असली चिकनकारी एंब्रॉयडरी की पहचान करने का तरीका जानें

चिकनकारी एंब्रॉयडरी वाले आउटफिट्स को अपनी वॉर्डरोब का हिस्‍सा बनाना चाहती हैं, तो पहले यह भी जान लें कि असली चिकनकारी वाली एंब्रॉयडरी को आप कैसे पहचानेंगी। 

pure chikankari fabric tip

फैशन की दुनिया में धूम मचाने वाली लखनवी एंब्रॉयडरी आखिर किसे पसंद नहीं है। नायब नजर आने आने वाली यह एंब्रॉयडरी न केवल आपके लुक को संवारती है, बल्कि इसे कैरी करना बेहद आरामदायक होता है। बाजार में आपको चिकनकारी एंब्रॉयडरी में तरह-तरह के काम वाले आउटफिट मिल जाएंगे। कई बार तो दुकानदार आपको असली चिकनकारी के नाम पर मशीन की कढ़ाई वाला कपड़ा पकड़ा ठग भी सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि असली चिकनकारी कढ़ाई को पहचानने का क्‍या तरीका है। खासतौर पर हाथों से की गई और मशीन से की गई चिकनकारी कढ़ाई में क्‍या अंतर देखने को मिलता है।

chikankari embroidery stitches new

चिकनकारी कढ़ाई में कैसी थ्रेड का प्रयोग किया जाता है?

चिकनकारी कढ़ाई यदि हाथ से की जा रही है तो उसमें कॉटन थ्रेड का इस्‍तेमाल किया जाता है। वहीं अगर मशीन वाली चिकनकारी की कढ़ाई है तो उसमें रेशम के धागे भी इस्‍तेमाल किए जाते हैं। यह कढ़ाई बहुत ही फाइन होती हैं इसलिए हाथों से रेशम के धागों से इसे कर पाना आसान नहीं होता है। वहीं पहले के समय में सिलवर जरी और सिल्‍क एवं गोल्‍डन जरी का काम भी हाथों से किया जाता था, मगर अब न तो ऐसे कारिगर बचे हैं, जो हाथों से इतनी बारीक कसीदाकारी करें और न ही अब इतना समय देने की कीमत ही बाजार में मिल पाती है। ऐसे में चिकनकारी के साथ अगर जरी का काम किया जा रहा है तो उसमें मशीन की मदद ली जाती है। आपको बता दें कि मशीन से जिस कॉटन फैब्रिक पर चिकनकारी का काम किया जाता है, वह आपको बहुत अच्‍छी क्‍वालिटी का नजर नहीं आएगा।

chikankari embroidered collection pic

चिकनकारी कढ़ाई करने की असल प्रक्रिया क्‍या होती है?

सबसे पहले अच्‍छी किस्‍म के प्‍योर कॉटन फैब्रिक का चुनाव किया जाता है। इसके बाद आप उस फैब्रिक में ब्‍लॉक प्रिंटिंग करवा कर उसी डिजाइन पर कढ़ाई करती हैं। आपको बता दें कि जब चिकनकारी कढ़ाई भारत में आई थी तब कॉटन की जगह मलमल के कपड़े पर यह की जाती थी। मगर तब यह कपड़े केवल राज महाराजा ही पहन पाते थे, तो आम लोगों तक इस कढ़ाई को पहुंचाने के लिए सूती कपड़ों पर इसे किया जाने लगा। वैसे अब आपको जॉर्जेट, शिफॉन, सिल्‍क और सिंथेटिक फैब्रिक में भी यह कढ़ाई की हुई मिल जाएगी। मशीन से की जाने वाली कढ़ाई बहुत ही युनिफॉर्म तरीके से की गई होती हैं और उसमें ब्‍लॉक प्रिंटिंग नहीं होती हैं बल्कि डिजिटल प्रिंट पर कढ़ाई की गई होती है।

स्टिच पर दें ध्‍यान

हाथ से की गई चिकनकारी में कारिगरों के हाथों से जो स्टिच कपड़े पर डाली जाती है, वह बहुत ही सॉफ्ट और जेंटल होती है और वहीं मशीन से कई गई कढ़ाई की एक-एक स्टिच कसी हुई होती है। इतना ही नहीं, हाथ से कई गई कढ़ाई में कहीं आपको मोटापन देखने को मिलेगा तो कहीं पर पतलापन, मगर मशीन से की गई कढ़ाई में ऐसा नहीं होता है वह बेहद क्‍लीन और एक समान सी नजर आती है।

उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए आर्टिकल के नीचे आ रहे कमेंट सेक्शन में हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP