प्रेग्नेंसी में पहले तीन महीने बहुत ज्यादा नाजुक माने जाते हैं। इस दौरान महिलाओं को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है, नहीं तो इसका सीधा असर बच्चे पर पड़ता है। प्रेग्नेंसी के फर्स्ट ट्राइमेस्टर में महिलाओं को कुछ चीजें नहीं करने और खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि लापरवाही करने से प्रेग्नेंसी के साथ-साथ बच्चे की जान भी खतरे में आ सकती है।
प्रेग्नेंसी का टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद से महिलाओं को अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह बच्चे के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। लेकिन क्या आप जानती हैं प्रेग्नेंसी में कुछ खाने की चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए क्योंकि वह आपकी और बच्चे की सेहत दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी के फर्स्ट ट्राइमेस्टर में क्या-क्या नहीं खाना चाहिए यह हमें डॉ. प्रतिभा सिंघल ने बताया है। डॉ. प्रतिभा सिंघल, क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल, नोएडा में गायनोकॉलोजी और ऑब्स्ट्रेटिक्स डिपार्टमेंट की डायरेक्टर हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने में बैलेंस डाइट लेना आवश्यक माना जाता है क्योंकि यह सीधा बच्चे की सेहत और विकास पर असर डालता है। साथ ही प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में कुछ खाने की चीजों से दूरी रखनी चाहिए क्योंकि इनके सेवन से इंफेक्शन, खाने से होने वाली बीमारियों और अन्य तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
फर्स्ट ट्राइमेस्टर में किन चीजों का नहीं करना चाहिए सेवन?
कच्चा और अधपका मांस ना खाएं
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कच्चा, अधपका, चिकन और अंडों का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे हानिकारक बैक्टीरिया शरीर के संपर्क में आ सकते हैं। इन हानिकारक बैक्टीरिया की वजह से कई बीमारियां हो सकती हैं जो मां और बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रेग्नेंसी की शुरुआत में कच्चे अंडे से बनी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए, जैसे- मयोनीज।
कुछ तरह की फिश
ऐसे तो फिश, प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड का बेहतरीन सोर्स होती हैं। लेकिन कुछ तरह की फिश में हाई लेवल मर्करी मौजूद होता है, जो बच्चे के नर्वस सिस्टम के विकास को नुकसान पहुंचा सकता है। प्रेग्नेंसी में शार्क, स्वॉर्डफिश, किंग मैकेरल और टाइलफिश का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। अगर आप फिश का सेवन करना चाहती हैं तो सेलमन, सार्डिनेस और ट्राउट फिश का सेवन कर सकती हैं।
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अपाश्चुरीकृत डेयरी प्रोडक्ट
अपाश्चुरीकृत दूध और डेयरी प्रोडक्ट का प्रेग्नेंसी में सेवन करने से बचना चाहिए, इसमें कई तरह के सॉफ्ट चीज भी शामिल हैं। कई सॉफ्ट चीज में लिस्टेरिया बैक्टीरिया हो सकता है, जो इंफेक्शन के साथ-साथ मिसकैरिज और स्टिलबर्थ जैसी समस्या भी खड़ी कर सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में हमेशा पाश्चुरीकृत डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करना चाहिए, जिनमें सुरक्षित और नुकसानदायक बैक्टीरिया ना रहे।
कच्ची शेलफिश
कच्ची और अधपकी शेलफिश का सेवन भी नहीं करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इसमें हानिकारक बैक्टीरिया और पैरासाइट हो सकते हैं, जो फूड पॉइजनिंग और गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ा सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में अच्छे से जब तक शेलफिश पकी ना हो तो उसका सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
लिमिट से ज्यादा कैफीन
प्रेग्नेंसी के फर्स्ट ट्राइमेस्टर में लिमिट से ज्यादा कैफीन का सेवन मिसकैरिज और लो-बर्थ वेट की समस्या को बढ़ा सकता है। प्रेग्नेंसी में ज्यादातर एक दिन में 200mg कैफीन का सेवन करने की सलाह दी जाती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, चाय, चॉकलेट, एनर्जी ड्रिंक्स और कुछ तरह के सोडा में भी कैफीन होता है। प्रेग्नेंसी में डाइट के साथ हेल्दी मॉर्निंग रूटीन भी फॉलो करना चाहिए।
अल्कोहल
प्रेग्नेंसी में एल्कोहल के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है, खासकर फर्स्ट ट्राइमेस्टर में। क्योंकि इससे बच्चे के दिमाग के विकास पर असर पड़ सकता है।
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बिना धुले फल और सब्जियां
हेल्दी प्रेग्नेंसी डाइट में फल शामिल करने की सलाह दी जाती है, लेकिन हमेशा ध्यान रहे कि प्रेग्नेंट महिलाएं हमेशा धुले हुए फल और सब्जियों का सेवन करें। क्योंकि बिना धुले हुए फल और सब्जियों पर कई तरह के पेस्टिसाइड और बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिनसे इंफेक्शन होने का खतरा होता है। प्रेग्नेंसी में सुपरहेल्दी फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कच्चा पपिता और अनानास नहीं खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसमें कई तरह के तत्व मौजूद होते हैं जिनसे उलटी की समस्या हो सकती है। इससे फर्स्ट ट्राइमेस्टर में ब्लीडिंग भी हो सकती है। साथ ही दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में प्री-मैच्योर लेबर दर्द की परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह की समस्या होती है तो हमेशा डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
प्रेग्नेंसी के फर्स्ट ट्राइमेस्टर में किन चीजों का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है, यह तो आप समझ ही गई होंगी। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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