Athritis day 2022: फिश का सेवन अर्थराइटिस मरीजों के लिए किस तरह है लाभदायक

अर्थराइटिस के मरीज अगर फिश का सेवन करते हैं तो इससे उन्हें बहुत अधिक लाभ हो सकता है।

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अर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को इन्फ्लमेशन या सूजन का अहसास होता है। जोड़ों में सूजन व रेडनेस के अलावा आपको गर्माहट भी महसूस हो सकती है। अधिकतर इस स्थिति में लोग दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन इसके अलावा आहार पर ध्यान दिया जाना बेहद आवश्यक है।

अर्थराइटिस के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए भोजन एक औषधि की तरह काम करता है। अमूमन इस स्थिति में महिलाएं कैल्शियम रिच या फिर विटामिन डी युक्त आहार लेने को प्राथमिकता देती है। लेकिन इसके अलावा, आपको ऐसे खाद्य पदार्थ खाने चाहिए, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लमेटरी और एनाल्जेसिक गुण हों। अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो ऐसे में फिश का सेवन करना अर्थराइटिस के मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि फिश का सेवन करना अर्थराइटिस मरीजों के लिए किस तरह लाभकारी साबित हो सकता है-

इसलिए मानी गई है प्रभावी

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अर्थराइटिस की समस्या होने पर फिश का सेवन करना बेहद ही लाभदायी माना गया है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि फिश में ओमेगा -3 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ओमेगा-3 अपने एंटी- इन्फ्लमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। ईकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) को समुद्री फैटी एसिड कहा जाता है, जो मछली से आते हैं। यह फैटी एसिड गठिया से पीड़ित लोगों में सूजन को रोकने में मदद करते हैं।

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शोध में भी हुआ है साबित

शोध में भी यह बात साबित हो चुकी है कि फिश का सेवन अर्थराइटिस के मरीजों के लिए लाभकारी है। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से ओमेगा -3 से भरपूर मछली खाते हैं, उनमें रूमेटोइड गठिया विकसित होने की संभावना काफी कम हो जाती है। वहीं, जिन लोगों को पहले से ही यह बीमारी होती है, उन्हें भी फिश के सेवन से लाभ मिलता है, क्योंकि ओमेगा-3 की उपस्थिति के कारण जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

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अन्य बीमारियों में भी है लाभदायक

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चूंकि ओमेगा -3 में इन्फ्लमेटरी गुण होते हैं, इसलिए अगर फिश को सेवन किया जाए तो यह ना केवल सूजन से जुड़ी गठिया की बीमारी में राहत प्रदान करती हैं, बल्कि सूजन से जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे हृदय रोग को रोकने के लिए भी सहायक होते हैं। हालांकि, यह बेहद आवश्यक है कि आप फिश का चयन बेहद सोच-समझकर करें।

किस फिश को करें डाइट में शामिल

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अब सवाल यह उठता है कि अर्थराइटिस की समस्या से राहत पाने के लिए किस फिश का सेवन किया जाए। ऐसे लोगों के लिए ओमेगा -3 रिच फिश जैसे सैल्मन, टूना, सार्डिन और मैकेरल का सेवनकरना लाभदायी हो सकता है। हालांकि, यह भी अवश्य ध्यान रखें कि कई मछलियों में पारा भी अधिक होता है, जो अधिक खाने पर मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, हमेशा छोटी फिश का ही चयन करें।

ना करें ओवर ईटिंग

यह सच है कि फिश का सेवन अर्थराइटिस के मरीजों के लिए लाभदायक है, लेकिन फिर भी आपको इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में फिश के सेवन से आपको अन्य कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर होगा कि आप सप्ताह में दो से चार बार इन मछलियों को लगभग 100 ग्राम की खाएं। आप फिश के अलावा अपनी डाइट में ग्रीन टी, अदरक, हल्दी, ऑलिव ऑयल व नट्स आदि को शामिल करके भी अपनी स्थिति में सुधार करने का प्रयास करें।

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तो अब आप भी फिश को अपनी डाइट में शामिल करें और अर्थराइटिस के दर्द सहित लक्षणों को कम करें। हालांकि, डाइट में किसी भी तरह के बदलाव से पहले एक बार डॉक्टर का परामर्श लेना आपके लिए लाभकारी रहेगा।

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Image Credit- freepik

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