाता है, जिससे यह ट्रेंड बन गया है। आपको बहुत सारे फैब्रिक्स में बाघ के पंजों के निशान, शरीर की धारियां और मुख आदि के प्रिंट देखने को मिल जाएंगे।
मोर भारतीय संस्कृति में खूबसूरती, गौरव और दिव्यता का प्रतीक है। भगवान कृष्ण के मुकुट में मोर के पंख को लगाया जाता है और इसलिए हिंदू धर्म में इसका महत्व विशेष है। मोर के सुंदर रंग और उसकी विशेषता के कारण, इसे साड़ियों, दुपट्टों और तरह-तरह कढ़ाई में प्रमुखता से देखा जाता है। बनारसी साड़ी और कांचीवरम सिल्क जैसे पारंपरिक कपड़ों में मोर की कढ़ाई की जाती है। इसके अलावा, मोर का रूपांकण आभूषण, हेयर एक्सेसरीज़ और अन्य फैशन आइटम में भी देखा जाता है। मोर के प्रिंट वाले कपड़े भी आपको बाजार में खूब देखने को मिल जाएंगे। इसके चमकीले और जीवंत रंग भारतीय पारंपरिक परिधानों को एक शाही अंदाज प्रदान करते हैं।
हाथी भारतीय संस्कृति में ज्ञान, धैर्य और सौभाग्य का प्रतीक है। भगवान गणेश, जो बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं, की भी छवि हाथी के रूप में है। भारतीय कपड़ों में हाथी के चित्रों और प्रिंट्स का उपयोग अक्सर किया जाता है, विशेषकर राजस्थान और गुजरात के पारंपरिक कपड़ों में आपको हाथी के प्रिंट और कढ़ाई खूब देखने को मिल जाएगी। हाथी की आकृतियों को ब्लॉक प्रिंटिंग, टाई एंड डाई आर्ट आदि के रूप में कपड़ों पर चित्रित किया जाता है। हाथी प्रिंट का उपयोग न केवल कपड़ों में बल्कि बैग, चप्पल और अन्य फैशन एसेसरीज में भी किया जाता है, जो एक पारंपरिक और आकर्षक रूप प्रदान करता है।
गाय भारतीय संस्कृति में एक पवित्र जानवर है और उसे माता का दर्जा दिया गया है। गाय को शांति, समृद्धि और दया का प्रतीक माना जाता है। भारतीय फैशन में गाय के चित्र और प्रिंट्स का उपयोग सीमित होता है, लेकिन जब भी इसे इस्तेमाल किया जाता है, यह विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक परिधानों में दिखाई देता है। हालांकि, अब वेस्टर्न परिधानों में आपको गाय के प्रिंट में थोड़ी बहुत अधुनिकता की झलक देखने को मिल जाएगी।
तोता भारतीय संस्कृति में प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक है। यह पक्षी अपने हरे रंग और मधुर ध्वनि के लिए प्रसिद्ध है। भारतीय वस्त्रों में तोते के प्रिंट और कढ़ाई का उपयोग खासतौर से रंग-बिरंगे कपड़ों में किया जाता है। तोते के प्रिंट्स को विशेष रूप से चोली, दुपट्टा, साड़ी, लहंगे, शॉल और सलवार सूट में देखा जा सकता है। तोते की आकृतियों को कपड़ों में खूबसूरत कढ़ाई के रूप में दर्शाया जाता है, जो एक सुंदर छवि प्रस्तुत करती है।
हिरण को भारतीय संस्कृति में कोमलता, शांति और कुदरती सुंदरता का प्रतीक माना गया है। भारतीय फैशन में हिरण के प्रिंट्स का उपयोग मुख्यतः फेस्टिवल और ट्रेडिशनल परिधानों में किया जाता है। यह प्रिंट विशेष रूप से कश्मीरी शॉल और अन्य ऊनी कपड़ों में देखा जाता है। हिरण का चित्रण कपड़ों पर हल्के रंगों और सुंदर डिजाइन के रूप में किया जाता है, जो परिधान को एक शाही लुक देता है।
मछली को भारतीय संस्कृति में समृद्धि का प्रतीक माना गया है। बंगाल में मछली की पूजा का महत्व देखा जाता है। भारतीय फैशन में मछली के प्रिंट्स का उपयोग विशेष रूप से बंगाली साड़ियों और पारंपरिक कपड़ों पर किया जाता है। मछली के प्रिंट को बुनाई, कढ़ाई और ब्लॉक प्रिंटिंग के माध्यम से कपड़ों पर उकेरा जाता है। यह प्रिंट कपड़ों को एक विशिष्ट और सांस्कृतिक पहचान प्रदान करता है।
भारतीय फैशन में ये सात पवित्र जानवर अपने-अपने विशेष अर्थ और प्रतीकात्मकता के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। इन जानवरों के प्रिंट्स और आकृतियों का उपयोग केवल कपड़ों में ही नहीं, बल्कि आभूषण, घर की सजावट और अन्य फैशन एसेसरीज में भी होता है।
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