World Saree Day: भारतीय महिलाओं का पहनावा है साड़ी, जानिए साड़ियों के नाम से जुड़ा उनका दिलचस्प इतिहास

हर इंडियन वुमेन के वॉर्डरोब में तरह तरह की साड़ी होती हैं। कांजीवरम साड़ी से लेकर जामदानी साड़ी, सिल्क साड़ी, बनारसी साड़ी, कलमकारी वाली साड़ी होती हैं लेकिन क्या आप इनके इतिहास के बारे में जानती हैं।

  • Inna Khosla
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-12-21, 15:27 IST
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साड़ी भारतीय महिलाओं का पहनावा है जिसे विदेशी महिलाएं भी शौक से पहनना पसंद करती हैं। हर इंडियन वुमेन के वॉर्डरोब में तरह तरह की साड़ी होती हैं। कांजीवरम साड़ी से लेकर जामदानी साड़ी, सिल्क साड़ी, बनारसी साड़ी, कलमकारी वाली साड़ी होती हैं लेकिन क्या आप इनके इतिहास के बारे में जानती हैं। हैंडलूम साड़ियां दिखने में जितनी सिंपल होती हैं दरअसल में उन्हें बनाने में उतने ही महीनों की मेहनत होती है। यही वजह है कि सिल्क या कांजीवरम या कोई भी हैंडलूम साड़ी जो आपको एलीगेंट लुक देती है उनकी कीमत कई लाखों में होती हैं। पटोली सिल्क साड़ी को बनाने में जिस तरह से कई महीनों का समय लगता है उसी तरह से कांथा वर्क साड़ी, कांजीवरम साड़ी भी कई दिनों, हफ्तों और महीनों में तैयार होती है। तो साड़ी के नाम जिसे हो सकता है आपने सिर्फ नाम से सुना हो लेकिन यही सोचती हों कि ऐसा इनमें क्या खास है जो इनकी कीमत इतनी ज्यादा होती है तो आपको इनके इतिहास के बारे में जानकर जरुर समझ आ जाएगा। आइए आपको बताते हैं साड़ियों से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें और उनकी कीमत की वजह

कांजीवरम साड़ी

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कांजीवरम साड़ी का इतिहास 400 साल पुराना है। तमिलनाडू के पास कांजीपुरम गांव में क्योंकि इन साड़ियों को बनाया जाता है इसलिए इनका नाम कांजीवरम है। बॉलीवुड एक्ट्रेस रेखा तो कांजीवरम साड़ियों की ब्रांड एम्बेस्डर ही मानी जाती हैं। ये साड़ियों महिलाओं का रॉयल लुक देती हैं। कांजीवरम साड़ी बेहद खास मलबरी सिल्क और ज़री के धागों से बनायी जाती है। इस साड़ी की कीमत 7000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपय तक होती है और अगर आप रेखा की तरह किसी बड़े डिज़ाइनर की कांजीवरम साड़ी पहन रही हैं तो फिर कीमत 10-15 लाख भी हो सकती है।

गदवाल साड़ी

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गदवाल साड़ी गदवाल और तेलंगाना में खासकर बनायी जाती है। ये साड़ियां लाइट वेट होती है और आसानी से बांधी जा सकती हैं। इस साड़ी को अगर इंडिया की बेहतरीन साड़ी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ये साड़ी इतनी पतली और मुलायम होती है कि कहते हैं कि प्योर गड़वाल साड़ी तो माचिस की डिब्बी में भी पैक हो जाती है। इस साड़ी का पल्ला और बॉर्डर अलग से बुना जाता है। इंडिया के अलावा इस साड़ी डिमांड अमेरिका, लंदन और यूरोप के कई देशों में बहुत ज्यादा है। सबसे खास बात ये है कि गदवाल सिल्क साड़ी आपको 7000 रुपये से लेकर 20000 हज़ार रुपये तक आसानी से मिल जाएगी।

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जामदानी साड़ी

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जामदानी साड़ी ये शब्द दो शब्दों जाम और दानी को मिलाकर बना है। जाम का मतलब है फूल और दानी का मतलब होकी है गुलदस्ता। जामदानी साड़ी ढाका और बांगलादेश में बनायी जाती हैं। इस साड़ी का जिक्र चाणक्या के अर्थशास्त्र में तीसरी सदी से मिलता है। तब से अब तक इस साड़ी की पहचान वैसे ही बरकरार है। इस साड़ी को पहनना बेहद आसान तो होता ही है लेकिन इसकी कीमत भी काफी कम होती है। इसे आप अच्छी क्वालिटी में 2500 हजार रुपये से लेकर 10000 हजार रुपये तक में खरीद सकती हैं।

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पट्टचित्र साड़ी

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पट्टचित्र साड़ी के बारे में बात करने से पहले आपको ये बता दें कि ये भी दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है। पट्ट का मतलब होता है कपड़ा और चित्र का मतलब होता है पेंटिंग यानी नाम से ही समझ आ रहा है कि जिस साड़ी के कपड़े पर चित्र बनें हों वो पट्टचित्र साड़ी होती है। लेकिन इस साड़ पर ऐसे वैसे नहीं बल्कि mythology और folk चित्र बने होते हैं। एक पट्टचित्र साड़ी को बनने मेंकई महीनों का समय लगता है क्योंकि इस पर हाथ से पेंटिंग की जाती है। या साड़ियों उड़ीसा में बनायी जाती है। पट्टचित्र साड़ियों की कीमत 2000 रुपये से लेकर 40000 रुपये तक होती है।

कलमकारी साड़ी

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कलमकारी भी दो शब्दों को मिलाकर बना है। कलम का मतलब होता है पेन और कारी का मतलब होता है कारीगरी, जिस साड़ी पर कलम से कारीगरी की जाती है उस साड़ी को कलमकारी साड़ी कहते हैं। ये हैंडलूम साड़ी बॉलीवुड की ज्यादातर हीरोइन्स पहनती हैं। विद्या बालन से लेकर श्रेया सरन, रेखा, दीया मिर्जा, किरन खेर जैसी बॉलीवुड की हर बड़ी हीरोइन कलमकारी साड़ी में नज़र आती हैं। इमली की शाखाओं से बनें पेन और चारकोल की पेंसिंल से इस कारीगरी की किया जाता है। 3 हज़ार साल पुरानी इस कारीगरी को आन्ध्रा और तमिलनाडू में बनाया जाता है। साड़ी के धागों को गाय के गोबर और दूध मिलाकर कलर बनाया जाता है। इसकी कीमत ज्यादा नहीं होती और कलमकारी साड़ी को 600 रुपये से लेकर 7000 रुपये तक खरीद सकती हैं।

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