आज हम बेशक आधुनिकता के चरम पर हों, मगर भारतीय संस्कृती को भूलपाना हमारे लिए नामुमकिन है और आज भी हम भारतीय परंपराओं न केवल निभाते हैं बल्कि दिल से उसे प्यार भी करते हैं। यही वजह है कि आज वेस्टर्न कलर के परवान चढ़ने के बावजूद हम महिलाओं का साड़ी प्रेम बरकरार है और आज भी हम बाजार में साड़ी में नई वैरायटी तलाशते रहते हैं।
बाजार में ढेरों साड़ी के शोरूम आपको मिल जाएंगे, मगर हैंडलूम वाली साड़ी की बात ही कुछ और होती है। अगर आप भी अलग-अलग राज्यों की अनोखी कला और बनावट वाली साड़ी पहनने की शौकीन हैं या फिर आपको अपनी वार्डरोब में महंगी और खूबसूरत साडि़यों का कलेक्शन रखना पसंद है, तो आपको एक बार वस्त्र मंत्रालय द्वारा दिल्ली के हैंडलूम हाट में लगी प्रदर्शनी 'विरासत' में एक बार जरूर जाना चाहिए। यह प्रदर्शनी वैसे तो 17 जनवरी तक लगी हुई है और यहां पर आपको साड़ी की हजारों वैरायटी मिल जाएंगी, मगर हम आपको देश की सबसे महंगी हैंडलूम साडि़यों के बारे में आज बताएंगे।
करहुआ कटवर्क साड़ी
- वाराणसी की करहुआ कटवर्क साड़ी के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है। अधिकांश लोग यही जानते हैं कि वाराणसी की बनारसी सिल्क साड़ी ही फेमस है। मगर यहां पर आपको करहुआ बनारसी साड़ी में अनोखा कटवर्क मिल जाएगा।
- यह साड़ी फिगरेटिव पैटर्न में करहुआ टेकनीक पर बनाई जाती है। इस साड़ी को तैयार करने में बहुत ज्यादा वक्त लगता है और यह बहुत ही महंगी साड़ी होती है। इस साड़ी को 2 लोग मिल कर बनाते हैं।
- हालांकि, बनारस की कटवर्क साड़ी अब विलुप्ती की कगार पर है। इसे बनाने वाली कारिगर भी अब कम ही मिलते हैं, मगर आप इसे स्पेशल ऑर्डर पर बनवा सकते हैं।
- अगर आप यह साड़ी ऑर्डर पर बनवाती हैं तो आपको लगभग 5000 रुपये में साधारण कटवर्क और फिर जैसे-जैसे आप कटवर्क का काम हैवी करती जाएंगी वैसे-वैसे साड़ी के दाम भी बढ़ते जाएंगे।
पाटन पटोला साड़ी
- आपको इस साड़ी की एक साबसे बड़ी खासियत बताते हैं, यह साड़ी दोनों तरफ से पहनी जा सकती हैं और 100 वर्षों तक यह नई जैसी बनी रहती है। उत्तरी गुजरात के पाटन में बनने वाली इस विशेष साड़ी को पटोला इसलिए बोला जाता है क्योंकि यह एक तरह का कपड़ा होता है। पटोला एक दोहरे इकत से बुना हुआ कपड़ा होता है।
- इस साड़ी को तैयार करने में भी बहुत समय लगता है। छह गज की इस साड़ी के लिये ताने-बाने के धागों पर टाई-डाइड डिज़ाइन तैयार करने में 3 से 4 महीने का समय लगता है। इसलिए यह साड़ी बहुत ही महंगी आती है।
- यह साड़ी आपको बाजार में 3 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये के ऊपर तक मिल जाएगी।

मूंगा सिल्क साड़ी
- असम अपनी खूबसूरत वादियों के साथ-साथ मूंगा सिल्क साड़ी के लिए भी फेमस है। इस साड़ी को खूबसूरत असामी मोटिफ्स से सजाया जाता है।
- मूंगा सिल्क अपनी लंबी ड्यूरेबिलिटी के लिए फेमस है और अगर आप इसे संभाल कर रखती हैं तो यह साड़ी सालों साल नई जैसी बनी रहती है। यह साड़ी येलो और गोल्डन कलर में आती हैं और इनका टेक्सचर ग्लोइंग होता है।
- आपको बता दें कि पहले इस तरह की साड़ी रॉयल फेमिलीज ही पहनती थीं। मगर आज के समय में यह साड़ी एफॉर्डेबल प्राइस में भी मार्केट में मिल जाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि मूंगा सिल्क की साड़ी जितनी पुरानी होती जाती है, उसकी चमक उतनी ही बढ़ती जाती है।
- बाजार में यह साड़ी वैसे तो आपको लगभग 2000 रुपये से मिलना शुरू हो जाएगी, मगर इस साड़ी की कीमत 2 लाख रुपये के ऊपर ही जाती है।
इस तरह कहा जा सकता है कि भारत की 3 सबसे महंगी साडि़यों में इन 3 साडि़यों का नाम आता है। वैसे तो आजकल अलग-अलग साडि़यों में प्रेशियस स्टोन वर्क आदि भी किया जा रहा है। इतना ही नहीं, सोने और चांदी के तारों से काम किया जा रहा है, जो साड़ी की कीमत को बढ़ा देता है। मगर प्राकृतिक चीजों के प्रयोग से और कारिगर की महनत से तैयार होने वाली इन साडि़यों का कोई मुकाबला नहीं है।
वैसे तो यह साडि़यां आपको किसी भी अच्छे स्टेट हैंडलूम में मिल जाएंगी, मगर आप चाहें तो इसे वस्त्र मंत्रालय द्वारा लगने वाली विभिन्न प्रदर्शनियों से खरीद सकती हैं।
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