एंटीक ज्वेलरी से आप क्या समझते हैं? इसे ऐसे समझिए कि ज्वेलरी आइटम्स जो 100 वर्ष से अधिक पुराने हैं और जो मानव विकास के साथ चलते आए हैं, वे एंटीक ज्वेलरी कहलाई जाती हैं। आधुनिक समय में भी एंटीक ज्वेलरी का चलन बहुत हो गया है और इसकी वजह है उनकी अत्याधुनिक कारीगरी और उच्च गुणवत्ता वाले रत्नों के साथ-साथ उनका रस्टी लुक बहुत पसंद किया जाता है।
रत्नों को अलंकृत करने के लिए चमकदार माणिक, पन्ने, नीलम और क्रिस्टल क्लीयर हीरे जैसे कीमती स्टोन्स को जड़ा गया था। इसके अलावा, पुखराज, टूमलाइन और एक्वामरीन जैसे स्टोन्स को भी ज्वेलरी में जोड़ा जाता है। जैसा कि पता चलता है इसका इतिहास काफी पुराना है और आज हम आपको इस खूबसूरत आभूषण के बारे में और उसके स्टाइलिंग के टिप्स बताने जा रहे हैं।
एंटीक और विंटेज ज्वेलरी में अंतर
ज्वेलरी ट्रेड टर्म्स की बात करें तो 'विंटेज' एक ऐसे पीस का वर्णन करता है जो 50 और 100 साल पहले बनाया गया था। लेखन के समय में, 1920 और 1970 के बीच बनाई गई सभी ज्वेलरी टेक्निकल रूप से 'विंटेज' हैं। हमारे आर्ट डेको, रेट्रो और मिड-सेंचुरी ज्वेलरी सभी विंटेज ब्रैकेट के अंतर्गत आती हैं।
इसी तरह ज्वेलरी ट्रेड टर्म्स में 'एंटीक' एक ऐसे पीस का वर्णन करता है जो कम से कम 100 साल पुराना हो। इसका मतलब यह है कि जो भी ज्वेलरी 1920 या इससे पहले बनाई गई हैं, उन्हें एंटीक ज्वेलरी कहा जाता है। जॉर्जियन, विक्टोरियन, एडवार्डियन और आर्ट नोव्यू ज्वेलरी एंटीक ज्वेलरी कहलाई जाती हैं।
इसे भी पढ़ें : रोचक है टेम्पल ज्वेलरी का इतिहास, जानें इसे साड़ी के साथ स्टाइल करने का तरीका
कई तरह के होते हैं एंटीक इंडियन ज्वेलरी स्टाइल्स
एंटीक ज्वेलरी का ताल्लुक कई समृद्ध लोककथाओं से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, उनके आकर्षक देहाती विंटेज आकर्षण और चमकीले रंग किसी का ध्यान खींचने के लिए पर्याप्त हैं। आज चलिए आपको कुछ प्राचीन भारतीय आभूषण स्टाइल्स के बारे में बताते हैं।
1. तारकाशी
यह यूनिक आर्ट फॉर्म 1500 के दशक के अंत में उड़ीसा में विकसित हुई और ग्रीक फिलिग्री वर्क का एक मॉडिफाइड वर्जन है। यह खूबसूरती का यूनिक कॉम्बिनेशन दर्शाता है और प्रकृति से प्रेरित है। अधिकांश तारकाशी डिजाइनों में महीन चांदी के तार में वनस्पतियों और जीवों के इंट्रीकेट एलिमेंट्स होते हैं। परंपरागत रूप से एक 'चरखे' का उपयोग ब्रोच, हार, हूप्स और पेंडेंट को घुमाने के लिए किया जाता था। लेकिन अब तारकाशी के छल्ले, टो-रिंग्स, पायल और हेयरपिन भी अपने विशिष्ट प्राचीन डिजाइन के कारण बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं।
2. थेवा
16वीं शताब्दी में, गहने बनाने की थेवा कला अभी भी राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में बहुत लोकप्रिय है। फेस्टिव वाइब्रेंट बीड्स (जानें क्या होती है बीड ज्वेलरी) मोतियों के साथ 23K सोने की चमक के साथ इस डिजाइन को सबसे पहले प्रतापगढ़ी के सुनार नाथू लाल सोनेवाल ने बनाया था। इसके तुरंत बाद, महाराजा सुमंत सिंह की नजर इस पर पड़ी, जिनके शासनकाल में यह आर्ट फॉर्म बहुत फला-फूला और आज भी खूब प्रचलित है।
3. पच्चिकम
गुजरात के कच्छ से उत्पन्न, इस कला रूप का नाम गुजराती शब्द 'पच्चीगर' से लिया गया है जिसका अर्थ है 'सुनार'। पच्चिकम के गहने नरम झिलमिलाती धातुओं का उपयोग करके बनाए जाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्लैटिनम और अब चांदी का उपयोग होता है। आमतौर पर, ग्लास बीड्स और सेमी प्रेशियस मेटल्स पच्चिकम के रिंग्स, चूड़ियों, पायल, ट्रिंकेट, झुमकी और पेंडेंट में रंग जोड़ती हैं।
4. विक्टोरियन
यूरोपियन स्टाइल ज्वेल्स से प्रभावित और ब्रिटिश आक्रमणकारियों द्वारा लाई गई विक्टोरियन स्टाइल्स के गहने सोने, प्लैटिनम या चांदी का उपयोग करके बनाए जाते हैं और उन्हें बहुत ज्यादा महंगे स्टोन्स से नहीं बल्कि गार्नेट्स, कोरल्स आदि से सजाया जाता है। इनमें आमतौर पर एक अद्वितीय एंग्लो-इंडियन आकर्षण होता है, जिसने इन्हें Gen Y के बीच अत्यधिक लोकप्रिय बना दिया है। विक्टोरियन ब्रोच, कंगन और हेयर एक्सेसरीज कई भारतीय लड़कियों द्वारा उपयोग किए जाते हैं।
कैसे करें एंटीक ज्वेलरी डिजाइन को स्टाइल?
यह ज्यादातर साउथ इंडियन ब्राइड्स के बीच काफी प्रचलित है, लेकिन इसे धीरे-धीरे बाकी महिलाएं भी कैरी करने लगी हैं। आप इसे कैसे स्टाइल कर सकती हैं, आइए जानें-
ऐसे पहनें एंटीक लॉकेट
गॉडेस इंस्पायर्ड कांजीवरम साड़ी के साथ आप एंटीक राधा कृष्ण लॉकेट पहनें। सुनिश्चित करें कि आप सही पोशाक के साथ इसे फ्लॉन्ट करें, ताकि आपका लुक भी एन्हांस हो।
कई सिल्क की खूबसूरत साड़ियों में मोर, कमल, हाथियों के अस्तर में बुनी जाती हैं, उनके साथ भी आप एंटीक लॉकेट पेयर कर सकती हैं।
दूसरा विकल्प यह है कि एंटीक लॉकेट को बड़े आकार के कोरल, मोतियों के साथ जोड़ा जाए और इसे भारतीय फ्यूजन वियर जैसे अम्ब्रेला कट चूड़ीदार, लॉन्ग फ्रॉक, फ्लोर टच गाउन आदि पर सहजता से पहना जाए।
इसे भी पढ़ें : जानें क्यों है मीनकारी इतनी खास, आप भी रॉयल्स की तरह यूं करें इसे स्टाइल
ऐसे पहनें एंटीक हैरम (Haram)
आप एंटीक हैरम को आप हाई नेक या चाइनीज नेक ब्लाउज के साथ पेयर कर सकती हैं। इसके अलावा उन्हें पैटर्न्ड बेली कट लहंगा स्टाइल्स के साथ फ्लॉन्ट कर सकती हैं और अपने हेयरस्टाइल्स के साथ कई एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं।
दूसरा विकल्प है कि आप इसे अपने पेस्टल रंग के लहंगे या घाघरे के साथ पहन सकती हैं। साड़ी के अलावा आप इसे अनारकली सूट्स के साथ भी कैरी कर सकती हैं।
ऐसे पहनें एंटीक नेकलेस
किसी शादी या अन्य फंक्शन में आप अपना एंटीक नेकलेस कैरी कर सकती हैं। हैवी बनारसी, कांजीवरम साड़ी के साथ इस तरह का नेकलेस खूबसूरत लगता है। हाई नेक के साथ-साथ आप इसे यू-नेक ब्लाउज के साथ भी पहन सकती हैं, लेकिन तब इसके साथ किसी हल्के चोकर को लेयर करें। त्योहार के दिनों में ऑफिस के कार्यक्रमों के साथ सिंपल स्टाइल्स को मिक्स और मैच करके पहना जा सकता है और उन्हें पारंपरिक पुल बैक हेयर स्टाइल के साथ स्टाइल किया जा सकता है।
तो देखा आपने एंटीक ज्वेलरी को आप किस तरह से स्टाइल कर सकती हैं। आप इसके इयररिंग्स और कड़ों को भी अलग-अलग सभी रंगों, कपड़े और पैटर्न जैसे अनारकली, लॉन्ग कुर्तियां, फ्रॉक मॉडल टॉप और अंब्रेला कट कुर्तियों के साथ भी पहना जा सकता है।
हमें उम्मीद है एंटीक ज्वेलरी पर यह जानकारी आपको पसंद आएगी। इसे लाइक और शेयर करना न भूलें और इसी तरह इंडियन ज्वेलरी और उनके स्टाइल्स के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें हरजिंदगी के साथ।
Recommended Video
Image Credit : Google Searches
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों